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15 अगस्त यानी आजादी का दिन, क्या आपने कभी सुने हैं ये 18 अनसुने किस्से?

जब भारत 14 और 15 अगस्त की मध्यरात्रि में पूरी देश आजादी का जश्न मना रहा था उस वक्त आजादी के आंदोलन के सबसे बड़े प्रतिनिधि महात्मा गांधी वहां मौजूद नहीं थे. महात्मा गांधी बंटवारे के फैसले से नाखुश थे.

नई दिल्ली: देश कल आज़ादी की 72वीं वर्षगांठ मनाएगा. 15 अगस्त 1947 का दिन भारतीय इतिहास का सबसे यादगार दिन है. इस दिन ब्रिटेन ने भारत को आजाद करने का फैसला किया था.  हमारी स्वतंत्रता के साथ कई अनसुने अनकहे किस्से जुड़ें हैं. उनमें से कुछ बहुत ही रोचक हैं. आईये नज़र डालें उन्हीं रोचक और रोमांचक किस्सों पर.

 1. क्या आप जानते हैं कि ब्रिटेन ने सन् 1947 में भारत को आजादी देने का फैसला क्यों किया था? 1940 के दशक में हो रहे जबरदस्त आंदोलन ब्रिटिश सरकार पर दबाव बना रहे थे और साथ ही दूसरे विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन खुद भी काफी कमजोर हो गया था इसलिए 1947 में ब्रिटेन ने भारत को आजाद करने का फैसला किया.

 2. ब्रिटेन की लेबर पार्टी ने 1945 में हुए चुनाव में ये वादा किया था कि वो भारत और उसके अलावा दूसरी ब्रिटिश कॉलोनियों को मुक्त कर देंगी. जीत के बाद लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री Clement Attlee ने ये घोषणा कर दी कि जून 1948 तक भारत को पूर्ण स्वराज दे दिया जाएगा.

15 अगस्त यानी आजादी का दिन, क्या आपने कभी सुने हैं ये 18 अनसुने किस्से?

 3. फरवरी 1947 में लार्ड माउंटबेटन को भारत के आखिरी वायसरॉय के पद पर नियुक्त किया गया था ताकि वो सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया करवा सकें. पहले आजादी 1948 में होनी थी लेकिन भारत में बढ़ रहे सांप्रदायिक तनाव के चलते उन्होंने आजादी को अगस्त 1947 में ही देने का फैसला किया.

 4. 3 जून 1947 में लार्ड माउंटबेटन के साथ हुई मीटिंग में भारत की आजादी को लेकर दो बड़े फैसले हुए. पहला भारत के बंटवारे को लेकर जिसके तहत भारत को दो हिस्सों में बांटा गया और दूसरा कि सत्ता के हस्तांतरण 15 अगस्त 1947 को किया जाएगा. इसे “June 3 Mountbatten plan” भी कहा जाता है.

5. भारत के आखिरी वायसरॉय लार्ड माउंटबेटन 15 अगस्त की तारीख को अपने लिए अच्छी मानते थे क्योंकि 15 अगस्त 1945 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान की आर्मी ने उनकी फौज के आगे समर्पण किया था.

 6. जब भारत 14 और 15 अगस्त की मध्यरात्रि में पूरी देश आजादी का जश्न मना रहा था उस वक्त आजादी के आंदोलन के सबसे बड़े प्रतिनिधि महात्मा गांधी वहां मौजूद नहीं थे. महात्मा गांधी बंटवारे के फैसले से नाखुश थे और बंटवारे की वजह से हो रहे साम्प्रदायिक दंगों और तनाव को रोकने के लिए वो कलकत्ता में अनशन कर रहे थे.

15 अगस्त यानी आजादी का दिन, क्या आपने कभी सुने हैं ये 18 अनसुने किस्से?

 7. 15 अगस्त 1947 की सुबह 8.30 बजे वाइसरीगल लॉज, जिसे अब राष्ट्रपति भवन कहा जाता है, वहां आजाद भारत की पहली सरकार का शपथ ग्रहण समारोह शुरु हुआ. भारत के पहले प्रधानमंत्री ने 10.30 बजे काउंसिल हाउस के ऊपर तिरंगा फहराया.

 8. 14-15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि, आजादी मिलने के लगभग 20 मिनट बाद, भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु और पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद लार्ड माउंटबेटन के पास गए उन्हें देश का पहला गवर्नर जनरल बनने का न्योता दिया. साथ ही पंडित नेहरू ने लार्ड माउंटबेटन को एक लिफाफे में पहली कैबिनेट मंत्रियों की सूची सौंपी. जब वो लिफाफा खोला गया तो वो खाली था. लेकिन शपथ ग्रहण समारोह तक गुम हुई सूची ढूंढ ली गई थी.

 9. 15 अगस्त 1947 को ब्रिटेन ने भारत को सत्ता सौंपी थी. उस वक्त भी भारत ब्रिटेन के राजा किंग जॉर्ज 6 के आधीन संवैधानिक राज्य बना था. लेकिन 26 जनवरी 1950 को अपना संविधान लागू करने के साथ ही भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य को पूर्णत खत्म कर खुद को गणराज्य घोषित कर दिया था.

 10. भारत का झंडा पहली बार 7 अगस्त 1906 को कलकत्ता के Parsee Bagan Square में फहराया गया था. उस वक्त झंडे के सबसे ऊपर लाल पट्टी थी जिस पर 8 कमल थे. नीचे हरी पट्टी पर बाईं तरफ सफेद सूरज था और दाईं तरफ चांद और तारा बना था.

11. भारत के तिरंगे को 1921 में Pingali Venkayya (पिंगली वैंकय्या) ने बेज़वाड़ा में बनाया था. वो झंडा उन्होंने दो रंग, लाल और हरे से बनाया था, जो देश के दो सबसे बड़े समुदाय के प्रतीक थे. बाद में लाल रंग को बदल कर केसरी कर दिया गया था. गांधीजी की सलाह पर झंडे के बीच में सफेद रंग की पट्टी डाली गई. सफेद पट्टी बाकी सभी समुदायों का प्रतीक थी. साथ ही गांधीजी ने चरखे को भी डालने को कहा जो कि देश की तरक्की का प्रतीक हो.

 12. 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा में भारत के झंडे को लेकर संविधान सभा में प्रस्ताव पारित किया गया था जिसके अनुसार तिरंगे के किसी भी रंग को किसी भी समुदाय के साथ ना जोड़ा जाए. साथ ही चरखे की जगह अशोक चक्र को रखा गया क्योंकि वो धर्म और शासन का प्रतीक था.

15 अगस्त यानी आजादी का दिन, क्या आपने कभी सुने हैं ये 18 अनसुने किस्से?

 13. भारत की आजादी के बाद पुर्तगाल ने अपने संविधान में संशोधन करके गोवा को पुर्तगाल का हिस्सा घोषित कर दिया था. 19 दिसंबर 1961 को भारतीय फौज ने गोवा पर कब्जा कर उसे भारत का हिस्सा बनाया.

 14. भारत देश का संस्कृत में नाम है भारत गणराज्य. इसलिए इसे भारत कहते हैं. इंडिया शब्द इंडस नदी से आया जहां हमारे देश की पहली सिंधु सभ्यता यानि Indus valley civilization बसी थी. सिंधु सभ्यता दुनिया की सबसे पहली शहरी सभ्यातओं में से एक है.

 15. 3 जून 1947 के भारत देश के विभाजन के फैसले के बाद डेक्कन हेरल्ड अखबार ने 4 जून 1947 का अविभाजित भारत का नक्शा छापा था जिसमें भारत का किस तरह से बंटवारा हो सकता है उसे दिखाया गया था, सभी राज्यों की आबादी भी साथ ही लिखी गई थी. ध्यान से देखिए पंजाब और बंगाल के बंटवारे के फैसले के बारे में सोचा जा रहा है, ये भी इस नक्शे में लिखा गया था.

 16. 15 अगस्त 1947 को भारत के पास कोई राष्ट्रगान नहीं था. वंदे मातरम के साथ स्वतंत्रता का स्वागत किया गया था. इसके साथ ही आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु ने देश को संबोधित किया था.

15 अगस्त यानी आजादी का दिन, क्या आपने कभी सुने हैं ये 18 अनसुने किस्से?

 17. 1947 में 1 डॉलर के मकाबले रुपये की कीमत 1 रुपया थी और सोने का भाव 88 रुपए 62 पैसे प्रति 10 ग्राम था.

 18. 15 अगस्त 1947 को भारत की पहली कैबिनट ने शपथ ली थी. इस कैबिनेट में 5 अलग अलग धर्मों से आए 13 मंत्री थे जिसमें एक महिला भी थीं.

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