'आई लव मोहम्मद लिखना जुर्म नहीं, अगर है तो इसकी हर सजा मंजूर', कानपुर पुलिस पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी
Asaduddin Owaisi: रामनवमी शोभायात्रा गेट के सामने आई लव मोहम्मद का साइन बोर्ड लगाने को लेकर पुलिस ने फआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस ने शांति बहाल करने के लिए बोर्ड और तंबू हटवा दिये हैं.

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के रावतपुर स्थित सैयद नगर में बारावफात के दिन सार्वजनिक मार्ग पर 'आई लव मुहम्मद' का बोर्ड और रामनवमी जुलूस निकलने वाले गेट के पास एक तम्बू लगाने के आरोप में नौ नामजद और 17 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
नई परंपरा की अनुमति नहीं दी जा सकती- पुलिस
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि इस कदम पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई और इसे नई परंपरा बताते हुए इसे उकसाने वाला कदम बताया. उन्होंने कहा कि इस खबर के बाद पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को संभाला. उन्होंने कहा, ''हमने उन्हें बोर्ड और तंबू हटाने के लिए मनाने की कोशिश की और कहा कि सार्वजनिक सड़कों पर किसी भी नई परंपरा की अनुमति नहीं दी जा सकती.''
उन्होंने बताया कि लोगों को समझाने के लिये मुस्लिम धर्मगुरुओं को भी बुलाया गया था, लेकिन शुरुआती प्रयास निरर्थक साबित हुए. बाद में पुलिस ने शांति बहाल करने के लिए बोर्ड और तंबू हटवा दिये.
आई लव मोहम्मद लिखना जुर्म नहीं: ओवैसी
इस पर हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कानपुर पुलिस उपायुक्त को टैग करते हुए लिखा कि आई लव मुहम्मद जुर्म नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर ये जुर्म है तो इसकी हर सजा मंजूर है.
ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "तुम पर मैं लाख जान से कुर्बान या-रसूल...बर आएं मेरे दिल के भी अरमान या-रसूल, क्यों दिल से मैं फिदा न करूं जान या-रसूल...रहते हैं इस में आप के अरमान या-रसूल."
पुलिस उपायुक्त दिनेश त्रिपाठी ने बताया, ''इस मामले में बीते नौ सितंबर को दारोगा पंकज शर्मा की शिकायत पर शराफत हुसैन, बाबू अली, मोहम्मद सिराज, रहमान, इकराम अहमद, इकबाल, बंटी, कुन्नू 'कबाड़ी' और शाहनूर आलम के साथ-साथ दो वाहन चालकों और 15 अज्ञात व्यक्तियों पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और गैरकानूनी तरीके से जमा होने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है.''
उन्होंने कहा कि बोर्ड और तम्बू लगाने वाले लोगों की इस हरकत से कानून-व्यवस्था को खतरा पैदा हो गया था. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.''
ये भी पढ़ें : 'हिन्दू धर्म ने नहीं दिया सम्मान, इसलिए बने सिख, जैन, बौद्ध और लिंगायत धर्म', प्रियांक खरगे का विवादित बयान
Source: IOCL























