![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
113 प्रोफेसर ने जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन से खुद को किया अलग, कहा- हिंसक छात्रों को मिल रहा समर्थन
जेएनयू टीचर एसोसिएशन से 113 प्रोफेसर ने अपने आप को अलग किया. उनका कहना है कि एसोसिएशन कैंपस में हिंसक गतिविधियों और छात्रों में मौजूद असामाजिक तत्वों को बढ़ावा दे रहा है.
![113 प्रोफेसर ने जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन से खुद को किया अलग, कहा- हिंसक छात्रों को मिल रहा समर्थन 113 professors separated themselves from JNU Association 113 प्रोफेसर ने जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन से खुद को किया अलग, कहा- हिंसक छात्रों को मिल रहा समर्थन](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/11/22021122/JNU.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: जेएनयू में फीस वृद्धि का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब जेएनयू के 113 टीचर्स ने अपने आप को "जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन" से अलग कर लिया है. एक घोषणा में इन टीचर्स ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ऐसी एसोसिएशन है, जो टीचर्स के लिए टीचर्स द्वारा गठित की गई है. अपने अलगाव की घोषणा करते हुए इन टीचर्स ने लिखा है कि एसोसिएशन अजीब तरह से काम कर रहा है और कैंपस के भीतर टीचर्स और उनके परिवार के लोगों पर छात्रों के बीच मौजूद कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए हमले की निंदा भी नहीं कर रहा है.
28 अक्टूबर 2019 से ऐसे कई मामले सामने आए हैं. इस तरह की रहस्यमई चुप्पी साध कर जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ऐसी हिंसक और पहचान कर हमला करने वाली घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है. जेएनयू के हॉस्टल के वार्डन पर रात में हमला हो रहा है. उनके घरों में घुसा जा रहा है. वॉर्डन के बच्चों को परेशान किया जा रहा है. उनके परिजनों को गालियां दी जा रही हैं, ताकी वे भयभीत हो और ज्यादा परेशान हो.
Explained: अगर देशभर में NRC लागू हुआ तो वै कैसे अमम NRC से अलग होगा
अलग हुए प्रोफेसर्स का कहना है कि महिला एसोसिएट डीन पर हमला किया गया. उन्हें घेरकर गालियां दी गई. उनके साथ बुरा बर्ताव किया गया. डीन के साथ भी बुरा बर्ताव किया गया. उन पर हमला किया गया. जिस एंबुलेंस के जरिए डीन को अस्पताल ले जाया जा रहा था, उसे भी रोका गया जबकि उनके स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट हो रही थी. इस दौरान वहां जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन के तमाम पदाधिकारी मौजूद थे. जब जेन्यू टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों से वहां मौजूद अन्य प्रोफेसरों और टीचर्स ने इस मामले में दखल देने की गुजारिश की तो उनका रवैया नकारात्मक रहा.
साथ ही प्रोफेसर्स ने ये भी कहा कि महिला प्रोफेसर्स को क्लासरूम से मुक्त कराने, जिन्हें अवैध रूप से इन छात्रों ने बंधक बना लिया था, उन्हें मुक्त कराने के लिए मध्यस्था करने को जब इन पदाधिकारियों से कहा गया तब बजाय उन्होंने मदद करने के और मध्यस्था करने के इन पदाधिकारियों ने छात्रों को भड़काया और उल्टा समर्थन देते रहे. जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने महिला प्रोफेसर्स पर हो रहे हमले की घटनाओं और कैंपस में गिरते हुए माहौल रोकने के बजाय छात्रों के समर्थन में अजीब से तर्क दिए, और ऐसा महसूस किया जा रहा है कि जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन के इन पदाधिकारियों और छात्रों में मौजूद असामाजिक तत्वों की मिलीभगत है. इसलिए हम सभी टीचर्स, खुद को जेन्यु टीचर्स एसोसिएशन से खुद को अलग करते हैं.
Explained: BPCL सहित 5 कंपनियां बिकेंगी, सरकार का खजाना कितना भरेगा, क्यों बेची जा रही हैं
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)