‘अधिकारी मेरा अंतिम संस्कार भी कर दें...’, बंगाल में SIR के ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मृत पाए जाने पर बोले TMC पार्षद
SIR in West Bengal: चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दिया है, जिसमें कुल 58 लाख वोटरों के नाम लिस्ट से हटा दिए गए हैं.

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद ड्राफ्ट वोटर जारी कर दी है. ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के जारी होने के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक पार्षद सूर्य डे ने मंगलवार (16 दिसंबर, 2025) को दावा किया कि SIR के ड्राफ्ट में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है, जिसके विरोध में टीएमसी के पार्षद श्मशान घाट पहुंच गए और बोले कि अधिकारी अब मेरा अंतिम संस्कार भी कर दें.
दरअसल, चुनाव आयोग की ओर से जारी किए ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर आपत्ति जताते हुए कोलकाता के दानकुनी नगरपालिका के वार्ड नंबर 18 से टीएमसी पार्षद सूर्य डे ने दावा किया कि उनका नाम के मृत मतदाताओं की लिस्ट में डाल दिया गया है. खुद को मृत घोषित किए जाने के विरोध में पार्षद ने श्मशान पहुंचकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने बूथ लेवल अधिकारी (BLO) के पास एनुमरेशन फॉर्म भी जमा किया था और सभी जरूरी दस्तावेज भी जमा किए थे.
TMC ने चुनाव आयोग पर किया हमला
टीएमसी पार्षद की ओर से दावा किए जाने के बाद ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (AITC) ने भी इसका विरोध किया और चुनाव आयोग पर निशाना साधा. तृणमूल कांग्रेस ने कहा, ‘यह कोई गलती नहीं, बल्कि चुनावी बर्बरता है. दानकुनी के वार्ड नंबर 18 से मौजूद AITC पार्षद 36 वर्षीय सूर्य डे को आधिकारिक रूप से मृत घोषित कर दिया गया है. वह जिंदा हैं, निर्वाचित हैं और सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. इसके बावजूद उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है.’
This is not an error. This is electoral vandalism.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) December 16, 2025
A sitting AITC councillor, Surya Dey, aged 36, has been officially declared “dead” in Ward 18 of Dankuni. Alive, elected, and active, yet erased from the voter rolls.
A valid EPIC, confirmed on the 2025 electoral roll, erased… pic.twitter.com/E8Dj8w5OHF
AITC का कहना है कि सूर्य डे के पास वैध EPIC कार्ड है और उनका नाम 2025 की मतदाता सूची में भी दर्ज था, लेकिन फिर भी बिना किसी नोटिस के उनका नाम हटा दिया गया. पार्टी का आरोप है कि किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना बैकएंड में रिकॉर्ड में बदलाव किए गए और यही वह तरीका है, जिससे बिना बैलेट को छुए चुनावों में हेरफेर किया जा रहा है.
TMC का भाजपा पर आरोप और चुनाव आयोग से सवाल
पार्टी ने कहा, ‘जब निर्वाचित हुए विपक्षी प्रतिनिधियों को लोकतांत्रिक तरीके से हराने के बजाय प्रशासनिक रूप से खत्म किया जाता है, तो इससे इसके पीछे की मंशा साफ दिखाई देती है. इससे भारतीय जनता पार्टी (BJP) को फायदा हो रहा है और चुनाव आयोग इसे संभव बना रहा है.’
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने इस दौरान चुनाव आयोग से कुछ सवालों के जवाबों की भी मांग की है. जिसमें ये सवाल हैं-
- इस धोखाधड़ी को किसने अधिकृत किया?
- प्रस्ताव के बाद रिकॉर्ड में बदलाव किसने किए? और
- मतदाता सूची की व्यवस्था को राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हथियार की तरह क्यों इस्तेमाल किया जा रहा है?
Source: IOCL






















