एक्सप्लोरर

Muslim funeral traditions: इस्लाम धर्म में मुस्लिम शव का दाह संस्कार क्यों नहीं करते! जानिए धार्मिक मान्यताओं के बारे में

funeral traditions in Islam: प्रत्येक धर्म में मरने के बाद अंतिम संस्कार का तरीका अलग होता है. हिंदू धर्म में दाह संस्कार तो इस्लाम में दफनाया जाता है. लेकिन इस्लाम धर्म में शव जलाते क्यों नहीं हैं?

Muslim funeral traditions: मरने के बाद शरीर को किस तरह विदा किया जाए, यह हर धर्म की अपनी परंपराओं और मान्यताओं पर आधारित होता है. जहां एक ओर कई धर्मों में अंतिम संस्कार के लिए दाह संस्कार यानी शव को जलाने की परंपरा होती है, वहीं दूसरी तरफ इस्लाम धर्म में शव को जलाया नहीं बल्कि दफनाया जाता है. आइए जानते हैं इसके पीछे इस्लाम का क्या मानना है?

इस्लाम कहता है कि जब कोई व्यक्ति मौत के करीब हो, तो उसके परिवार के सदस्यों और करीबी दोस्तों को मौजूद रहना चाहिए. उन्हें मरते हुए व्यक्ति के लिए अल्लाह से आशा और दया की दुआ करनी चाहिए.

जैसे ही व्यक्ति की मृत्यु हो जाए, वहां मौजूद लोगों को मृतक की आंखें और निचला जबड़ा बंद कर देना चाहिए और शरीर को साफ चादर से ढक देना चाहिए.

इस्लाम में दाह संस्कार क्यों निषेध
इस्लाम धर्म में किसी की मौत होने पर उसका दाह संस्कार करने की जगह दफनाया जाता है. इस्लाम धर्म में दाह संस्कार करना हराम माना जाता है. इस्लाम धर्म में दाह संस्कार एक अशुद्ध प्रथा मानी जाती है, जो मृतक का अपमान करती है.

इस्लामिक कानून शरिया के अनुसार मौत के बाद शव को जितनी जल्दी हो सके, दफना देना चाहिए, अर्थात अंतिम संस्कार की तैयारियां तुरंत शुरू कर देनी चाहिए. 

शव को दफनाने से पहले गुस्ल जरूरी
एवरप्लेन बेवसाइट के मुताबिक इस्लाम धर्म में शव को दफनाने से पहले उसे धोना (ग़ुस्ल) और कफ़न देना अनिवार्य है. किसी मुसलमान की मौत होने पर उसे तीन बार धोने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही शव को हमेशा विषम संख्या में धोना चाहिए, अगर शव अच्छे से साफ न हो तो उसे बार-बार धोया जा सकता है.

इस्लाम धर्म में शव को दफनाने से पहले क्रमबद्ध तरीके से धोया जाता है. जिसमें सबसे पहले ऊपरी दाहिना हिस्सा, ऊपरी बायां हिस्सा, निचला दाहिना भाग, निचला बायां भाग. वही किसी मुस्लिम महिला की मौत होने पर बाल धोकर तीन चोटियां बनाई जाती है.शव को साफ करने के बाद उसे सफेद चादर से ढक देना चाहिए.

शव को दफन करने से पहले की तैयारी
शव को कफन देने के लिए तीन बड़े सफेद चादरों को एक के ऊपर एक करके बिछाना चाहिए, फिर शव को चादर के ऊपर रखना चाहिए. संभव हो तो मृतक का बायां हाथ सीने पर और दायां हाथ बाएं हाथ के ऊपर, नमाज की मुद्रा में होना चाहिए. इसके बाद चादरों को शरीर पर दाएं से बाएं की ओर मोड़ना शुरू करें, जबतक की शव ढक न जाएं.

फिर कफन को रस्सियों से बांधना चाहिए, एक सिर के ऊपर, दो शरीर के चारों तरफ और एक पैर के नीचे. इसके बाद शव को दफन की नमाज के लिए मस्जिद ले जाना चाहिए. 

जनाज़े की नमाज समुदाय के प्रत्येक सदस्यों को करनी चाहिए. ये नमाज मस्जिद के बाहर पढ़ी जानी चाहिए, मंदिर के अंदर नहीं. नमाज को प्रार्थना कक्ष या मस्जिद के आंगन में पढ़नी चाहिए. इस दौरान नमाज पढ़ने वालों का मुख किबला अर्थात मक्का की ओर होना चाहिए. 

इस्लाम में दाह संस्कार न करने के धार्मिक कारण?
शरीर अल्लाह की अमानत
इस्लाम धर्म के मुताबिक इंसान का शरीर अल्लाह की बनाई हुई सबसे अनमोल अमानत है. इसे जलाना या अपमानित करने का मतलब अल्लाह की अमानत का अपमान करना है. इसलिए शव को सम्मान के साथ दफनाया जाता है. 

दफनाना सुन्नत का काम
पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) ने अपने अनुयायियों को सीख दी थी कि मरने के शव को दफनाना चाहिए. इस बात का जिक्र कुरान और हदीस में भी देखने को मिलता है. यह वजह कि जब कोई मुसलमान मरता है तो उसे दफनाया जाता है. 

आग से जलाना यातना देने की तरह
इस्लाम में आग का संबंध जहन्नुम (नरक) की सजा से है. शव को जलाने का मतलब मृत आत्मा को अनावश्यक कष्ट देना समझा जाता है. इस वजह से भी इस्लाम में शव जलाने की परंपरा नहीं रही है. 

कयामत के दिन पुनर्जीवन 
इस्लाम के मुताबिक कयामत के दिन अल्लाह हर इंसान को जीवित करेगा. इसलिए शरीर को मिट्टी में दफनाना इस विश्वास का प्रतीक है कि इंसान उसी मिट्टी से एक बार फिर जन्म लेगा. 

पैग़म्बरों और सहाबा की परंपरा
इस्लाम में पहले पैग़म्बर हज़रत आदम (अ.स.) से लेकर पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) तक सभी नबियों और सहाबा (साथियों) को दफ़नाया गया था। इसलिए यह परंपरा मुसलमानों के लिए एक धार्मिक फ़र्ज़ का प्रतीक है.

शव किबला की ओर दफन किया जाता है
सलात उल जनाजा की नमाज पढ़ें जाने के बाद शव को दफन के लिए कब्रिस्तान की ओर ले जाए. दफन करते समय केवल पुरुष की उपस्थिति की ही अनुमति होती है. इसके बाद क्रब को किबला के लंबवत में खोदना चाहिए. क्रब खोदने के बाद शव का मुंह किबला की ओर करके दफनाना चाहिए.

शव को कब्र में रखने के बाद उसके ऊपर लकड़ी या पत्थर की एक परत रखी जाती है. फिर वहां मौजूद समुदाय के प्रत्येक सदस्य कब्र में तीन मुट्ठी मिट्टी डालते हैं. कब्र भर जाने के बाद उसके ऊपर पत्थर या एक निशान लगाया जाता है, ताकि कब्र को पहचाना जा सकें.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

अंकुर अग्निहोत्री ज्योतिष और धार्मिक विषय के जानकर हैं, ये बीते एक साल से abplive.com से जुड़े हुए हैं और विभिन्न विषयों पर लेखन कार्य कर रहे हैं. इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी भोपाल से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है. दिल्ली में जन्मे अंकुर अग्निहोत्री को अंक शास्त्र, वैदिक ज्योतिष, वास्तु शास्त्र, स्वप्न शास्त्र में विशेष रुचि रखते हैं. ये डिजीटल प्लेट फॉर्म पर ज्योतिष को लोकप्रिय और इसकी विश्वनीयता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं, इनका मकसद नई पीढ़ी को ज्योतिष, धर्म और आध्यत्म की शक्ति से रूबरू कराना है. ज्योतिष व धर्म के साथ इनको साहित्य पढ़ने और फिल्में देखने का भी शौक है.

Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

अमेरिकी ड्रोन, इजरायली बम, पिनाका और मिसाइलें... 79 हजार करोड़ की खरीद को मंजूरी, PAK के पैरों तले खिसक जाएगी जमीन!
US से MQ-9 ड्रोन, इजरायल से बम, पिनाका और Astra मिसाइलें... 79 हजार करोड़ की खरीद को मंजूरी
रामपुर: जेल में बंद आजम खान की तबियत खराब, पत्नी-बेटे और बहन ने की मुलाकात
रामपुर: जेल में बंद आजम खान की तबियत खराब, पत्नी-बेटे और बहन ने की मुलाकात
'नफरत रातों-रात पैदा नहीं होती', देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या पर राहुल गांधी का रिएक्शन
'नफरत रातों-रात पैदा नहीं होती', देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हत्या पर राहुल गांधी का रिएक्शन
Year Ender 2025: इस साल टेस्ट में 10 सबसे न्यूनतम स्कोर बनाने वाली टीमें; दूसरे नंबर पर भारत
इस साल टेस्ट में 10 सबसे न्यूनतम स्कोर बनाने वाली टीमें; दूसरे नंबर पर भारत

वीडियोज

2025 में जन्मे bollywood के नन्हे चमकते सितारे: Katrina-Vicky, Kiara-Sidharth, Parineeti-Raghav, Bharti-Haarsh
Mannat:🤷‍♀️करीब आकर भी रहे गए दूर, Mannat-Vikrant की अधूरी कहानी पर Suspense बरकरार #sbs
Health Insurance है लेकिन काम का नहीं? | Policy Review क्यों ज़रूरी है| Paisa Live
Top News: दोपहर की बड़ी खबरें | Unnao Case | Aravalli | Delhi Pollution | Bangladesh Violence | BMC
Maulana Shahabuddin Razvi ने मुस्लिमों से नए साल का जश्न ना मनाने की अपील | New Year 2026

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अमेरिकी ड्रोन, इजरायली बम, पिनाका और मिसाइलें... 79 हजार करोड़ की खरीद को मंजूरी, PAK के पैरों तले खिसक जाएगी जमीन!
US से MQ-9 ड्रोन, इजरायल से बम, पिनाका और Astra मिसाइलें... 79 हजार करोड़ की खरीद को मंजूरी
रामपुर: जेल में बंद आजम खान की तबियत खराब, पत्नी-बेटे और बहन ने की मुलाकात
रामपुर: जेल में बंद आजम खान की तबियत खराब, पत्नी-बेटे और बहन ने की मुलाकात
'नफरत रातों-रात पैदा नहीं होती', देहरादून में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या पर राहुल गांधी का रिएक्शन
'नफरत रातों-रात पैदा नहीं होती', देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हत्या पर राहुल गांधी का रिएक्शन
Year Ender 2025: इस साल टेस्ट में 10 सबसे न्यूनतम स्कोर बनाने वाली टीमें; दूसरे नंबर पर भारत
इस साल टेस्ट में 10 सबसे न्यूनतम स्कोर बनाने वाली टीमें; दूसरे नंबर पर भारत
2025 की 5 लो बजट रीजनल फिल्में, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर बनाए रिकॉर्ड
2025 की 5 लो बजट रीजनल फिल्में, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर बनाए रिकॉर्ड
यह डॉक्यूमेंट नहीं तो डीटीसी की बसों में फ्री सफर नहीं कर पाएंगी महिलाएं, जानें पूरी बात
यह डॉक्यूमेंट नहीं तो डीटीसी की बसों में फ्री सफर नहीं कर पाएंगी महिलाएं, जानें पूरी बात
Video: धुरंधर के गाने पर जमकर थिरकी पाकिस्तान की महिला पुलिसकर्मी- Fa9la पर लगाए ठुमके- वीडियो वायरल
धुरंधर के गाने पर जमकर थिरकी पाकिस्तान की महिला पुलिसकर्मी- Fa9la पर लगाए ठुमके- वीडियो वायरल
यूपी में जल्द आ रही TGT-PGT की भर्तियां, 30 हजार से ज्यादा पदों पर होगी भर्ती
यूपी में जल्द आ रही TGT-PGT की भर्तियां, 30 हजार से ज्यादा पदों पर होगी भर्ती
Embed widget