Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2025: बलिदान की अमर गाथा! जानें 'हिंद की चादर' के बलिदान का महत्व और श्रद्धांजलि देने का सही तरीका
Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2025: सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर ने धर्म की रक्षा में अपना सिर दिया लेकिन सिद्धांत नहीं. तेग बहादुर के विचारों को अपनाना उनके शहीदी दिवस पर सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2025: गुरु तेग बहादुर सिख धर्म के 9वें गुरु थे, जिनके बचपन का नाम त्यागमल था. गुरु तेग बहादुर को साहस, शौर्य और धर्म रक्षा का प्रतीक माना जाता है. साल 1675 में उन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों को बलिदान दिया था.
गुरु तेग बहादुर को ‘हिंद की चादर’ भी कहा जाता है. तेग बहादुर का बलिदान भारत के स्वर्णिम इतिहास में अंकित है. 25 नवंबर 2025 गुरु तेग बहादुर की शहादत दिवस मनाई जा रही है. यह दिन हमें न सिर्फ उनके बलिदानी परंपरा की याद दिलाता है, बल्कि हमें जीवन जीने के गहरे मूल्य भी सिखाता है. उनकी यह निर्भीक वाणी उस साहस की मिसाल है जो आज भी आधुनिक समाज को प्रेरित करती है. आज तेग बहादुर की शहीदी दिवस पर उनके सिद्धांत और विचारों को जीवन में अपनाना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी. गुरु तेग बहादुर के विचार न सिर्फ सिखों के लिए बल्कि संपूर्ण मानव जाति लिए अमूल्य है.
- सच्चाई और धर्म रक्षा के लिए हमें अपने प्राणों की आहुति देने में पीछे नहीं हटना चाहिए.
- जो व्यक्ति दूसरों के अधिकारों की रक्षा करता है, वही सच्चा वीर होता है.
- धर्म से बड़ा कोई धन नहीं और जीवन से बड़ा कोई बलिदान नहीं.
- जो व्यक्ति धर्म के लिए संघर्ष करता है वह सदैव अमर रहता है.
- जो व्यक्ति सच्चे धर्म की राह पर चलता है वह कभी हार नहीं सकता.
गुरु तेग बहादुर की शहीदी दिवस पर क्या करें
अरदास करें- गुरुद्वारा जाकर या घर पर पाठ कर सकते हैं. इस दिन जपजी साहिब, सुखमनी साहिब या सरल अरदास करें.
लंगर सेवा- लंगर या भोजन सेवा का आयोजन कराएं या इसमें योगदान दें. क्योंकि गुरु तेग बहादुर साहिब ने सेवा को सर्वोच्च माना. इसलिए आज आप किसी गुरुद्वारा में लंगर सेवा करा सकते हैं.
दान करें- जरूरतमंदों को गर्म कपड़े, कंबल या भोजन का दान करें.
बच्चों को शहादत की कहानी सुनाएं- आज के दिन अपने बच्चों को गुरु तेग बहादुर के शौर्य पराक्रम, सत्य, अहिंसा और बलिदान से जुड़ी कहानियां सुनाएं.
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