बंगाल में बढ़ते कोरोना केस और हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सीपीएम ने किया बड़ी चुनावी सभाओं से किनारा
चंडिताला के वामपंथी उम्मीदवार मोहम्मद सलीम ने कोरोना के साथ व्यवहार में केंद्र और राज्य की भूमिका पर सवाल उठाया. वही बुधवार को ममता बनर्जी ने शिकायत की कि घातक वायरस भाजपा के कारण एक भयानक मोड़ ले रहा था.

पश्चिम बंगाल में चुनाव ने दौरान बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामलों के चलते सीपीएम ने बड़ी सभा को रद्द करने का फैसला किया. मोहम्मद सलीम ने कहा कि अब से वाम की ओर से कोई बड़ी सभा या रोड शो नहीं होगा. उन्होंने मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र और राज्य को जिम्मेदार ठहराया.
वाम फ्रंट ने ट्वीट कर बताया की "पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 में CPI(M) के शेष चरणों के दौरान बड़ी सभाओं के आयोजन से परहेज करने का निर्णय लिया है. इसकr बजाय, डोर-टू-डोर अभियानों और सोशल मीडिया-आधारित प्रचार पर जोर दिया जाएगा."
~ @CPIM_WESTBENGAL has decided to refrain from organizing big gatherings during the remaining phases of the ongoing #WestBengalElections2021 .
— CPI(M) WEST BENGAL (@CPIM_WESTBENGAL) April 14, 2021
Instead emphasis will be laid on door-to-door campaign and on social media-based propaganda.#Vote4Left #Vote4SanjuktaMorcha pic.twitter.com/8DBauClC6t
पिछले कुछ दिनों में, राज्य में हर दिन लगभग साढ़े चार हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. चार दौर के वोटों (पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों) के साथ, राजनीतिक दल इस स्थिति में हर दिन बैठकें, जुलूस और रोड शो कर रहे हैं. हजारों लोग वहां जमा हो रहे हैं जिसके कारन यह एक विशाल आकार नहीं ले रहा है. इसीलिए सीपीएम ने वोट के बीच में बड़ी रैली नहीं करने का फैसला किया.
मोहम्मद सेलिम ने बुधवार को अलीमुद्दीन में पत्रकारों से मुलाकात की. वहां उन्होंने कहा, छोटी संख्या में कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ छोटी बैठकें की जाएंगी, केवल कुछ उम्मीदवार घर-घर जाएंगे.
चंडिताला के वामपंथी उम्मीदवार मोहम्मद सलीम ने कोरोना के साथ व्यवहार में केंद्र और राज्य की भूमिका पर सवाल उठाया. वही बुधवार को ममता बनर्जी ने शिकायत की कि घातक वायरस भाजपा के कारण एक भयानक मोड़ ले रहा था. उन्होंने यह भी शिकायत की कि केंद्र वैक्सीन प्रदान नहीं कर रहा था, हालांकि राज्य ने इसके लिए एक से अधिक बार आवेदन किया था.
राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान सभी दलों की ओर से आयोजित चुनावी रैलियों में भारी भीड़ जुट रही है. साथ ही प्रचार के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन बिल्कुल भी नहीं किया जा रहा है. ऐसे में कलकत्ता हाई कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए सभी जिलाधिकारियों से राजनीतिक कार्यक्रम में कोरोना की स्थिति पर नजर रखने को कहा है.
कोरोना संकट के बीच बंगाल में इस बार 8 चरणों में चुनाव हो रहे हैं जिसमें 4 चरणों की वोटिंग हो चुकी है. अन्य राज्यों की तरह बंगाल में भी अब कोरोना से हालात बिगड़ते नजर जा रहे हैं. कल मंगलवार को बीते 24 घंटे में राज्य में कोरोना के 4,817 नए केस सामने आए और यह एक दिन में आए अब तक के सर्वाधिक मामले हैं. इस दौरान मंगलवार को कोरोना से 20 लोगों की मौत भी हुई.
बंगाल ही नहीं राजधानी कोलकाता में भी एक दिन के सर्वाधिक केस दर्ज किए गए. मंगलवार को कोलकाता में 1,271 नए केस सामने आए. जबकि उत्तर 24 परगना में 1,134 संक्रमित मिले. इस दौरान कोलकाता में 11 और उत्तर 24 परगना में 4 लोगों की जान गई. हालांकि, राज्य सरकार का कहना है कि मंगलवार को जिन 20 लोगों की मौत हुई है, उनमें से 12 लोगों को पहले से ही गंभीर बीमारी थी.
चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में अब तक कोरोना के कुल 6,24,224 मामले सामने आ चुके हैं. महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 10,434 तक पहुंच गई है. जबकि 5,84,740 लोग ठीक हो चुके हैं. फिलहाल राज्य में 29,050 मरीजों का इलाज चल रहा है.
Source: IOCL





















