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Valentine’s Day 2024: प्रेम और समर्पण का प्रतीक है यह पक्षी, रामायण से जुड़ा है खास संबंध
Valentine’s Day 2024: सारस पक्षी को हमेशा जोड़े में उड़ता हुआ देखा जाता है. इतना ही नहीं इस पक्षी का प्रेम ऐसा होता है कि साथी के बिछड़ने या मृत्यु हो जाने पर दूसरा भी वियोग में प्राण त्याग देता है.
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Valentine’s Day 2024: वैलेंटाइन डे को लेकर चारों ओर प्रेम का माहौल है और प्रेमी युगल जोड़े प्रेम की गहराई में डूबे हैं. 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे यानी प्रेम का दिन मनाया जाता है. इस दिन प्यार करने वाले लोग प्यार का इजहार करते हैं और साथ जीने-मरने की कस्मे खाते हैं. लेकिन प्रेम का अगर सटीक उदाहरण दिया जाए तो इसमें सारस पक्षी का नाम सबसे पहले आएगा.
सारस पक्षी को प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस पक्षी को बहुत ही पवित्र पक्षी माना गया है. यह उत्तर प्रदेश का राजकीय पक्षी है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़, तेलंगाना, उत्तराखंड और असम जैसे राज्यों में इसे पवित्र पक्षी माना जाता है. गोंड जाति के लोग तो सारस को पांच देवताओं के उपासक के रूप में पूजते हैं. वहीं सारस पक्षी का संबंध रामायण से भी जुड़ा है.
प्रेम के परिंदों के रूप में सारस को पहचान
सारस पक्षी को प्रेम का प्रतीक तो माना ही जाता है. इसी के साथ इसे समर्पण का भी प्रतीक माना जाता है. रिश्ते की मजबूती, प्यार और समर्पण को सारस पक्षी बेहतर तरीके से बताते हैं. सारस पक्षी अपने साथी से खूब प्रेम करते हैं और हमेशा जोड़े में ही उड़ना पसंद करते हैं. इनका प्रेम इतना गहरा होता है कि, यदि एक सारस पक्षी की किसी कारण मृत्यु हो जाए तो दूसरा भी खान-पीना छोड़ देता है और वियोग में दम तोड़ देता है. कहा जाता है कि इस पक्षी में भी मनुष्यों की भांति लव फीलिंग होगी है.
रामायण से जुड़ा है सारस का इतिहास
सारस का इतिहास रामायण से जुड़ा है. वाल्मीकि रामायण लिखने की शुरुआत सारस पक्षी के वर्णन के साथ करते हैं. एक शिकारी सारस पक्षी युगल में से एक पर तीर चलाकर अपना शिकार बना लेता है, जिससे दूसरा सारस पक्षी भी तड़प-तड़पकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर देता है. इस घटना से द्रवित होकर महर्षि उस शिकारी को श्राप दे देते हैं. इन पंक्तियों को रामायण में प्रथम श्लोक के रूप में लिपिबद्ध किया गया है.
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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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