UN में भारत की दो टूक, कहा- कश्मीर पर तुर्किए न दे ज्ञान, पाकिस्तान को भी फटकारा
India reply in UN: भारतीय सचिव ने कश्मीर के विषय पर पाकिस्तान और तुर्किए को जवाब देते हुए कहा कि यह भारत का अंदरूनी मामला है और इसमें किसी भी देश को दखल अंदाजी नहीं करनी चाहिए.
India reply in UN: भारतीय सचिव ने कश्मीर के विषय पर पाकिस्तान और तुर्किये को संयुक्त राष्ट्र के मंच पर जोरदार फटकार लगाई है. भारत ने कश्मीर पर तुर्किए और पाकिस्तान के हालिया बयान का जवाब देते हुए कहा कि यह भारत का अंदरूनी मामला है और इसमें किसी भी देश को दखल अंदाजी नहीं करनी चाहिए. इसके साथ ही भारत ने उम्मीद जताई की तुर्किये दूसरी बार ऐसा नहीं करेगा.
वहीं, अंतरराष्ट्रीय मंच के दुरुपयोग के लिए भारत की तरफ से पाकिस्तान के रवैये पर निराशा जाहिर की गई. बता दें कि, पाकिस्तान इससे पहले भी अलग-अलग विषयों पर कश्मीर के मुद्दे को उठाता रहा है, लेकिन इस बार तुर्किये ने भी पाकिस्तान का साथ दिया था.
#WATCH | Exercising India's Right of Reply against Pakistan at High-Level Segment of the 55th Regular Session of the UN Human Rights Council, India's First Secretary Anupama Singh says, "We regret the comment made by Türkiye on a matter that is an internal affair of India, and… pic.twitter.com/HkFvhCpzsw
— ANI (@ANI) February 28, 2024
संयुक्त राष्ट्र की 55वीं मानवाधिकार काउंसिल में पाकिस्तान ने कश्मीर के विषय पर भारत के ऊपर गंभीर आरोप लगाए थे. तुर्किये ने भी इस विषय पर पाकिस्तान का साथ दिया था. भारत पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए भारत की प्रथम सचिव अनुपमा सिंह पाकिस्तान को जमकर लताड़ा और तुर्किये को भी भारत के अंदरूनी मामलों में दखल न देने की चेतावनी दी.
भारत का मुंहतोड़ जवाब
भारत पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए प्रथम सचिव अनुपमा सिंह ने कहा "भारत के अंदरूनी मामले पर तुर्किये की टिप्पणी दुखद है और हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में तुर्किये हमारे अंदरूनी मामलों पर टिप्पणी करने से बचेगा. भारत पर पाकिस्तान की तरफ से लगाए गए आरोपों को लेकर हम कहना चाहेंगे कि एक बार फिर से भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए काउंसिल के मंच का दुरुपयोग दुर्भाग्यपूर्ण है. पूरा जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है. भारत सरकार ने यहां सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ बेहतर प्रशासन के लिए संवैधानिक बदलाव किए हैं और यह भारत का अंदरूनी मामला है."
क्या था तुर्किये का बयान ?
तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में कहा था कि दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और विकास के लिए कश्मीर में न्याय के साथ शांति स्थापित करना जरूरी है. भारत-पाकिस्तान को बातचीत और सहयोग के जरिए यह मामला सुलझाना होगा. कश्मीर में शांति के लिए जो भी कदम उठाए जाएंगे, तुर्किये उनका समर्थन करेगा.
तुर्किये की तरफ से इससे पहले UNHRC में भी कश्मीर का मुद्दा उठाया गया था. उस समय एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र रिजॉल्यूशन के जरिए कश्मीर का मुद्दा हल करने की बात कही थी. पिछले साल भी संयुक्त राष्ट्र की जनरल अलेंबली में तुर्किये ने कहा था कि कश्मीर की समस्या 74 साल से जारी है. दोनों पक्षों को संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर इसे हल करना चाहिए. 2019 में कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद तुर्किये ने कहा था कि इससे हालात और खराब हुए हैं.