Thyroid Test: इस तरह चेक करें अपनी थायराइड टेस्ट रिपोर्ट, जानिए T1, T2, T3, T4 और TSH का क्या है मतलब?
Thyroid Test: अगर आपने पहली बार अपना थायरॉइड टेस्ट कराया है तो जानिए कैसे चेक करें अपनी टेस्ट रिपोर्ट? जानिए थायरॉइड हार्मोन के तकनीकी नामों T1, T2, T3, T4 और TSH का मतलब क्या है?
Thyroid Test Report: थायरॉइड आजकल आम बीमारी हो गई है. हर 10 में से 4 लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. थायरॉइड हार्मोन शरीर में मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करते हैं. इस प्रक्रिया में आप जो खाना खाते हैं, वह ऊर्जा में बदल जाती है. शरीर इस ऊर्जा का इस्तेमाल पूरे सिस्टम को चलाने के लिए करता है. थायरॉइड भले ही आम बीमारी हो लेकिन अभी भी बहुत सारे लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. कई लोग जब थायरॉइड का टेस्ट कराते हैं तो इसकी रिपोर्ट में आने वाले मेडिकल टर्म्स के बारे में जानकारी नहीं होती.
थायरॉइड की टेस्ट रिपोर्ट में T1, T2, T3, T4 TSH जैसे टर्म्स लिखे होते हैं. जिसके बारे में आम लोगों को पता नहीं होता. अगर आपने टेस्ट कराया है तो हम आपको थायरॉइड की रिपोर्ट में आने वाले इन नंबर्स के बारे में बता रहे हैं. जिससे आप अपनी रिपोर्ट के बारे में थोड़ा बहुत समझ सकते हैं.
थायरॉइड में T0, T1, T2, T3, T4 और TSH क्या होता है?
थायराइड की रिपोर्ट में लिखे गए ये नंबर्स थायरॉइड के लेवल का पता लगाने के लिए होते हैं. टेस्ट में आने वाले इन नंबर्स से ही ये पता चलता है कि आपकी थायरॉइड ग्रंथि कितने अच्छे से काम कर रही है.
T0, T1, T2- अगर आपकी रिपोर्ट में ये नंबर आते हैं तो ये हार्मोन प्रीकर्सर्स और थायरॉइड हार्मोन के उपोत्पाद हैं. ये थायरॉइड हार्मोन रिसेप्टर पर काम नहीं करते और पूरी तरह से इनएक्टिव रहते हैं.
T3 टेस्ट- थायरॉइड में T3 टेस्ट ट्राईआयोडोथायरोनिन लेवल का टेस्ट होता है. आमतौर पर जब T4 और TSH के बाद हाइपोथायरायडिज्म की आंशका होती है तो इस टेस्ट को कराने के लिए डॉक्टर्स कहते हैं. आपमें किसी में ओवरएक्टिव थायरॉइड ग्लैंड के लक्षण हैं तो भी डॉक्टर T3 टेस्ट करवाते हैं. T3 की नॉर्मल रेंज 100-200 ng/dL होती है. अगर इससे ज्यादा हो जाए, तो यह ग्रेव्स नामक बीमारी का संकेत देता है.
T4- स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में थायरॉइड T3 और T4 हार्मोन्स सही रहता है. अगर ये घट-बढ़ जाए तो परेशानी की बात है. इन दोनों लेवल को शरीर में टीएसएच हार्मोन कंट्रोल करता है. जिसे थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन कहते हैं. ज्यादातर T4 और TSH को साथ कराया जाता है. T4 टेस्ट को थायरॉक्सिन टेस्ट कहते हैं. T4 का हाई लेवल ओवरएक्टिव थायरॉइड ग्लैंड की ओर इशारा करता है.
TSH टेस्ट- इस टेस्ट के जरिए ब्लड में थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन्स की जांच करते हैं. इससे थायरॉइड ग्रंथि के बारे में पता लगाया जाता है. कहीं थायरॉइड ग्रंथि अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव तो नहीं है. शरीर के लिए ये दोनों ही स्थितियां खतरनाक होती हैं. TSH की नॉर्मल रेंज 0.4 -4.0 mIU/L के बीच होती है. अगर TSH का लेवल 2.0 से ज्यादा है, तो अंडरएक्टिव थायरॉइड यानी हाइपोथायरॉडिज्म बढ़ने का खतरा है. जबकि TSH का कम स्तर ओवरएक्टिव थायरॉइड की निशानी है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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