Krishna Morpankh: श्रीकृष्ण मुकुट में क्यों लगाते हैं मोरपंख, जानें ये 3 वजह
Krishna Morpankh: कृष्ण भगवान को मोरपंख बहुत प्रिय है.यही वजह है कि उनके मुकुट में मोरपंख हमेशा लगा होता है.मोरपंख उनके सिर पर क्यों सजा है इसके पीछे कई वजह हैं.
Krishna Morpankh: हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. आषाढ़ माह की कृष्ण जन्माष्टमी 20 जून 2022 को है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बांसुरी और मोरपंख के बिना कान्हा का स्वरूप अधूरा है. कृष्ण भगवान को मोरपंख बहुत प्रिय है.यही वजह है कि उनके मुकुट में मोरपंख हमेशा लगा होता है. शास्त्रों के अनुसार विष्णुजी के अवतारों में से सिर्फ कृष्ण ने मोर मुकुट धारण किया है. कान्हा का मोरपंख पहनना केवल प्रेम या उसके प्रति लगाव ही नहीं है बल्कि इसके जरिये भगवान ने कई संदेश भी दिए हैं. मोरपंख उनके सिर पर क्यों सजा है इसके पीछे कई वजह हैं. आइए जानते हैं.
राधा से प्रेम की निशानी
कान्हा के पास मोरपंख होना राधा से उनके अटूट प्रेम की निशानी है.मान्यताओं के अनुसार एक बार क़ृष्ण की बांसुरी पर राधा नृत्य कर रहीं थी तभी उनके साथ महल में मोर भी नाचने लगे.इस दौरान एक मोर का पंख नीचे गिर गया. तब श्री कृष्ण ने इसे अपने माथे पर सजा लिया. मोरपंख को उन्होंने राधा के प्रेम के प्रतीक के रूप में माना.
कालसर्प योग
मोर और सांप की दुश्मनी है.यही वजह है कि कालसर्प योग में मोरपंख को साथ रखने की सलाह दी जाती है.मान्यता है कि श्रीकृष्ण पर भी कालसर्प योग था। कालसर्प दोष का प्रभाव करने के लिए भी भगवान कृष्ण मोरपंख को सदा साथ रखते थे.
शत्रु को दिया खास स्थान
श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम शेषनाग के अवतार थे. मोर और नाग एक दूसरे के दुश्मन हैं. लेकिन कृष्णजी के माथे पर लगा मोरपंख यह संदेश देता है कि वह शत्रु को भी विशेष स्थान देते हें.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.