तांबे के बर्तन से पानी पीकर आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती... जानें आखिर क्यों बिगड़ रही सेहत?
जब पानी को तांबे के बर्तन में 6 से 8 घंटे या रातभर के लिए स्टोर किया जाता है तो कॉपर के कुछ छोटे अंश पानी में घुल जाते हैं. इस प्रक्रिया को ओलिगोडायनामिक इफेक्ट के रूप में जाना जाता है.

हाल के वर्षों में लोग हेल्थ को लेकर अवेयर हुए हैं. इसके लिए डेली रूटीन में प्राचीन तरीकों को शामिल करना शुरू किया. इनमें से एक सबसे अधिक पॉपुलर हुआ, वह है तांबे के बर्तन (कॉपर वेसल) का पानी पीना. वर्कप्लेस से लेकर घरों तक में कॉपर बोतल व अन्य बर्तन दिखने को मिल जाएंगे. आयुर्वेदिक ट्रेडिशन में इस तरीके से पानी पीने को हेल्थ के लिए कई तरह से बेनिफिशियल माना गया है, लेकिन क्या साइंटिफिक दृष्टिकोण भी यही है? क्या रोज इसका सेवन करना सुरक्षित है? आइए जानते हैं...
कैसे हुई शुरुआत?
तांबे के बर्तन में पीने के पानी को स्टोर करने की प्रथा प्राचीन भारत और मिस्र से चली आ रही है. आयुर्वेद में इसे ताम्र जल के रूप में जाना जाता है. ये शरीर के तीन दोषों (वात, पित्त और कफ) को बैलेंस करने, बॉडी को डिटॉक्सीफाई करने और ओवरऑल वायटेलिटी को बढ़ाने में मददगार माना जाता है.
क्या पानी में घुलता है तांबा?
जब पानी को तांबे के बर्तन में 6 से 8 घंटे या रातभर के लिए स्टोर किया जाता है तो कॉपर के कुछ छोटे अंश (टाइनी कॉपर आयन) पानी में घुल जाते हैं. इस प्रक्रिया को ओलिगोडायनामिक इफेक्ट के रूप में जाना जाता है. ये बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट (स्टरलाइज) कर देते हैं.
ये होते हैं फायदे
- इम्युनिटी बूस्टर: कॉपर में एंटीमाइक्रोबायल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. जो बॉडी को इंफेक्शन और इंफ्लेमेशन से लड़ने में मददगार बनाते हैं.
- डाइजेस्टिव सिस्टम: कॉपर हार्मफुल बैक्टीरिया को किल करता है. इसके साथ पेट में सूजन, अल्सर, इनडाइजेशन और इंफेक्शन से बचाव में भी उपयोगी है.
- वेट कंट्रोल: कॉपर के बर्तन में स्टोर पानी वेट कंट्रोल भी करता है. ये बॉडी में एस्क्ट्रा फैट को अधिक एफिशिएंट तरीके से हटाने में सहायक होता है.
- स्किन बनाता है हेल्दी: बॉडी में कॉपर मेलेनिन के प्रोडक्शन में मदद करता है, जो स्किन को रिजेनरेटिव करने के साथ दाग-धब्बों को ठीक करने में मदद करता है.
- थायरॉयड रहता है बैलेंस: थायरॉयड ग्लैंड फंक्शन के लिए कॉपर जरूरी है और इसकी कमी इम्बैलेंस से जुड़ी हुई है.
कॉपर बोतल का कैसे करें यूज?
- बोतल को साफ पानी से भरें. इसे रातभर या कम से कम 6 घंटे के लिए छोड़ दें.
- तांबे के बर्तन के पानी से अच्छे परिणाम हासिल करने के लिए इसका सुबह खाली पेट सेवन करें.
- कॉपर के ओवरलोड से बचने के लिए दिन में केवल एक या दो बार ही इसका उपयोग करें.
- एसिडिक लिक्विड (जैसे नींबू पानी) को स्टोर न करें. ये कॉपर लिचिंग का कारण बन सकता है.
इतनी मात्रा में लेना चाहिए कॉपर, इन बातों का रखें ध्यान
ज्यादा मात्रा में कॉपर का सेवन शरीर में टॉक्सिटी (विषाक्तता) पैदा कर सकता है. मतली, उल्टी, पेट में दर्द और लीवर को नुकसान पहुंचने जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं. एडल्ट पर्सन को डेली 0.9 मिलीग्राम कॉपर की मात्रा लेने की सलाह दी जाती है, जिसे डाइट से पूरा कर लिया जाता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Source: IOCL






















