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Sunglasses: सनग्लासेज़ कब और किसने पहने थे पहली बार, जानें रंगीन चश्में कब बनाए गए

First Lenses: कहा जाता है कि नज़र के चश्मे का आविष्कार 13वीं सदी में 1282 से 1286 के बीच किया गया था. चश्मे के आविष्कारक के तौर पर इटली के अलैसेंद्रो डि स्पिना और सल्विनो डिली आर्म्टी का नाम मशहूर है.

Sunglasses Invention: कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं, जिनका आविष्कार जब होता है, तो कोई दूर-दूर तक नहीं सोच पाता है कि ये चीज़ आगे जाकर इतनी लोकप्रिय हो जाएगी. ऐसी ही कुछ एसेसरीज़ में शामिल है -धूप से बचाने वाला काला चश्मा. इस धूप से बचाने वाले काले चश्मे को शेड्स या सनग्लासेज़ भी कहते हैं. नाम तो आप कोई भी ले लें, लेकिन ये ऐसी एसेसरी है, जो जरूरत और शौक दोनों पैमानों पर सटीक बैठती है. बॉलीवुड में भी अनेक गाने इस अकेली चीज़ पर बनाए जा चुके हैं और दिलचस्प बात ये है कि इन गानों को पसंद भी खूब किया गया है. आइए चश्मों के इतिहास पर एक नज़र डालते हैं.

चश्मों के आविष्कार को लेकर काफी ज्यादा कनफ्यूज़न है. कहा जाता है कि नज़र के चश्मे का आविष्कार 13वीं सदी में 1282 से 1286 के बीच किया गया था. एनसाइक्लोपीडिया के अनुसार, चश्मे के आविष्कारक के तौर पर इटली के अलैसेंद्रो डि स्पिना और सल्विनो डिली आर्म्टी का नाम मशहूर हैं. फिर भी ज्यादातर जगहों पर अलैसेंद्रो डि स्पिना को ही इसका जनक माना गया है, जबकि आर्म्टी के योगदान को कभी नकारा नहीं जाता है.

कब बनाए गए रंगीन चश्मे

अगर धूप के चश्मे या रंगीन चश्मों की बात की जाए तो माना जाता है कि इसे 12वीं सदी में चाइना में सबसे पहले बनाया गया था. ये रंगीन चश्मे एक तरह के पारदर्शी पत्थर को स्मोक करके बनाए जाते थे, जो सूरज की किरणों को रोकने का काम करता था. इसका फ्रेम खास नहीं होता था, लेकिन ये चश्मे सिर्फ बेहद अमीर लोग ही अफोर्ड कर पाते थे. ज्यादतर इसे चीन के जजेज़ इस्तेमाल किया करते थे, ताकि दूसरे से बात करते समय उनकी भावनाएं किसी को दिखाई न दें. फिर साल 1430 के आसपास नज़र के चश्मों को ही गहरे रंग का बनाकर चीन से इटली में पहुंचाया गया.

20वीं सदी तक फैशन बन गए चश्मे

18वीं सदी में James Ayscough ने नज़र के चश्मों के लेंस को रंगीन करके बनाना शुरू किया. हालांकि ये धूप से बचाने के लिए नहीं बनाया था, बल्कि वे इसके माध्यम से आंखों की रोशनी ठीक करने का दावा कर रहे थे. वे लेंस को नीला और हरे रंग का टिंट दे रहे थे. 20वीं सदी आते-आते मॉडर्न चश्मे पेश होने लगे, जो काले रंग के हुआ करते थे.

हॉलीवुड स्टार्स इन्हें पहनने लगे. 1929 तक Sam Foster की कंपनी ने बड़ी संख्या में चश्मों का प्रोडक्शन शुरू किया. 1930 के दशक तक चश्मे हर रेंज में उपलब्ध किए जाने लगे. आर्मी और एयरफोर्स के लिए भी खास धूप के चश्मे तैयार किए गए, जिसमें पीला रंग पेश किया गया. द्वितीय विश्व युद्ध तक मशहूर एविएटर एंटी ग्लेयर ग्लासेज़ आ गए थे. वहीं 1960-70 के दशक तक तो सनग्लासेज़ का क्रेज़ पूरी दुनिया के सिर चढ़कर बोलने लगा था.

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