(Source: ECI / CVoter)
Parliament Winter Session: ‘हमने राजद्रोह को देशद्रोह में बदला’, क्रिमिनल लॉ में कितने बदलाव, संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने बताया
Amit Shah On Criminal Law: अमित शाह ने बताया कि नए प्रस्तावित क्रिमिनल लॉ दंड की बजाय न्याय पर केंद्रित है. देश के खिलाफ काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. मॉब लिंचिंग पर फांसी की सजा होगी.
Amit Shah Explained Criminal Law : 150 साल पुराने अंग्रेजों के कानून में बदलाव से संबंधित तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल बुधवार (20 दिसंबर) को लोकसभा में पास हो गए हैं. इस दौरान हुई चर्चा में अमित शाह ने इसमें किए गए कई महत्वपूर्ण बदलावों पर विस्तार से अपनी बात रखी है.
उन्होंने बताया कि मॉब लिंचिंग के लिए फांसी होगी, जबकि देश के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलेगा. चर्चा के दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी हमले बोला.
'देश के खिलाफ काम करने वालों को नहीं बख्शेंगे'
गृहमंत्री ने कहा कि हम राजद्रोह की जगह देशद्रोह लेकर आए हैं. आईपीसी ने राजद्रोह को "सरकार के खिलाफ कार्य" के रूप में परिभाषित किया था. अंग्रेजों के जमाने में अगर कोई सरकार के खिलाफ बोलना था तो उसे राजद्रोह माना जाता था लेकिन इस बदलाव में देश के खिलाफ काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. इसमें प्रावधान उन लोगों के लिए है, जो देश की संप्रभुता, सुरक्षा को प्रभावित करते हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार की आलोचना तो कोई भी कर सकता है. सरकार की आलोचना करने पर कोई जेल नहीं जाएगा, लेकिन कोई भी देश के खिलाफ काम नहीं कर सकता.
'गिरफ्तार लोगों के बारे में पूरे देश में रहेगा रिकॉर्ड'
अमित शाह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के बारे में अब हर पुलिस स्टेशन में विवरण दर्ज किया जाएगा और एक नामित पुलिस अधिकारी इन रिकॉर्डों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने तस्करी कानूनों को जेंडर-न्यूट्रल बना दिया है.
'कांग्रेस ने मॉब लिंचिंग पर कानून क्यों नहीं बनाए?'
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानूनों के मुताबिक मॉब लिंचिंग के अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान होगा. उन्होंने कहा कांग्रेस ने मॉब लिंचिंग का इस्तेमाल केवल हमें गाली देने के लिए किया लेकिन जब सत्ता में थी तो कानून क्यों नहीं बनाया?
अमित शाह ने कहा कि नए विधेयकों का उद्देश्य देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पुनर्जीवित करना है, जिसमें "दंड" के बजाय "न्याय" पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. बता दें कि लोकसभा में तीनों आपराधिक कानून संशोधन विधेयक पारित हो गए हैं.
कौन-कौन से हैं नए कानून
लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 पारित हुए हैं. इन्हें पहली बार मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया गया था. अमित शाह ने शीतकालीन सत्र के दौरान विधेयकों का संशोधित संस्करण पेश किया. अमित शाह ने ये भी कहा कि प्रस्तावित कानून पुलिस की जवाबदेही को मजबूत करने के लिए एक प्रणाली लाएंगे.