एक्सप्लोरर

Kaun Pravin Tambe? Review: क्रिकेट के दीवानों को चौंकाएगी यह कहानी, सिने-प्रेमियों को भी आएगा मजा

कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. यह काव्य-पंक्तियां आपने सुनी होंगी लेकिन श्रेयस तलपड़े की फिल्म कौन प्रवीण तांबे में इन्हें साकार होते हुए भी देख सकते हैं.

इंसान जिद ठान ले तो क्या नहीं कर सकता और फिर किस्मत भी बहादुरों का साथ देती है. यह बात अगर आप सुनते आए हैं तो फिल्म ‘कौन प्रवीण तांबे’ में इसे आंखों के आगे घटता हुआ देख सकते हैं. डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज हुई कौन प्रवीण तांबे देखने से पहले संभव है कि आप इस शख्स को न जानें, लेकिन जानने के बाद हैरान होंगे. खेलों की दुनिया के चैंपियन अपनी किशोरावस्था में देश-दुनिया को चौंकाने लगते हैं और पैंतीस-चालीस के बीच अधिकांश बाहर भी हो जाते हैं. लेकिन प्रवीण तांबे ऐसा नाम है, जो उस उम्र में राष्ट्रीय मैदान में पहला कदम रखते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है, जब दिग्गज अलविदा कह रहे होते हैं. यह कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा से कम साबित नहीं होती. यह याद रखना चाहिए कि कुछ पेड़ों पर बहार जरा देर से आती है. कुछ फूल थोड़े विलंब से खिलते हैं.


Kaun Pravin Tambe? Review: क्रिकेट के दीवानों को चौंकाएगी यह कहानी, सिने-प्रेमियों को भी आएगा मजा

कौन प्रवीण तांबे में एक ऐसे ही निम्न-मध्यमवर्गीय मुंबईकर की कहानी कहती है. बचपन से उसका सपना है, क्रिकेट की नेशनल चैंपियनशिप रणजी ट्रॉफी में खेलना. वह मध्यम तेज गति का गेंदबाज है. बल्लेबाजी भी कर लेता है. उसे ऑलराउंडर कह सकते हैं. प्रवीण (श्रेयस तलपड़े) क्रिकेट की धुन में भूल जाता है कि परिवार को उसके सहारे की भी जरूरत हो सकती है. बड़ा भाई उसे निरंतर आगे बढ़ने को प्रेरित करता है मगर मां को चिंता है कि कब प्रवीण जिम्मेदारी समझेगा. कब कमाएगा ताकि उसकी शादी हो सके. प्रवीण की नौकरी भी लगती है और शादी भी होती है. वह दो बच्चों का पिता भी बन जाता है लेकिन उसका सपना पूरा नहीं होता. वह गली क्रिकेट से लेकर स्थानीय टूर्नामेंटों तक सिमटा रहता है. राज्य और देश की टीम में उसके लिए जगह नहीं बनती. मगर वह हार नहीं मानता और पहले 30, फिर 35 और अंततः 40 की उम्र पार करते हुए भी वह अपने सपनों का पीछा नहीं छोड़ता. लगातार मेहनत करता है, सपने देखता है और एक दिन नतीजा सामने आता है. उसे आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलने का बुलावा आता है. वहां प्रवीण क्या चमत्कार करता है, यह आप फिल्म में देख सकते हैं.

41 साल की उम्र में प्रवीण तांबे का बगैर कोई प्रथम श्रेणी मैच खेले, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के साथ एक लीग में खेलना, इंसानी जिद और जुनून की कहानी है. प्रवीण तांबे की यह कहानी क्रिकेट के फैन्स को चौंकाएगी. लेकिन सिनेमा के प्रेमियों को भी इसमें मजा आएगा. भारत में क्रिकेट और सिनेमा, इन दोनों से बढ़ कर कुछ नहीं है. कौन प्रवीण तांबे इन दोनों का बढ़िया कॉकटेल है. यह कंटेंट सिनेमा है, जिसमें एक साधारण परिवार के क्रिकेटर के जमीनी संघर्ष और उसके सपनों को हकीकत में बदलते देखा सकता है. वह साबित करता है कि उम्र कुछ नहीं, सिर्फ एक नंबर है. जिंदगी में लगातार ऊंचे लक्ष्यों के लिए जूझने वालों को यह फिल्म, क्रिकेट की भाषा में जिंदगी का फलसफा भी बताती है, जब कोच विद्या पुलस्कर (आशीष विद्यार्थी) प्रवीण को समझाते हैं, ‘लाइफ हो या मैच, ऑल यू नीड इज वन गुड ओवर.’

Kaun Pravin Tambe? Review: क्रिकेट के दीवानों को चौंकाएगी यह कहानी, सिने-प्रेमियों को भी आएगा मजा

मराठी से आए निर्देशक जयप्रद देसाई ने हिंदी सिनेमा के मैदान में अपना पहला ओवर बढ़िया डाला है. कहानी और फिल्म के हर दृश्य पर उनकी पकड़ दिखती है. खेल के मैदान के दृश्य हों या पारिवारिक रिश्तों की बुनावट, उन्होंने दोनों को समान कौशल से रचा. इस बायोपिक में उन्होंने सिनेमाई छूट लेने के बावजूद कोई हंगामा खड़ा नहीं किया और प्रवीण तांबे की कड़ी मेहनत, निरंतर प्रयास और जीतने की जिद पर फोकस रखा.

प्रवीण तांबे के रोल में श्रेयस तलपड़े ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है. एक प्रतिभावान क्रिकेटर और साधारण इंसान के रूप में वह जमे हैं. उनके अभिनय में यहां कुछ लाउड नहीं है. मैदान और परिवार में वह कहीं नाटकीय नहीं होते. मैदान पर किसी खिलाड़ी की नकल नहीं करते. 2005 में श्रेयस फिल्म इकबाल में मूक-बधिक क्रिकेटर बने थे और उन्हें इसके लिए फिल्मफेयर का बेस्ट डेब्यू अवार्ड तथा जी सिने क्रिटिक्स का बेस्ट ऐक्टर अवार्ड मिला था.

Kaun Pravin Tambe? Review: क्रिकेट के दीवानों को चौंकाएगी यह कहानी, सिने-प्रेमियों को भी आएगा मजा

उस परफॉरमेंस को श्रेयस ने यहां सहजता से दोहराया है. उनकी पत्नी के रूप में अंजली पाटिल और कोच के रूप में आशीष विद्यार्थी की भूमिकाएं सीमित लेकिन प्रभावी हैं. दोनों बढ़िया ऐक्टर हैं. एक अखबार के खेल पत्रकार बने परमब्रत चक्रवर्ती का किरदार यहां रोचक है और वह अंत तक कहानी में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखता है. फिल्म का कैमरा वर्क अच्छा और एडिटिंग कसी हुई है. इससे दो घंटे 13 मिनट की यह फिल्म शुरू से अंत तक बांधे रखती है. कौन प्रवीण तांबे हाल के वर्षों में क्रिकेट पर बनी फिल्मों से अलग, याद रखने योग्य और एक मायने में प्रेरणा लेने जैसी है. हमारे मिडिल क्लास किशोरों-युवाओं को ऐसी फिल्मों की जरूरत है.

ENT LIVE

ABP Shorts

View More
Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान, जानें हिंदुओं से क्या कहा
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले जैक कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाती हैं करीना कपूर? बीवी की ही डाइट फॉलो करके सैफ अली खान भी रहते हैं फिट
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाते हैं करीना कपूर और सैफ अली खान, जानें फिटनेस सीक्रेट
ABP Premium

वीडियोज

Toyota HILUX goes Electric ! | Auto Live #toyota #hilux #toyotahilux
Nissan Tekton vs Renault Duster: Upcoming cars in India | Auto Live
Sansani: 'जानी दुश्मन' औलाद...मम्मी-पापा खल्लास ! | Crime News
Tata Sierra 2025 price, specs, features, engine and all details!| Auto Live
Mahindra XEV 9S first look, interior and features | Auto Live

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान, जानें हिंदुओं से क्या कहा
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले जैक कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाती हैं करीना कपूर? बीवी की ही डाइट फॉलो करके सैफ अली खान भी रहते हैं फिट
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाते हैं करीना कपूर और सैफ अली खान, जानें फिटनेस सीक्रेट
पाकिस्तान को खून के आंसू रुला रहा BLF,  हमले में पहली बार महिला फिदायीन का किया इस्तेमाल, चीनी प्रोजेक्ट बना निशाना
पाकिस्तान को खून के आंसू रुला रहा BLF, हमले में पहली बार महिला फिदायीन का किया इस्तेमाल, चीनी प्रोजेक्ट बना निशाना
Explained: सूरज-सितारों को रहबर बनाकर, हजारों किलोमीटर का सफर कैसे तय करते प्रवासी पक्षी, आखिर भारत ही ठिकाना क्यों?
Explained: सूरज-सितारों को रहबर बनाकर, हजारों किलोमीटर का सफर कैसे तय करते प्रवासी पक्षी, आखिर भारत ही ठिकाना क्यों?
Snake Village India: भारत के इस गांव में सांपों के साथ खेलते हैं बच्चे, हर घर में देखने को मिलेंगे खतरनाक सांप
भारत के इस गांव में सांपों के साथ खेलते हैं बच्चे, हर घर में देखने को मिलेंगे खतरनाक सांप
World Aids Day 2025: भारत में HIV केस रिकॉर्ड स्तर पर, 72% केस युवाओं में! एक्सपर्ट बोले- जागरूकता कैंपेन बेहद जरूरी
भारत में HIV केस रिकॉर्ड स्तर पर, 72% केस युवाओं में! एक्सपर्ट बोले- जागरूकता कैंपेन बेहद जरूरी
Embed widget