Navratri 2022 Mantra: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के बाद अवश्य करें ये आरती और मंत्र जाप
नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है. मां के नाम से ही पता लग रहा है कि ब्रह्म यानि तपस्या का आचरण करने वाली मां. इन्हें तपस्चारिणी के नाम से भी जाना जाता है.

नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है. मां के नाम से ही पता लग रहा है कि ब्रह्म यानि तपस्या का आचरण करने वाली मां. इन्हें तपस्चारिणी के नाम से भी जाना जाता है. 3 अप्रैल यानी कल ब्रह्मचारिणी मां की पूजा की जाएगी. मान्यता है कि किसी भी देवी-देवता की पूजा आरती और मंत्र जाप के बिना अधूरी मानी जाती है. कल मां ब्रह्माचारिणी की पूजा के बाद उनकी आरती और मंत्र जाप अवश्य करें. ऐसा करने से भक्तों की सभी इच्छाएं जल्द पूरी होगी.
मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र
1 – दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु| देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥
परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
2 – या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
3 – दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
4 – ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी.
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते..
5 – ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रूं ब्रह्मचारिण्यै नम:
ब्रह्मचारिणी की आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
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