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हमें बचपन की बातें याद क्यों नहीं रहती? समझिए विज्ञान क्या बताता है इसका कारण

किसी को भी याद नहीं होता कि उसने सबसे पहले चलना कैसे सीखा था. बचपन की बातें किसी को याद नहीं रहती. सभी को 5 या 6 साल के बाद की बाते याद रहती हैं. आइए समझते हैं ऐसा क्यों होता है.

क्या आपने कभी विचार किया है कि बड़े होने के साथ-साथ बचपन की यादें धूमिल क्यों हो जाती हैं और हम उन यादों को फिर से जीवंत नहीं कर पाते? जबकि, हमें याद रहता है कि साइकिल को कैसे चलाना है, कार को कैसे चलाते हैं, बस कैसी दिखती है? इसके पीछे एक पूरा विज्ञान है. दरअसल, हमारे दिमाग में तीन तरह की मेमोरी होती है - एक शॉर्ट टर्म मेमोरी और दो लांग टर्म मेमोरी. चलिए विस्तार से समझें कि इन मेमोरी का क्या काम होता है और कैसे हम बचपन की बातें भूल जाते हैं.

लांग टर्म मेमोरी क्या करती है?

बच्चों में दो तरह की लांग टर्म मेमोरी होती है, जिसका विकास उम्र बढ़ने के साथ होता है. पहले प्रकार को साइंस में प्रोसीड्यूरल मेमोरी कहा जाता है, जिसमें क्रियात्मक यादें स्टोर होती हैं, जैसे कि लिखना, खाना, चलना, साइकिल चलाना आदि. ये सभी प्रोसीड्यूरल यादें जीवन भर रहती हैं.

लांग टर्म मेमोरी के दूसरे अंश को सीमेंटिक मेमोरी कहते हैं, जिसमें सामान्य ज्ञान स्टोर होता है. इसमें किसी जानवर को पहचानने, नदी, इमारत, मंदिर आदि की पहचान रहती है. इन चीजों के बारे में हम जीवन भर भूलते नहीं हैं.

शॉर्ट टर्म मेमोरी

फिल्म 'गजनी' में आमिर खान को शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस था, जिसे साइंस की भाषा में एपिसोडिक मेमोरी कहते हैं. इसमें हमारे साथ होने वाली घटनाएं और खास पल स्टोर होते हैं, लेकिन समय के साथ हम उन पलों को भूल जाते हैं. साइंस के अनुसार, एपिसोडिक मेमोरी में 5 साल तक की यादें स्टोर रहती हैं, इसके बाद केवल वे यादें रहती हैं जिन्हें हम बार-बार याद करते हैं. वैज्ञानिकों का दावा है कि 6 साल के बच्चे में न्यूरॉन बेहद कम होते हैं और 6 साल की उम्र से इनका विकास शुरू होता है, इसलिए इस उम्र के आस-पास की घटनाओं को वे याद रखते हैं.

याददाश्त जाने पर क्या होता है?

किसी हादसे या बीमारी की वजह से याददाश्त जाने पर लांग टर्म मेमोरी प्रभावित नहीं होती, सिर्फ एपिसोडिक मेमोरी पर असर पड़ता है. यानी साइकिल चलाना, किसी जानवर को पहचानना जैसी क्रियाएं याद रहती हैं, लेकिन लोग अपना नाम, घर, परिवार को भूल जाते हैं, क्योंकि ये सभी एपिसोडिक मेमोरी का ही हिस्सा होता है.

किसी भी व्यक्ति के दिमाग में न्यूरॉन होते हैं जो सूचनाएं दिमाग के बीच आदान-प्रदान करते हैं और किसी याद को मेमोरी में स्टोर करने का काम करते हैं. साइंस के अनुसार, 6 साल तक के बच्चे में न्यूरॉन बेहद कम होते हैं और इनका विकास इस उम्र से शुरू होता है, इसलिए ये माना जाता है कि इस उम्र के आस-पास की घटनाएं उन्हें याद रहती हैं.

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