रिश्तों में न पनपने दें शक की बीमारी, इन बातों का रखें खास ख्याल
आधुनिक जीवन शैली में पति और पत्नी के रिश्ते कमजोर हो रहे हैं. शक की बीमारी आग में घी का काम कर रही है. गलती न होने के बाद एक दूसरे के बीच संवादहीनता और खुलकर बात न करने की आदत से भी यह समस्या बढ़ रही है.

नई दिल्ली: पति पत्नी के रिश्ते रेशम की डोर की तरह होते हैं. विश्वास पर चलने वाले इस रिश्ते में शक की वजह से दरार आने लगती है. आजकल पति पत्नी के रिश्तों में शक जहर घोल रहा है. शक एक ऐसी वजह है जो पति और पत्नी के संबंधों को खराब करने में बड़ी भूमिका निभा रहा है.
शक के कारण हर साल देश में बड़ी संख्या में परिवार टूट जाते हैं. लेकिन इस समस्या से निपटा भी जा सकता है. इसके लिए पति और पत्नी को एक दूसरे के लिए समर्पित होना पड़ेगा. आधूनिक जीवन शैली का पति पत्नी के रिश्तों पर भी असर पड़ रहा है. जानकार मानते हैं कि देश में होने वाले अधिकतर तलाक की वजह शक ही है. पति को पत्नी पर शक है तो पत्नी को पति पर शक है.
जानकार मानते हैं कि एक दूसरे को ठीक ढंग से न समझ पाने के कारण शक का बीज पनपता है. इससे बचने के लिए आपस में खुलकर बातचीत करें. सामाजिक और व्यवहारिक बनें. इससे जिम्मेदारियां बढ़ेंगी और रिश्तों की अहमियत समझ में आएगी. महानगरों में इसका अभाव होने और एकल परिवार की धारणा के चलते भी शक की बीमारी तेजी से फैल रही है.
घर में रिश्तों को निभाने की कोशिश करनी चाहिए. ऑफिस का माहौल घर में लाने से भी संबंधों में खराबी आती है. पति और पत्नी एक दूसरे को समय दें. एक दूसरे का सम्मान करें. आध्यात्म का सहारा लें. ऐसा करने से रिश्तों में शक को आने से रोका जा सकता है. एक दूसरे के प्रति ईमानदार होना चाहिए. कोशिश करें कि छोटी छोटी खुशियों को साथ में जिया जाए.
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