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UP और MP के बाद अब जल्द ही गुजरात में भी बनेगा 'लव जिहाद' कानून, 10 साल तक की सजा का है प्रस्ताव
जबरन धर्म परिवर्तन कराकर शादी कराने पर रोक लगाने के लिए यूपी और एमपी के बाद गुजरात में भी लव जिहाद पर कानून बनने जा रहा है. इसके लिए गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट, 2003 में संशोधन किया जाएगा. गौरतलब है कि राज्य सरकार बजट सत्र के दौरान लव जिहाद पर सदन में बिल पेश करेगी. विधेयक को मंजूरी मिलते ही ये कानून बन जाएगा.
![UP और MP के बाद अब जल्द ही गुजरात में भी बनेगा 'लव जिहाद' कानून, 10 साल तक की सजा का है प्रस्ताव After UP and MP, now law on 'love jihad' to be made in Gujarat soon, 3 to 10 years sentence is proposed UP और MP के बाद अब जल्द ही गुजरात में भी बनेगा 'लव जिहाद' कानून, 10 साल तक की सजा का है प्रस्ताव](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/15195443/vijay-rupani.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
बीजेपी शासित राज्य मध्यप्रदेश के बाद अब गुजरात में भी 'लव जिहाद' पर कानून बनने वाला है. गौरतलब है कि गुजरात सरकार अब प्यार और शादी के नाम पर जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक विधेयक पेश करने जा रही है. दरअसल गुजरात सरकार ने 'गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट, 2003 'में संशोधन कर इसे और अधिक कठोर बनाने और शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा है. इसके लिए राज्य सरकार विधानसभा सत्र के दौरान एक विधेयक पेश करेगी. विधेयक को मंजूरी मिलते गुजरात देश का तीसरा राज्य बन जाएगा जहां लव जिहाद पर कानून बनाया जाएगा. बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में लव जिहाद पर कानून बनाया जा चुका है.
कानून बनने के बाद लव जिहाद की समस्या से निपटा जा सकेगा
इस बाबत गुजरात सरकार ने कहा है कि धर्म स्वातंत्र्य ( धार्मिक स्वतंत्रता) बिल में संशोधन को बजट सत्र के दौरान पेश किया जाएगा. इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद लव जिहाद जैसी समस्या से निपटा जा सकेगा. इस कानून के बन जाने के बाद जबरन धर्म परिवर्तन कराकर शादी करने पर पांच साल तक की सजा व दो लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान रखा जाएगा. वहीं अगर लड़की नाबालिग है तो इस स्थिति में सात साल की सजा और तीन लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा.
2003 में गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट बनाया गया था
गौरतलब है कि सीएम विजय रूपाणी ने 'लव जिहाद' के खिलाफ एक सख्त कानून लाने का वादा किया था. इस संबंध में विधेयक, मंगलवार को राज्य विधानसभा सचिवालय के साथ प्रस्तुत किया गया था. वहीं सदन में ये बिल एक अप्रैल को पेश किए जाने और इस पर चर्चा व मतदान किए जाने की संभावना हैं. बता दें कि राज्य में साल 2003 में गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट बनाया गया था. इसके तहत बल,लालच और धोखाधड़ी के माध्यम से एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण नहीं कराया जा सकता. साल 2006 में इसमें पहली बार संशोधन किया गया था.
संस्थागत स्तर पर धार्मिक रूपांतरण रोकने के लिए उठाए जाएंगे ठोस कदम
संस्थागत स्तर पर धार्मिक रूपांतरण गतिविधि को रोकने के लिए कानून और भी कड़े उपायों की परिकल्पना करता है. यदि कोई संगठन इसमें शामिल पाया जाता है, तो अधिकतम सजा 10 साल तक है और जुर्माना लगाने की प्रक्रिया रूपांतरण प्रक्रिया में शामिल संगठनों के प्रत्येक सदस्य पर 5 लाख रुपये है. इसके अलावा, किसी भी सरकारी अनुदान को पाने के लिए उस संगठन को अयोग्य भी घोषित कर दिया जाएगा.
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