ABP CNX Bengal Opinion Poll: पिछले एक महीने में जानें कैसे बंगाल में सरकार बनाने के बेहद करीब पहुंची बीजेपी
जिस वक्त दूसरा ओपिनियन पोल किया गया था पेट्रोल-डीजल की कीमतों बढ़ रही थी. दूसरे ओपिनियन पोल में 23 फरवरी से पहले तक का डेटा था. उसके बाद नंदीग्राम की घटना हुई, जिसमें ममता बनर्जी के पैर में चोट लगी थी.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग में महज अब कुछ ही दिन बचे हुए हैं. आठ चरणों में राज्य की 294 सीटों के लिए होने जा रही वोटिंग से पहले CNX ने ABP न्यूज के लिए सर्वे किया. सीएनएक्स एबीपी न्यूज की तरफ से 23 मार्च को तीसरी बार यह सर्वे किया गया है. इससे पहले, पहली बार 15 फरवरी और उसके बाद दूसरी बार 8 मार्च को बंगाल चुनाव को लेकर सर्वे किया गया था. आइये बताते हैं क्या है ताजा सर्वे? यह किस तरह पुराने सर्वे से अलग है और इसको लेकर क्या कहना है राजनीतिक विश्लेषक प्रदीप सिंह का.
क्या कहता है 23 मार्च का सर्वे?
23 मार्च यानी मंगलवार को आए इस सर्वे में टीएमसी को 136 से 146 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. बीजेपी को 130-140 सीटें, लेफ्ट-कांग्रेस गठंधन को 14-18 सीटें और अन्य को 1-13 की संभावना व्यक्त की गई है. बंगाल चुनाव के ओपिनियन पोल में बीजेपी को जबरदस्त फायदा मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. सर्वे के मुताबिक टीएमसी और बीजेपी दोनों के बीच कांटे का मुकाबला है. सर्वे के अनुसार किसी को भी स्पष्ट बहुमत मिलता हुआ नहीं दिख रहा है. टीएमसी का वोट शेयर घटकर 40% रहने का अनुमान लगाया गया है. बीजेपी को 38% आने का अनुमान लगाया गया है.
क्या थे पहले 15 फरवरी और 8 मार्च के सर्वे?
15 फरवरी को जब पहली बार एबीपी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल किया गया था उस समय टीएमसी को 146-156 सीटें, बीजेपी को 113-121 सीटें, लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को 20-28 सीटें और अन्य के खाते में 1-13 सीटें आने का अनुमान लगाया गया था. उसके बाद जब 8 मार्च को दूसरी बार जब एबीपी-सीएनएक्स का ओपिनियन पोल कराया गया उसमें टीएमसी को 154-164 सीटें आने का अनुमान लगाया गया, बीजेपी को 102-112 सीटें, लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को 22-30 सीटें और अन्य को 1-3 सीटें आने की संभावना जताई गई थी.
सर्वे का क्या है इशारा?
दरअसल, जिस वक्त दूसरा ओपिनियन पोल किया गया था पेट्रोल-डीजल की कीमतों बढ़ रही थी. दूसरे ओपिनियन पोल में 23 फरवरी से पहले तक का डेटा था. उसके बाद नंदीग्राम की घटना हुई, जिसमें ममता बनर्जी के पैर में चोट लगी थी. इसके साथ ही, पीएम मोदी की रैली हुई. राजनीतिक विश्लेषक प्रदीप सिंह का कहना है कि पीएम मोदी की रैली का वोटरों पर असर हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री वोटरों को अपनी ओर खींचने की ताकत रखते हैं. यही वजह है कि इस सर्वे में इतना बड़ा अंतर देखने मिल रहा है. प्रदीप सिंह का कहना है कि चूंकि चुनाव सर्वे में सही परिणाम नहीं आते हैं लेकिन यह बीजेपी का बढ़ता हुआ आंकड़ा कई इशारे दे रहा है.
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