Navratri 2024: उपवास के दौरान क्या आपको भी होती है एसिडिटी और गैस की समस्या तो करें ये उपाय
Shardiya Navratri 2024: उपवास करने से कुछ लोगों को एसिडिटी की समस्या हो सकती है. विशेषज्ञ के अनुसार इससे बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार है. जिसके दौरान पूरे भारत और दुनिया भर के भक्त देवी दुर्गा और उनके नौ दिव्य रूपों की पूजा करते हैं. इस साल यह 3 अक्तूबर से 17 अक्तूबर 2024 तक मनाया जाएगा. वैसे तो लोग इस शुभ त्यौहार को कई तरीकों से मनाते हैं, लेकिन उपवास इन नौ दिनों के दौरान किए जाने वाले सबसे आम अनुष्ठानों में से एक है.
आम तौर पर, उपवास का मतलब है खाने-पीने की चीज़ों से परहेज़ करना. यह आपके स्वास्थ्य या धार्मिक या नैतिक उद्देश्यों के लिए हो सकता है. लेकिन आपके उपवास का कारण चाहे जो भी हो. उपवास रखने वाले लोगों द्वारा बताई जाने वाली एक आम समस्या एसिडिटी है. हमने एक विशेषज्ञ से पूछा कि क्या दोनों आपस में जुड़े हुए हैं और लक्षणों को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है.
हार्टबर्न या रेट्रोस्टर्नल जलन की परेशानी
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक खाना नहीं खाने से गैस्ट्रिक एसिड बनने लगते हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं. गैस्ट्रिक एसिड सीधे एसोफैजियल म्यूकोसा को परेशान कर सकता है. जिसके परिणामस्वरूप हार्टबर्न या रेट्रोस्टर्नल जलन महसूस होती है. हालांकि, कुछ रिसर्च बताते हैं कि उपवास, विशेष रूप से आंतरायिक उपवास, एसिडिटी और हार्टबर्न में सुधार कर सकता है.'जर्नल ऑफ क्लिनिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी' में पब्लिश एक रिसर्च में पता चला है कि एक पैटर्न में खाना या उपवास करना चाहिए. जैसे- 16 घंटे का उपवास और 8 घंटे बाद खाना. इससे गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) के लक्षणों में सुधार हो सकती है.
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रिसर्च ने बताया कि जीईआरडी वाले 25 मरीजों में एसिड का लेवल और रिफ्लक्स की निगरानी की. जबकि सभी ने पूरी तरह से योजना का पालन नहीं किया. दिलचस्प बात यह है कि जिन लोगों ने किया, उनमें एसिड के संपर्क में थोड़ी कमी देखी गई और उपवास की अवधि के दौरान हार्टबर्न और उल्टी कम महसूस हुई.
उपवास के दौरान इन चीजों को जरूर फॉलों करें
उपवास के दौरान भरपूर मात्रा में पानी और जूस पिएं. पानी से भरपूर वाले फल और तरबूज खाएं. जिसमें नैचुरल शुगर होते हैं.छाछ और ठंडा दूध इलेक्ट्रोलाइट्स का एक प्राकृतिक स्रोत प्रदान कर सकता है और पाचन तंत्र पर सुखदायक प्रभाव डाल सकता है.
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गुनगुना पानी हाइड्रेटेड रहने और पाचन में सहायता करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है.अपने उपवास के बाद की दिनचर्या में पुदीना या कैमोमाइल चाय को शामिल करने पर विचार करें. क्योंकि हर्बल इन्फ्यूजन में शांत करने वाले गुण होते हैं जो असुविधा को कम कर सकते हैं और पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं.
अपना उपवास तोड़ते समय, आसानी से पचने वाले, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों जैसे फलों और सब्जियों पर ध्यान दें.बादाम और अन्य जटिल कार्बोहाइड्रेट निरंतर ऊर्जा प्रदान करते हैं और स्वस्थ पाचन में सहायता करते हैं.गर्म पानी में एक चम्मच सौंफ़ के बीज, काला जीरा या लौंग शामिल करना सूजन, अपच, मतली और कब्ज को नियंत्रित करने का एक प्राकृतिक तरीका हो सकता है.
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