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क्या सिर्फ पुरुष के स्पर्म से तैयार होता है बच्चा? जानें कैसे होता है एक भ्रूण का जन्म
भ्रूण का जन्म एक लंबी और जटिल प्रक्रिया होती है, जो प्रेगनेंसी से लेकर बच्चे के जन्म तक जारी रहती है. इस प्रक्रिया में कई जरूरी स्टेज होते हैं, जिनकी मदद से पेट में बच्चा तैयार होता है.

भ्रूण का विकास
Source : pexels
अक्सर ये माना जाता है कि बच्चा सिर्फ पुरुष के स्पर्म से बनता है. लेकिन बच्चे का जन्म सिर्फ पुरुष के स्पर्म से नहीं होता, बल्कि इसमें महिला के शरीर में बहुत सारे कॉम्प्लेक्स प्रोसेस का हिस्सा होता है. दरअसल, एक हेल्दी भ्रूण को तैयार करने के लिए पुरुष और महिला दोनों जरूरी होते हैं. महिलाओं के शरीर का जरूरी पार्ट यूट्रस की मदद से बच्चे का विकास होता है. इसके अलावा, महिला के शरीर में ओवरी, फैलोपियन ट्यूब और वजाइना जैसे स्ट्रक्चर भी होते हैं, जो प्रेग्नेंसी की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाते हैं. वहीं पुरुष के शरीर में स्पर्म होता है, जो बच्चे के जन्म में मदद करता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि एक भ्रूण का जन्म कैसे होता है.
एक भ्रूण का जन्म कैसे होता है?
एक भ्रूण का जन्म कैसे होता है?
भ्रूण का जन्म एक लंबी और जटिल प्रक्रिया होती है, जो प्रेगनेंसी से लेकर बच्चे के जन्म तक जारी रहती है. इस प्रक्रिया में कई जरूरी स्टेज होते हैं, जिनकी मदद से पेट में बच्चा तैयार होता है. इसे तीन मुख्य चरणों में बांटा गया है. जर्मिनल, भ्रूणीय, और भ्रूण. ज्यादातर लोग इनके बारे में नहीं जानते, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान इनको समझना बहुत जरूरी हो सकता है.
1. अंकुरण अवस्था (जर्मिनल स्टेज)
यह स्टेज प्रेग्नेंसी के बाद की सबसे छोटी अवस्था होती है. जब पुरुष का स्पर्म महिला के अंडाणु से मिलकर जाइगोट बनाता है, तो यह यूट्रस की ओर बढ़ता है. इस प्रक्रिया के दौरान, जाइगोट कई बार डिवाइड होता है और ब्लास्टोसिस्ट बनता है, जो यूट्रस की दीवार में इंप्लांटेड हो जाता है और अगर यह सफल होता है, तो प्रेग्नेंसी की शुरुआत होती है और शरीर हार्मोन का प्रोडक्शन शुरू करता है.
2. भ्रूणीय अवस्था (एंब्रीयॉनिक स्टेज)
यह स्टेज प्रेगनेंसी के तीसरे हफ्ते से लेकर आठवें हफ्ते तक होती है. इस दौरान ब्लास्टोसिस्ट अपने साइज में चेंज होता है और उसे भ्रूण कहा जाता है. इस समय, शरीर के पार्ट्स जैसे दिमाग, हाथ-पैर, और आंखें बनना शुरू होते हैं. हार्ट भी तैयार होता है और यह धड़कने लगता है. इस दौरान कई महिलाएं सुबह की मतली या उल्टी भी हो सकती है.
3. भ्रूण अवस्था (फेटल स्टेज )
यह स्टेज प्रेग्नेंसी के नौवें हफ्ते से लेकर जन्म तक चलता है. इस दौरान भ्रूण में लिंग का डिटरमिनेशन हो जाता है और उसके जरूरी पार्ट्स मैच्योर होने लगते हैं. बाल, नाखून, और पलकों की ग्रोथ भी होती है. भ्रूण अब अपने अंगों को हिलाने में भी तैयार होता है, हालांकि महिला को इसकी हलचल प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते तक महसूस नहीं हो सकती है. इस स्टेज में भ्रूण का साइज और वजन तेजी से बढ़ता है.
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