एक्सप्लोरर

Pregnancy: विज्ञान भी हैरान! गर्भ में ही बनता है बच्चे का भविष्य, जानिए कैसे

Pregnancy: क्या गर्भधारण केवल एक जैविक प्रक्रिया है? प्राचीन हिंदू संस्कार ‘गर्भाधान’ (Garbhadhan Sanskar) को लेकर विज्ञान और धर्म का मिलन, और यह कैसे अगली पीढ़ी का भविष्य तय करता है, जानते हैं.

Pregnancy: क्या आप जानते हैं कि बच्चे का भविष्य गर्भ में ही तय होने लगता है? यह सिर्फ विज्ञान ही नहीं, बल्कि सनातन धर्म, वेद, पुराण और ज्योतिष शास्त्रों में भी एक गहरी मान्यता है. प्राचीन ग्रंथों में यह बात स्पष्ट रूप से बताई गई है कि गर्भावस्था के दौरान न केवल बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास होता है, बल्कि उसके जीवन की दिशा भी उसी समय निर्धारित होती है. गर्भवस्था के दौरान बच्चे के भविष्य के निर्माण कैसे होता है और यह कैसे विज्ञान, धर्म और ज्योतिष के दृष्टिकोण से जुड़ा हुआ है. जानते हैं.

वेदों और पुराणों में गर्भावस्था का महत्व
वेदों और पुराणों में गर्भवस्था को अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है. भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है, 'मायारूपं न ते यान्ति यानि कर्माणि साध्यते' (भगवद गीता 9.23). इसका अर्थ है कि हमारे कर्म हमारे जीवन के प्रारंभ से ही हमें प्रभावित करते हैं, और यही संकल्प गर्भावस्था में बच्चे के जीवन के लिए भी लागू होते हैं.

गर्भवस्था के दौरान मां का आहार, विचार और मानसिक स्थिति बच्चे के जीवन को प्रभावित करते हैं, और यही विचार सनातन धर्म के सिद्धांतों में भी मिलते हैं. इसके अतिरिक्त, पुराणों में वर्णित है कि जब मां धार्मिक कार्यों और सकारात्मक वातावरण में रहती है, तो इसका प्रभाव बच्चे की मानसिक स्थिति और भविष्य पर पड़ता है.

गर्भ में ही तय होता है भविष्य
ज्योतिष शास्त्र में गर्भावस्था के दौरान ग्रहों का प्रभाव महत्वपूर्ण माना जाता है. गर्भावस्था में ग्रहों की स्थिति और गोचर से बच्चे के भविष्य की दिशा का आकलन किया जा सकता है. यदि मां के घर में शुभ ग्रहों का संयोग हो, तो बच्चे का भविष्य भी सुखमय और समृद्धि से भरा होता है.

ज्योतिष ग्रंथों में यह भी बताया गया है कि मां की कुंडली और ग्रहों के आचार-व्यवहार से बच्चे की राशि, गुण और जीवन के घटनाक्रमों का अनुमान लगाया जा सकता है.

सनातन धर्म में मां और बच्चे का रिश्ता
सनातन धर्म में मां को देवता माना जाता है और यह विश्वास है कि मां की भावनाएं, आहार और मानसिक स्थिति बच्चे के जीवन को प्रभावित करती हैं. यजुर्वेद में कहा गया है, "मातृदेवो भव" (यजुर्वेद 36.9), अर्थात् मां के प्रति आदर और सम्मान जरूरी है. इसके अलावा, धार्मिक क्रियाएं और पूजा अर्चना गर्भवस्था के दौरान बच्चे के जीवन को सही दिशा में प्रभावित करती हैं.

मां की मानसिक स्थिति, विचार और धार्मिक कार्यों का सीधा असर बच्चे के जीवन और भविष्य पर पड़ता है. अगर मां सकारात्मक विचारों और अच्छे आहार से अपनी गर्भावस्था को जीती है, तो इसका लाभ बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है.

विज्ञान और धर्म का संगम: बच्चे का भविष्य और गर्भावस्था
विज्ञान ने भी यह साबित किया है कि गर्भावस्था के दौरान मां के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का सीधा असर बच्चे पर पड़ता है. स्ट्रेस, नकारात्मक भावनाएं और गलत आहार बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित कर सकते हैं.

वहीं, एक स्वस्थ और सकारात्मक वातावरण में पलने वाला बच्चा जीवन भर खुशहाल और मानसिक रूप से स्थिर रहता है. गर्भवस्था के दौरान धार्मिक अनुष्ठान और ज्योतिषीय उपायों का पालन करने से बच्चे का भविष्य बेहतर और सुखमय बन सकता है. इसलिए गर्भाधान सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि वैज्ञानिक सोच है. कैसे यह संस्कार आज के दौर में भी जीवन और समाज को नई दिशा दे सकता है. जानते हैं..

1. आज की दौड़ती-भागती ज़िंदगी में संतान प्लानिंग क्या सिर्फ मेडिकल प्रोसेस है?
आजकल IVF, फर्टिलिटी क्लिनिक, और प्लान्ड प्रेगनेंसी आम बातें हो गई हैं. लेकिन एक सवाल है, क्या एक शिशु का निर्माण केवल एक मेडिकल इवेंट है या मानसिक, सामाजिक और आत्मिक स्तर पर भी इसकी तैयारी होनी चाहिए?
 
2. भारत के प्राचीन ग्रंथों में पहले ही था समाधान–'गर्भाधान संस्कार'
हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में पहला है, गर्भाधान संस्कार (Garbhadhan Sanskar). इसका उद्देश्य था,'श्रेष्ठ संतान की उत्पत्ति , शुद्ध मन, शुभ समय और संस्कारित विचारों से.' यह कोई अंधविश्वास नहीं, बल्कि साइकोलॉजिकल और बायोलॉजिकल सिंक्रोनाइजेशन का बेहतरीन उदाहरण है.
 
3. विज्ञान भी मानता है, संतान की नींव गर्भ से पहले ही बनती है
WHO और आधुनिक मनोवैज्ञानिक यह स्वीकार करते हैं कि माता-पिता की मानसिक स्थिति, तनाव स्तर, और आजीवन आदतें भ्रूण पर असर डालती हैं. आयुर्वेद के अनुसार, 'शुद्ध बीज और उत्तम भूमि व शुभ ऋतु से ही उत्तम गर्भ संभव है. यह आज के DNA health, gene therapy, और mental wellness से मेल खाता है.
 
4. गर्भाधान संस्कार में क्या होता था?
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) में संतान की कामना की जाती थी, न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक एकाग्रता के साथ. देवताओं का आह्वान, संस्कारमंत्रों का उच्चारण, और पवित्र आचरण के साथ गर्भ की नींव रखी जाती थी. पति-पत्नी को नकारात्मक विचारों, क्रोध, मांसाहार, तामसिक प्रवृत्तियों से दूर रखा जाता था.
 
5. सिर्फ संतान नहीं, समाज को संस्कार मिलते हैं
गर्भाधान संस्कार (Garbhadhan Sanskar) का गहरा सामाजिक पक्ष भी है, यह संतान को जन्म से पहले ही धार्मिक चेतना, धैर्य, सहनशीलता और कर्तव्यों का बोध देने का माध्यम है. आज की पीढ़ी को directionless कहने की बजाय, यह समझना होगा कि उनका संस्कार बीज स्तर से कैसे तैयार हुआ है.
 
6. आधुनिक पैरेंट्स के लिए क्यों ज़रूरी है ये सोच?
आज के माता-पिता मानसिक तनाव, डिजिटल डिस्ट्रैक्शन और अव्यवस्थित जीवनशैली से जूझ रहे हैं. ऐसे में अगर वे गर्भ से पहले एक माइंडफुल, जागरूक, और संवेदनशील योजना अपनाएं, तो संतान केवल शारीरिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी सक्षम होगी.
 
7. क्या करें आज के मॉडर्न कपल्स? प्रैक्टिकल गाइड
गर्भधारण से पहले 3-6 महीनों का mental detox करें. रोज 15 मिनट ध्यान करें, ओम मंत्र जपें, और पॉजिटिव सोचें. अपनी डाइट और रिश्ते की गुणवत्ता सुधारें. शास्त्रीय ग्रंथों से संतान के संस्कारों की तैयारी का अध्ययन करें, या किसी योग्य पंडित या गुरु से मार्गदर्शन लें.
 
8. भविष्य वहीं से बनता है जहां जीवन शुरू होता है, गर्भ से!
गर्भाधान संस्कार (Garbhadhan Sanskar) सिर्फ परंपरा नहीं, एक दूरदर्शी विज्ञान है, जो पीढ़ियों को दिशा दे सकता है. आज के आधुनिक युग में इसे फिर से समझने और अपनाने की ज़रूरत है, ताकि अगली पीढ़ी सिर्फ टेक-सैवी न हो, बल्कि संवेदनशील, संस्कारी और सामर्थ्यशाली भी हो.
 
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q. गर्भाधान संस्कार कब करना चाहिए?
A. शास्त्रों के अनुसार, मासिक धर्म के बाद 4-16 दिन के बीच शुभ मुहूर्त में करना चाहिए.
 
Q. क्या गर्भाधान का कोई वैज्ञानिक आधार है?
A. हां, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य गर्भधारण को प्रभावित करते हैं , यह बात आधुनिक साइकोलॉजी और न्यूरोसाइंस भी मानते हैं.
 
Q. क्या IVF से गर्भाधान संस्कार जुड़ सकता है?
A. हां, मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता IVF प्रक्रिया में भी अपनाई जा सकती है.

वैज्ञानिक तथ्यों और प्राचीन धार्मिक मान्यताओं का संगम यह साबित करता है कि गर्भवस्था के दौरान ही मां के आचार-व्यवहार, विचार और आस्थाओं का गहरा प्रभाव बच्चे के जीवन पर पड़ने लगता है. यही कारण है कि सनातन धर्म, वेद, पुराण और ज्योतिष में इस समय को अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यही वह समय है जब एक बच्चे का भविष्य संवरता है.

गर्भवस्था के दौरान सही आहार, सकारात्मक सोच, धार्मिक अनुष्ठान और ज्योतिषीय उपायों का पालन करने से न केवल बच्चे का शारीरिक विकास बल्कि उसका भविष्य भी उज्जवल और समृद्ध हो सकता है.

About the author Hirdesh Kumar Singh

हृदेश कुमार सिंह- वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य। मीडिया रणनीतिकार। डिजिटल कंटेंट विशेषज्ञ

हृदेश कुमार सिंह 25 वर्षों से वैदिक ज्योतिष, धर्म, अध्यात्म और डिजिटल पत्रकारिता पर कार्य कर रहे एक बहुआयामी विशेषज्ञ हैं. वर्तमान में वे ABPLive.com में Astro और Religion सेक्शन का नेतृत्व कर रहे हैं, जहां वे ग्रहों की चाल को आधुनिक जीवन की दिशा में बदलने वाले संकेतों के रूप में प्रस्तुत करते हैं. हृदेश कुमार सिंह एक सम्मानित और अनुभव ज्योतिषी हैं.

इन्होंने Indian Institute of Mass Communication (IIMC, New Delhi) से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है और Astrosage व Astrotalk जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स के साथ भी ज्योतिष सलाहकार के रूप में कार्य किया है. वे मीडिया रणनीति, कंटेंट लीडरशिप और धार्मिक ब्रांडिंग के विशेषज्ञ हैं.

प्रसिद्ध भविष्यवाणियां जो समय के साथ सच साबित हुईं- IPL 2025 के विजेता की पूर्व घोषणा. हनी सिंह की वापसी और संगीत सफलता. भारत में AI नीति बदलाव की अग्रिम भविष्यवाणी. डोनाल्ड ट्रंप की पुनः राष्ट्रपति पद पर वापसी और उसके बाद के निर्णय. पुष्पा 2: द रूल की बॉक्स ऑफिस सफलता और अल्लू अर्जुन के करियर ग्राफ.

शेयर बाजार क्रैश 2025 और दिल्ली की मुख्यमंत्री को लेकर भविष्यवाणी. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई का सटीक पूर्वानुमान. क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी के डेब्यू और लोकप्रियता का संकेत. ये सभी भविष्यवाणियां शुद्ध वैदिक गणना, गोचर, दशा-अंतरदशा और मेदिनी ज्योतिषीय विश्लेषण पर आधारित थीं, जिन्हें समय ने सत्य सिद्ध किया.

विशेषज्ञता के क्षेत्र: वैदिक ज्योतिष, संहिता, होरा शास्त्र, अंक ज्योतिष और वास्तु. करियर, विवाह, शिक्षा, लव लाइफ, बिज़नेस, हेल्थ के लिए ग्रहों और मनोविज्ञान का समन्वित विश्लेषण. कॉर्पोरेट नीति, ब्रांड रणनीति और मीडिया कंटेंट प्लानिंग में ज्योतिषीय हस्तक्षेप. डिजिटल धर्म पत्रकारिता और गूगल रैंकिंग के अनुकूल धार्मिक कंटेंट का निर्माण करने में ये निपुण हैं.

उद्देश्य: 'ज्योतिष को भय या भाग्य का उपकरण नहीं, बल्कि जीवन के लिए बौद्धिक और आध्यात्मिक सहारा बनाना' हृदेश कुमार सिंह का मानना है कि ज्योतिष केवल प्रश्नों का उत्तर नहीं देता, वह सही समय पर साहसिक निर्णय लेने की दिशा दिखाता है.

अन्य रुचियां: फिल्मों की संरचनात्मक समझ, संगीत की मनोवैज्ञानिक गहराई, साहित्यिक दर्शन, राजनीति की परख. बाजार की समझ और यात्राओं से अर्जित मानवीय अनुभव ये सभी उनके लेखन में एक बहुस्तरीय अंतर्दृष्टि जोड़ते हैं. उनकी रुचियां केवल विषयगत नहीं, बल्कि उनके हर लेख, भविष्यवाणी और रणनीति को संवेदनशीलता और संस्कृति से जोड़ने वाली ऊर्जा हैं.

Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

बांग्लादेश की पूर्व PM खालिदा जिया के जनाजे में भारत की ओर से कौन होगा शामिल? सामने आया नाम
बांग्लादेश की पूर्व PM खालिदा जिया के जनाजे में भारत की ओर से कौन होगा शामिल? सामने आया नाम
Exclusive: नुसरत परवीन के पास नौकरी ज्वाइन करने के लिए कल तक का वक्त, क्या करेंगी?
Exclusive: नुसरत परवीन के पास नौकरी ज्वाइन करने के लिए कल तक का वक्त, क्या करेंगी?
Aviva Baig Religion: किस धर्म से ताल्लुक रखती हैं प्रियंका गांधी वाड्रा की होने वाली बहू अवीवा बेग?
Aviva Baig Religion: किस धर्म से ताल्लुक रखती हैं प्रियंका गांधी वाड्रा की होने वाली बहू अवीवा बेग?
टी20 वर्ल्ड कप से पहले पाकिस्तान को बड़ा झटका, शाहीन अफरीदी इस लीग से बाहर; गेंदबाजी के दौरान हुए चोटिल
टी20 वर्ल्ड कप से पहले पाकिस्तान को बड़ा झटका, शाहीन अफरीदी इस लीग से बाहर

वीडियोज

West Bengal: 'भीख मांगने गए थे गठबंधन के लिए...'- Congress पर प्रदीप का सनसनीखेज दावा
Bengal Politics: वोट बैंक के लिए ममता ने बांग्लादेशियों को दिया सहारा? | Pradeep Bhandari | ABP
Bengal Politics: Mamata लाईं घुसपैठिया?, Amit Shah का गंभीर दावा | Mahadangal | Chitra Tripathi
Ahemdabad News:सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर आपस में क्यों भीड़ गए दो गुट? | Gujarat | Violence
UP SIR List: ड्राफ्ट रोल कल नहीं होगा जारी, निर्वाचन आयोग ने दी नई तारीख, जानें- अब कब आएगी लिस्ट?

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
बांग्लादेश की पूर्व PM खालिदा जिया के जनाजे में भारत की ओर से कौन होगा शामिल? सामने आया नाम
बांग्लादेश की पूर्व PM खालिदा जिया के जनाजे में भारत की ओर से कौन होगा शामिल? सामने आया नाम
Exclusive: नुसरत परवीन के पास नौकरी ज्वाइन करने के लिए कल तक का वक्त, क्या करेंगी?
Exclusive: नुसरत परवीन के पास नौकरी ज्वाइन करने के लिए कल तक का वक्त, क्या करेंगी?
Aviva Baig Religion: किस धर्म से ताल्लुक रखती हैं प्रियंका गांधी वाड्रा की होने वाली बहू अवीवा बेग?
Aviva Baig Religion: किस धर्म से ताल्लुक रखती हैं प्रियंका गांधी वाड्रा की होने वाली बहू अवीवा बेग?
टी20 वर्ल्ड कप से पहले पाकिस्तान को बड़ा झटका, शाहीन अफरीदी इस लीग से बाहर; गेंदबाजी के दौरान हुए चोटिल
टी20 वर्ल्ड कप से पहले पाकिस्तान को बड़ा झटका, शाहीन अफरीदी इस लीग से बाहर
रणवीर सिंह की जगह अब ऋतिक रोशन होंगे डॉन? 19 साल बाद फिर से शुरू हुई बातचीत!
रणवीर सिंह की जगह अब ऋतिक रोशन बनेंगे डॉन? 19 साल बाद फिर से शुरू हुई बातचीत!
ताजमहल: मोहब्बत की इमारत पर सियासत की स्याही! 'सफेद कब्रिस्तान' कहने वाले कोई शर्म तुमको न आई
ताजमहल: मोहब्बत की इमारत पर सियासत की स्याही! 'सफेद कब्रिस्तान' कहने वाले कोई शर्म तुमको न आई
Artery Blockage Symptoms: हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचना है? जानिए धमनियों को हेल्दी रखने के 3 तरीके
हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचना है? जानिए धमनियों को हेल्दी रखने के 3 तरीके
सरकार की इस स्कीम से बेटियों को मिलते हैं 50 हजार रुपये, जान लें आवेदन की प्रोसेस
सरकार की इस स्कीम से बेटियों को मिलते हैं 50 हजार रुपये, जान लें आवेदन की प्रोसेस
Embed widget