गुरुवार को करें ये 7 चमत्कारी उपाय! बृहस्पति दोष दूर कर पाएं ज्ञान, सौभाग्य और समृद्धि
Guruwar Ke Upay: बृहस्पति देव की विशेष कृपा पाने के लिए गुरुवार को करें ये 7 सरल उपाय. घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाएँ, धन, ज्ञान और सफलता की प्राप्ति सुनिश्चित करें, जीवन में हर क्षेत्र में लाभ पाएँ.

Lord Vishnu Worship: हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों का अपना विशेष महत्व है, लेकिन गुरुवार का दिन अत्यंत शुभ, पवित्र और फलदायी माना जाता है. यह दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति ग्रह को ज्ञान, धर्म, भाग्य, विवाह, संतान, करियर और समृद्धि का कारक माना गया है. कहा जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है, उनके जीवन में स्थिरता, सम्मान और सौभाग्य बना रहता है.
गुरुवार: बृहस्पति दोष निवारण
मान्यता है कि गुरुवार के दिन विधि-विधान से पूजा, व्रत और दान करने से बृहस्पति ग्रह से जुड़े दोष दूर होते हैं. यदि कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो तो व्यक्ति को विवाह में देरी, करियर में रुकावट, आर्थिक संकट और मानसिक अशांति जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
ऐसे में गुरुवार की पूजा एक प्रभावी और सरल उपाय मानी जाती है. श्रद्धा और नियमपूर्वक किए गए उपायों से देवगुरु बृहस्पति शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.
गुरुवार का दिन श्रद्धा, विश्वास और संयम के साथ मनाया जाए तो यह जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है. नियमित पूजा, व्रत और दान से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है. व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, स्थिरता और सौभाग्य का संचार भी होता है.
गुरुवार और पीले रंग का महत्व
गुरुवार के दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है. पीला रंग ज्ञान, शुभता, सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इस दिन पीले वस्त्र धारण करना, पीले पुष्प अर्पित करना और पीले रंग के भोजन का सेवन करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है. गुरुवार की पूजा व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, विश्वास और सौभाग्य को बढ़ाने वाली होती है.
सरल तरीके से करें गुरुवार की पूजा विधि
गुरुवार की पूजा के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शुद्ध होना चाहिए. स्नान के पानी में थोड़ा गंगाजल या हल्दी मिलाना शुभ माना जाता है. स्नान के बाद साफ और पीले वस्त्र पहनें. इसके पश्चात घर और पूजा स्थल में गंगाजल छिड़ककर वातावरण को पवित्र करें.
अब पूजा स्थल पर भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. पूजा में पीले फूल, चने की दाल, गुड़, बेसन के लड्डू और तुलसी दल अर्पित करें. इसके बाद दीपक और धूप जलाकर मंत्र जाप करें.
“ॐ वृं बृहस्पतये नमः” या “ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नमः” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करने से विशेष फल प्राप्त होता है. माना जाता है कि नियमित मंत्र जाप से बुद्धि, आत्मविश्वास और मानसिक शांति में वृद्धि होती है.
केले के पेड़ का विशेष महत्व
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. इस दिन केले के पेड़ को जल अर्पित करें, जिसमें थोड़ी चने की दाल मिलाई जा सकती है.
इसके बाद गुरुवार व्रत कथा या श्री सत्यनारायण कथा का श्रवण करें और आरती करें. व्रत के दौरान एक समय बिना नमक का पीला भोजन करें. पूजा के बाद प्रसाद गाय को खिलाना अत्यंत शुभ माना गया है.
करें ये सात चमत्कारी उपाय
- गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और हल्दी का तिलक लगाएं. यह उपाय बृहस्पति ग्रह को मजबूत करता है और भाग्य में वृद्धि करता है.
- “ॐ वृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का नियमित जाप करें. इससे ज्ञान, आत्मविश्वास और मानसिक शांति प्राप्त होती है.
- इस दिन पीली वस्तुओं का दान करें, जैसे चने, केले, हल्दी, पीले वस्त्र या पुस्तकें. यह दान बृहस्पति देव को अत्यंत प्रिय है.
- अपने गुरु, माता-पिता और बुजुर्गों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें. इससे जीवन में उन्नति के मार्ग खुलते हैं.
- यदि विवाह में बाधा आ रही हो तो गुरुवार को पीपल के पास केले का पौधा लगाकर उसमें जल अर्पित करें. यह उपाय विवाह योग को मजबूत करता है.
- गुरुवार के दिन नमक का सेवन न करें. इससे आत्मसंयम बढ़ता है और पूजा का फल शीघ्र प्राप्त होता है.
- गुरुवार का व्रत रखें और गुरुवार व्रत कथा या श्री सत्यनारायण कथा का श्रवण करें. इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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