बरमूडा ट्रायंगल से भी ज्यादा खतरनाक है ये ट्रायंगल! शैतानी सागर में हर वक्त आंख जमाए रहती है मौत- रूह कंपा देगी हकीकत
बरमूडा ट्रायंगल की तरह ड्रैगन ट्रायंगल रहस्यों से भरा है. यहां जहाजों और विमानों के गायब होने की घटनाएं दर्ज हैं. वैज्ञानिक इसे नेचुरल मानते हैं, लेकिन मान्यताओं के अनुसार यहां समंदर के ड्रैगन रहते हैं.

बरमूडा ट्रायंगल का नाम सुनते ही लोगों की रूह कांप उठती है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि धरती पर एक और रहस्यमयी जगह मौजूद है जिसे ड्रैगन ट्रायंगल या डेविल सी कहा जाता है. इसे बरमूडा ट्रायंगल से भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है क्योंकि यहां गायब हुए जहाजों और विमानों की कहानियां और भी डरावनी है.
कहां है ड्रैगन ट्रायंगल?
यह इलाका जापान के तट के पास प्रशांत महासागर में स्थित है. इस जापानी भाषा में मा-नो-उमी जिसका मतलब है सी ऑफ द डेविल कहा जाता है. इसका क्षेत्रफल एक त्रिकोण जैसा है जो जापान से बोनिन आइसलैंड्स तक फैला हुआ है और इसका एक बड़ा हिस्सा फिलीपीन सागर में आता है.
रहस्यमयी घटनाएं
- इतिहास गवाह है कि 13वीं सदी में मंगोल शासक कुबलई खान ने जापान पर हमला करने के लिए हजारों सैनिकों के साथ समुद्र पार किया था. लेकिन कहा जाता है कि ड्रैगन ट्रायंगल में आए तूफानों ने उसकी पूरी सेना और जहाज को निगल लिया.
- वहीं आधुनिक समय में भी यह इलाका सुरक्षित नहीं रहा. 1940 और 1950 के दशक में यहां कई मछली पकड़ने वाले जहाज और 5 से ज्यादा सैन्य जहाज रहस्यमयी ढंग से गायब हो गए.
- सबसे बड़ा हादसा 1952 में हुआ, जब जापानी सरकार ने कायो मारू नंबर 5 नाम का रिसर्च जहाज यहां भेजा. लेकिन यह जहाज भी अपने 31 क्रु मेंबर के साथ हमेशा के लिए गुम हो गया. इसका मलबा तो मिला, लेकिन लोगों का कोई निशान नहीं मिला. इसके बाद जापान ने इस इलाके को खतरनाक क्षेत्र घोषित कर दिया.
क्यों कहते हैं इसे शैतानी सागर?
चीन और जापान की मान्यताओं के अनुसार इस समुद्र में ड्रैगन रहते हैं जो गुजरने वाले जहाजों पर हमला कर उन्हें समुंद्र की गहराइयों में खींच लेते हैं. यही वजह है कि इसे ड्रैगन ट्रायंगल कहा जाता है.
वैज्ञानिकों की राय
वैज्ञानिक मानते हैं कि यहां अजीबोगरीब घटनाओं की वजह तेज समुद्री धाराएं, भूमिगत ज्वालामुखी और मीथेन गैस हो सकती हैं. इन कारणों से अचानक जहाजों का संतुलन बिगड़ा है और वह समुद्र में डूब जाते हैं. कुछ रिसचर्स का मानना है कि इस इलाके में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों का असर भी असामान्य है जो जहाजों और विमानो के उपकरणों को निष्क्रिय कर देता है
दुनिया का दूसरा बरमूडा ट्रायंगल
बरमूडा ट्रायंगल अटलांटिक महासागर में स्थित है, जबकि ड्रैगन ट्रायंगल प्रशांत महासागर में यानी यह दोनों बिलकुल विपरीत दिशाओं में है. इसी वजह से इसे पेसिफिक बरमूडा ट्रायंगल भी कहा जाता है. वहीं आज भी यह इलाका रहस्य बना हुआ है. जहाजों और विमानों के गायब होने की घटनाओं ने इसे दुनिया के सबसे डरावने समुद्री रहस्यों में शामिल कर दिया है.
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