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Project Cheetah: कूनो नेशनल पार्क में ऐसे ढल रहे चीते- छह को कोई दिक्कत नहीं, दो को हो रही 'परेशानी'
Kuno National Park: नामीबिया से भारत लाए गए आठ चीते मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में ढलने लगे हैं. विशेषज्ञों ने चीतों की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी है.
![Project Cheetah: कूनो नेशनल पार्क में ऐसे ढल रहे चीते- छह को कोई दिक्कत नहीं, दो को हो रही 'परेशानी' All healthy and calm cheetahs in Kuno National Park adapting well well as expected Project Cheetah: कूनो नेशनल पार्क में ऐसे ढल रहे चीते- छह को कोई दिक्कत नहीं, दो को हो रही 'परेशानी'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/19/14bacc8542c04495a2028c6f4a2539ec1663587067476488_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Cheetah in India: नामीबिया (Namibia) से करीब आठ हजार किलोमीटर की यात्रा करके भारत (India) पहुंचे आठ चीते (Cheetahs) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) के वातावरण ढलने लगे हैं. 15x30 मीटर के बाड़े में चीतों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.
इन आठ चीतों में से एक मादा का नाम पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आशा (Asha) रखा है, जिसकी उम्र चार वर्ष है. पीएम मोदी ने तीन चीते खुद बाड़े में छोड़े थे. शनिवार को पीएम मोदी ने आशा को जब कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था तो वह बाड़े में एक पेड़ की छांव में जाकर बैठ गई थी. भारत में चीतों को फिर से बसाने की उम्मीद के तहत मादा चीते का नाम आशा रखा गया है. भारत में 1952 में चीते विलुप्त घोषित कर दिए गए थे.
बाड़े में चीतों की गतिविधियां
विशेषज्ञों की मानें तो कूनो नेशनल पार्क में 24 घंटे बिताने के बाद छह चीते खुद को नए वातावरण के साथ ढालते नजर आए. वे बाड़े के चारों ओर घूम रहे थे, हर आवाज के प्रति सतर्क थे और जब उन्हें कुछ नया महसूस हुआ तो आवाज कर रहे थे लेकिन बाकी दो थोड़े शर्मीले लगे और घर बसाने में समय ले रहे हैं.
भारतीय वन्यजीव संस्थान के डीन वाईवी झाला ने मीडिया को बताया, ''नामीबिया से 12 घंटे की यात्रा के दौरान चीते सोए हुए थे, इसलिए शनिवार की रात वे बहुत कम सोए. वे नए जंगल के माहौल को महसूस कर रहे थे और हर आवाज सुन रहे थे. वे हर छोटी आवाज पर गौर कर रहे थे लेकिन शांत हैं. दो चीतों को बसने में समय लग रहा है लेकिन वे स्वस्थ हैं."
विशेषज्ञों ने आगे ये बताया
वाईवी झाला ने बताया कि चीतों को शनिवार शाम लगभग 4 बजे पशु चिकित्सकों द्वारा प्रमाणित तीन किलो भैंस का मांस खिलाया गया और उनके संचालकों द्वारा पानी दिया गया. चीता संरक्षण कोष के कार्यकारी निदेशक लॉरी मार्कर ने मीडिया से कहा, ''चीतों की चिकित्सा जांच की गई और जिसमें वे स्वस्थ पाए गए. वे नए घर में अच्छी तरह से ढल रहे हैं.'' मार्कर नामीबिया से भारत तक चीतों के साथ आए हैं. विशेषज्ञों ने बताया कि चीते बाड़े की फेंस को देखते हुए भी नजर आए और दो चीते आपस में लिपटते दिखे.
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के सचिव एसपी यादव ने कहा, "सभी चीते अपेक्षित रूप से अच्छी तरह बर्ताव कर रहे हैं. वे स्वस्थ और शांत हैं. अब तक विशेषज्ञों को कुछ भी ऐसा नहीं मिला जो चिंता पैदा करता हो."
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