ABP Exclusive: ममता के गढ़ बंगाल में हर महीने तीन दिन रहेंगे शाह, किराए पर घर लेने की है तैयारी
आनंद बाजार पत्रिका से अपनी ताज़ा बातचीत में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने बंगाल के भविष्य की राजनीति से जुड़ी कई बड़ी बातें कही हैं. उन्होंने सबसे बड़ी बात ये कही कि बंगाल में बीजेपी की जोरदार दस्तक के लिए वो हर महीने कोलकाता जाएंगे.

नई दिल्ली: एबीपी ग्रुप के अखबार आनंद बाजार पत्रिका से अपनी ताज़ा बातचीत में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने बंगाल के भविष्य की राजनीति से जुड़ी कई बड़ी बातें कही हैं. इन तमाम बातों में शाह ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ अपनी मंशा साफ कर दी है. उन्होंने सबसे बड़ी बात ये कही कि बंगाल में बीजेपी की जोरदार दस्तक के लिए वो हर महीने कोलकाता जाएंगे और उनके निशाने पर राज्य की 22 सीटें हैं जिसे जीतना उनका लक्ष्य है.
बंगाल में 22 सीटों पर निशाना जब शाह से पूछा गया कि वोटों का प्रतिशत तो बढ़ सकता है लेकिन उनकी पार्टी राज्य में 22 सीटें कैसे जीतेगी, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि बीजेपी त्रिपुरा जीतने वाली है. लेकिन पार्टी ने ये राज्य भी जीत लिया.
बंगाल के लोगों के प्रति लगाव शाह ने आगे कहा कि वो हर महीने वहां तीन दिनों तक रहेंगे और इसके लिए वो किराए पर कमरा लेने की भी सोच रहे हैं. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के लोगों ने उनकी पार्टी और उनके साथ अपना लगाव दिखाया है और वो उसी लगाव को लोगों के प्रति भी ज़ाहिर करना चाहते हैं.
राज्य में विकास का लक्ष्य अमित शाह से जब पूछा गया कि वो बंगाल के लोगों के प्रति अपना ये प्यार कैसे जाहिर करेंगे तब इसके जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में विकास नहीं हुआ है और वो राज्य का विकास करके लोगों के प्रति अपना ये प्यार ज़ाहिर करेंगे.
बढ़ाना है बंगाल का सम्मान शाह ने आगे कहा कि राज्य का विकास होगा तो युवाओं को नौकरी मिलेगी. नौकरी मिलने पर युवा उस रास्ते पर नहीं जाएंगे जिसपर वो लेफ्ट के राज के समय से चले गए हैं. ऐसे में उन्हें व्हाइट कॉलर जॉब करने वाले युवाओं से राज्य का सम्मान बढ़ेगा.
हर बूथ तक पहुंचने की तैयारी शाह ने आगे बताया कि राज्य में मिस कॉल के जरिए मेंबरशिप ड्राइव चलाया जा रहा है और इसके लिए बीजेपी हर बूथ तक पहुंच रही है. सांप्रदायिकता की राजनीति के आरोपों पर शाह ने कहा कि बीजेपी सबका विकास चाहती है, लेकिन ममता बनर्जी एक समुदाय विशेष की राजनीति करती हैं.
बहुसंख्यक बीजेपी के साथ शाह ने इसी सिलसिले में आगे कहा कि राज्य में ज़्यादातर लोग परेशान है और सूबे का बहुसंख्यक बीजेपी के साथ है. राज्य के पंचायत चुनावों में दूसरे नंबर पर रही बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि अभी उन्हें नंबर वन बनना है.
NRC पर आमने-सामने BJP-TMC आपको बता दें कि असम में एनआरसी से 40 लाख से ज़्यादा लोगों के नाम गायब होने के बाद नागरिकता विवाद को लेकर ममता और बीजेपी में जबरदस्त ठनी हुई है. ममता को विपक्ष का चेहरा बनाने की चर्चा हो रही है. इन्हीं चर्चाओं के बीच अमित शाह 11 अगस्त को बंगाल के दौरे पर होंगे.
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असम से जुड़ा नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिजन (एनआरसी) वो दस्तावेज है जिसमें असम के सभी असली नागरिकों का रिकॉर्ड है. इसका सबसे ताज़ा आंकड़ा 30 जुलाई 2018 को यानी आज पब्लिश किया गया है. एनआरसी को नागरिकता से जुड़े 2003 के नियम (नागरिकों का पंजीकरण और उनको पहचान पत्र जारी किया जाना) के तहत अपडेट किया जा रहा है.
साल 2015 में 3.29 करोड़ लोगों ने 6.63 करोड़ दस्तावेजों के साथ एनआरसी में अपना नाम शामिल करवाने के लिए आवेदन किया था. इनमें से 2.89 करोड़ को नागरिकता दी गई है. वहीं, 40 लाख के करीब लोग इसमें अपना नाम शामिल नहीं करवा पाए हैं.
इस लिस्ट की बड़ी बात ये है कि ये राज्य के हर नागरिक तक पहुंचा है. वहीं इसके सहारे सरकार को ये पता चला है कि कौन भारत का नागरिक है और कौन अवैध तरीके से भारत में रह रहा है. ये सारी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी की गई है. देश का सबसे बड़ा कोर्ट लगातार इसकी मॉनिटरिंग करता रहा है.
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