एक्सप्लोरर

राजनीतिक यात्राओं ने पहले भी बदली है देश सियासत, क्या राहुल गांधी कर पाएंगे ये करिश्मा?

कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा से काफी उम्मीदें हैं. अब देखना ये होगा कि देश की जनता कांग्रेस के द्वारा उठाए गए मुद्दों को कितना सुनेगी और एक बार फिर से पार्टी पर भरोसा करेगी.

तमिलनाडु के कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर भारत के दो छोर, इसके बीच में पड़ने वाले 12 राज्य, 5 महीने का वक्त और 3570 किलामीटर की लंबी यात्रा. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' का यह रूट है. जिसकी अगुवाई राहुल गांधी कर रहे हैं. पार्टी में एक बार फिर से जान फूंकने के लिए राहुल गांधी पूरे ताकत से जुटे हैं. कांग्रेस के रणीनीतिकारों का मानना है कि इस यात्रा से पार्टी नए अवतार में सामने आएगी.

वैसे भारतीय राजनीति में 'यात्राओं' की भूमिका अहम रही है. आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी ने 'दांडी यात्रा' शुरू की थी. जिसने भारत की जनता को जगाने का काम किया था.  देश में ऐसे कुछ और राजनीतिक यात्राएं जिसने भारतीय राजनीति में गहरी छाप छोड़ी है.

दांडी यात्रा (1930) 
भारत के इतिहास में स्वाधीनता आंदोलन के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की दांड़ी यात्रा को सबसे चर्चित माना जाता है. महात्मा गांधी ने अंग्रेस सरकार द्वारा नमक पर टैक्स लगाए जाने के विरेध में 12 मार्च 1930 को गुजरात के अहमदाबाद साबरमती आश्रम से पादल यात्रा शुरू की. दांड़ी यात्रा को देशभर से मिलते समर्थन को देखते हुए 6 अप्रैल 1930 को अंग्रेजों ने नमक से टैक्स का कानून वापस ले लिया. 

एनटी रामाराव की चैतन्य रथम यात्रा (1982)
दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में 1982 में एनटी रामाराव ने चैतन्य रथम यात्रा नकाली थी, जिसने उन्हें राज्य में शीर्ष पर पहुंचा दिया. 75 हजार किलोमीटर लंबी इस यात्रा ने आंध्र प्रदेश के चार चक्कर लगाए थे, जोकि गिनीज ऑफ वल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. 29 मार्च 1982 को  एनटी रामाराव ने तेलुगु सम्मान में तेलुगु देशम पार्टी का गठन किया जो आज भी राज्य की प्रमुख पार्टी है. चैतन्य रथम यात्रा एक तरह से आजाद भारत की पहली बड़ी राजनीतिक यात्रा है.     

इस यात्रा में एनटी रामाराव ने एक शेवरले वैन में कुछ बदलाव करके राज्य के भ्रमण के लिए रथ बनवाया. एनटी रामाराव एक दिन में 100 जगहों पर रुकते थे, इस यात्रा से रामाराव आंध्र प्रदेश में इतने प्रसिद्ध हो गए थे कि आंध्र की जनता उनका इंतजार किया करती थी.

इसके अलावा वहां की महिलाएं एनटी रामाराव की आरती उतारती थीं. यात्रा खत्म होने के बाद आंध्र प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें तेलुगु देशम पार्टी को राज्य की 294 में से 199 सीटों पर प्रचंड बहुमत मिला. बहुमत मिलने के बाद एनटी रामाराव आंध्र प्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने. 

चंद्रशेखर की 'भारत यात्रा' (1983)
चंद्रशेखर ने 6 जनवरी 1983 से 25 जून 1983 तक कन्याकुमारी से राजघाट (महात्मा गांधी की समाधि) तक भारत यात्रा निकाली थी. यह पदयात्रा 4260 किलोमीटर की हुई थी. चंद्रशेखर की इस पदयात्रा का मकसद लोगों से मिलना और उनकी समस्याओं को समझना था. उन्होंने केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में 15 भारत यात्रा केंद्रों की स्थापना की ताकि वे देश के पिछड़े इलाकों में लोगों को शिक्षित करने और जमीनी स्तर पर काम कर सकें. 

चंद्रशेखर की भारत यात्रा की शुरुआत और मकसद बिखरती जनता पार्टी को एकसूत्र में बांधना था, साथ ही उनमें जोश का संचार करना था. हालांकि इस बीच इंदिरा गांधी की हत्या हो जाती है और उसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में चंद्रशेखर हार जाते हैं. लेकिन इस यात्रा के जरिए उन्होंने खुद को राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा चेहरा बना लिया और दक्षिण से लेकर उत्तर तक के नेताओं से भी अच्छी-खासी दोस्ती हो गई. बाद में चंद्रशेखर प्रधानमंत्री भी बने.

एलके आडवाणी की रथ यात्रा (1990)
1990 में बीजेपी नेता एलके आडवाणी ने राम रथ यात्रा निकाली थी जिसका फायदा पार्टी को आज तक मिल रहा है. 90 के दशक में बीजेपी ने राममंदिर निर्माण आंदोलन को लेकर पूरे देश में यात्रा निकाली. ये यात्रा उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक निकाली गई. रथयात्रा के अगुवा बीजेपी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी थे. यात्रा 25 सितंबर 1990 से गुजरात के सोमनाथ से शुरू हुई, जिसने देश के सौकड़ों शहरों और हजारों गांवों नाप दिया. अपने आखिरी पड़ाव पर यात्रा बिहार पहुंची, लेकिन बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने समस्तीपुर जिले में यात्रा को रोककर आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया.       

इस रथ यात्रा ने भारतीय जनता पार्टी को देश की राजनीति में स्थापित कर दिया. इसके कुछ ही साल बाद पार्टी की केंद्र में सरकार भी बन गई और अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने. रथ यात्रा ही वो टर्निंग प्वाइंट था जहां से बीजेपी की राजनीति ने करवट ली. ये यात्रा के जरिए राम मंदिर आंदोलन हिंदी भाषा राज्यों सहित देश के कई हिस्सों में घर-घर पहुंच गया.  साल 1991 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 120 सीटें मिलीं थी. इससे पहले 1985 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात्र 2 सीटें मिली थीं.  

वाईएसआर रेड्डी की यात्रा (2004)
वाईएसआर रेड्डी कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, उन्होंने 2004 में आंध्र प्रदेश के चेवेल्ला शहर से 1,500 किलोमीटर की पैदल यात्रा की शुरुआत की. देखते ही देखते वाईएसआर रेड्डी को पूरे राज्य का समर्थन मिलने लगा. आंध्र प्रदेश की जनता उन्हें अपना मसीहा मानने लगी. वाईएसआर की यात्रा जिन जिलों से होकर गुजरती लोग उनकी एक झलक पाने को आतुर हो जाते थे. जनता की भीड़ खुद-ब-खुद यात्रा में शामिल होने लगती थी. यात्रा खत्म होने के बाद आंध्र प्रदेश में चुनाव हुए और राज्य की 294 सीटों में से 185 सीटों पर जीत मिली. वाईएसआर रेड्डी की यात्रा के कारण कांग्रेस ने एक बार फिर से राज्य में वापसी की और वाईएसआर रेड्डी मुख्यमंत्री बने. इससे पहले आंध्र प्रदेश में 10 साल से टीडीपी का शासन था.     

जगनमोहन रेड्डी की प्रजा संकल्प यात्रा (2017)
2009 में वाईएसआर रेड्डी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई, जिसके बाद उनके बेटे जगनमोहन रेड्डी को कांग्रेस ने राज्य का मुख्यमंत्री बनाने से मना कर दिया. इसके बाद जगनमोहन रेड्डी ने 2011 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का गठन किया. जगनमोहन लगातार आंध्र प्रदेश में अपने लिए मौके तलाशते रहे, अंत में उनको वो मौका मिल गया. जगनमोहन रेड्डी ने 2017 में पिता की तरह ही 'प्रजा संकल्प यात्रा' निकाली, जिसने उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनवा दिया.  

जगनमोहन रेड्डी ने 6 नवंबर 2017 को कडप्पा जिसे से पदयात्रा शुरू की, जो 430 दिनों तक चली. इस यात्रा ने 430 दिनों में राज्य के 13 जिलों के 125 विधानसभा सीटों को कवर किया, वही 3,648 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए श्रीकाकुलम पहुंची. इस प्रजा संकल्प यात्रा के खत्म होने के बाद 2019 में विभाजित आंध्र प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हुए और वाईएसआर कांग्रेस ने 175 में से 152 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज की. इसी के साथ जगनमोहन रेड्डी के सीएम बनने का सपना साकार हुआ.   

नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा  
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस को वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा की नरसिंहपुर जिले से शुरुआत की. यह यात्रा 192 दिनों तक चली, जिसने 3,300 किलोमीटर की दूरी तय की. दिग्विजय सिंह के साथ उनकी पत्नी भी इस यात्रा में शामिल थीं. नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा पवित्र नर्मदा नदी के दोनों किनारे तक हुई थी. इस यात्रा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीवनदान दे दिया और पार्टी को 114 सीटों पर जीत मिली. कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. 

अब कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा से काफी उम्मीदें हैं. अब देखना ये होगा कि देश की जनता कांग्रेस के द्वारा उठाए गए मुद्दों को कितना सुनेगी और एक बार फिर से पार्टी पर भरोसा करेगी.  लेकिन इसके साथ ही सवाल कांग्रेस की इस यात्रा में यूपी-बिहार को तवज्जो न मिलने पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

 

ABP NEWS

ABP Shorts

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Indian Navy: हूती विद्रोहियों पर फिर भारी पड़ी इंडियन नेवी! भारत आ रहे तेल टैंकर पर हमले को किया नाकाम, क्रू मेंबर्स को बचाया
हूती विद्रोहियों पर फिर भारी पड़ी इंडियन नेवी! भारत आ रहे तेल टैंकर पर हमले को किया नाकाम
Rohini Acharya: सारण से रोहिणी आचार्य के नामांकन में लालू यादव सहित जुटेंगे कई दिग्गज, कांटे की है टक्कर
सारण से रोहिणी आचार्य के नामांकन में लालू यादव सहित जुटेंगे कई दिग्गज, कांटे की है टक्कर
'लड़ाई झगड़े कौन-से परिवार में नहीं होते...' कृष्णा अभिषेक संग तकरार पर बोले गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार
कृष्णा अभिषेक संग तकरार पर बोले गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार
Will Jacks Century: अहमदाबाद में खून के आंसू रोए गेंदबाज! विल जैक्स के विस्फोटक शतक ने तोड़े कई रिकॉर्ड
अहमदाबाद में खून के आंसू रोए गेंदबाज! विल जैक्स के विस्फोटक शतक ने तोड़े कई रिकॉर्ड
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Sam Pitroda के बयान को PM Modi ने बनाया मुद्दा | BJP | Congress | Elections 2024Anupamaa: SHOCKING Update! Anuj के घर में प्रवेश के बाद हुई Anu की 'पहली रसोई,' बनाया हलवा SBSRanbir Kapoor का पैर फिसला तो गिरते-गिरते बचे 'रामायण' के एक्टर, फैंस का कुछ यूं आया रिएक्शनLoksabha Election 2024: फिरोजाबाद में BSP को अपनी जीत पर पूरा भरोसा, SP-BJP पर जमकर बरसे प्रवक्ता

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Indian Navy: हूती विद्रोहियों पर फिर भारी पड़ी इंडियन नेवी! भारत आ रहे तेल टैंकर पर हमले को किया नाकाम, क्रू मेंबर्स को बचाया
हूती विद्रोहियों पर फिर भारी पड़ी इंडियन नेवी! भारत आ रहे तेल टैंकर पर हमले को किया नाकाम
Rohini Acharya: सारण से रोहिणी आचार्य के नामांकन में लालू यादव सहित जुटेंगे कई दिग्गज, कांटे की है टक्कर
सारण से रोहिणी आचार्य के नामांकन में लालू यादव सहित जुटेंगे कई दिग्गज, कांटे की है टक्कर
'लड़ाई झगड़े कौन-से परिवार में नहीं होते...' कृष्णा अभिषेक संग तकरार पर बोले गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार
कृष्णा अभिषेक संग तकरार पर बोले गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार
Will Jacks Century: अहमदाबाद में खून के आंसू रोए गेंदबाज! विल जैक्स के विस्फोटक शतक ने तोड़े कई रिकॉर्ड
अहमदाबाद में खून के आंसू रोए गेंदबाज! विल जैक्स के विस्फोटक शतक ने तोड़े कई रिकॉर्ड
NEET UG 2024: एडमिट कार्ड रिलीज को लेकर सामने आया ये बड़ा अपडेट, जारी होने के बाद ऐसे करें डाउनलोड
नीट यूजी एडमिट कार्ड रिलीज को लेकर सामने आया ये बड़ा अपडेट, जारी होने के बाद ऐसे करें डाउनलोड
राजनीति में अपराध, मेंडक से सासाराम और रेप से पोक्सो एक्ट के आरोपित तक...
राजनीति में अपराध, मेंडक से सासाराम और रेप से पोक्सो एक्ट के आरोपित तक...
Lok Sabha Elections 2024: राहुल गांधी ने किया PAANN का जिक्र, साधा BJP और BJD पर निशाना, जानें क्या बोले
राहुल गांधी ने किया PAANN का जिक्र, साधा BJP और BJD पर निशाना, जानें क्या बोले
Pakistan: शहबाज शरीफ ने इशाक डार को क्यों बनाया पाकिस्तान का डिप्टी पीएम? सामने आई ये वजह
शहबाज शरीफ ने इशाक डार को क्यों बनाया पाकिस्तान का डिप्टी पीएम? सामने आई ये वजह
Embed widget