दुनिया के इस शहर में नॉनवेज पूरी तरह बैन, नियम तोड़ने पर मिलती है यह सजा
भारत के गुजरात राज्य के भावनगर जिले का पालीताना शहर आज पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल पालीताना शहर दुनिया का पहला ऐसा शहर बन गया है, जहां मांसाहारी भोजन पूरी तरह से बैन है.

दुनियाभर में जहां लोग नए-नए स्वाद को चखने के लिए तरह-तरह के नॉनवेज फूड ट्राई करते हैं. वहीं दुनिया में एक ऐसा देश भी है, जहां मटन और चिकन तो दूर अंडा तक नहीं मिलता है. दुनिया के इस शहर में नॉनवेज बेचना और खाना दोनों ही पूरी तरह से कानूनी अपराध माने जाते हैं. इसके अलावा यहां नियम तोड़ने पर सजा भी मिलती है. दरअसल यह जगह अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण दुनिया का ऐसा पहला शहर बन गई है, जहां नॉनवेज पूरी तरह बैन है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कौन सा शहर है जहां नॉनवेज पूरी तरह बैन है और यहां नियम तोड़ने पर सजा मिलती है.
भारत के ही एक शहर में नॉनवेज पूरी तरह बैन
भारत के गुजरात राज्य के भावनगर जिले का पालीताना शहर आज पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल पालीताना शहर दुनिया का पहला ऐसा शहर बन गया है, जहां मांसाहारी भोजन पूरी तरह से बैन है. यहां अब न तो मांस और मछली बेची जा सकती है न हीं अंडा खाया जा सकता है. इसके अलावा यहां जानवरों को मारने पर भी बैन है.
दरअसल पालीताना शहर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है. यहां शत्रुंजय पहाड़ी पर बने करीब 800 से ज्यादा संगमरमर के जैन मंदिर इस शहर की धार्मिक पहचान माने जाते हैं. वहीं जैन धर्म में अहिंसा को सर्वोच्च सिद्धांत माना जाता है. इसी कारण यहां की जैन साधु संत लंबे समय से मांसाहार पर बैन की मांग कर रहे थे. करीब 200 जैन मुनियों ने इसे लेकर हड़ताल करते हुए मांग की थी कि पालीताना में किसी भी तरह की हिंसा खासकर जानवरों की हत्या की अनुमति नहीं होनी चाहिए. जैन मुनियों के लगातार विरोध के बाद प्रशासन ने 250 से ज्यादा कसाई की दुकानों को बंद करवा दिया और शहर को पूरी तरह वेजीटेरियन घोषित कर दिया..
अब क्या है नया नियम?
पालीताना में अब मांस, मछली और अंडे की बिक्री या सेवन करना अपराध माना जाता है. वहीं जो भी व्यक्ति इस नियम को तोड़ता है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. स्थानीय प्रशासन ने भी यह साफ कर दिया है कि शहर में किसी भी तरह का पशु वध या नॉनवेज फूड की बिक्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके अलावा पालीताना की इस ऐतिहासिक पहल ने गुजरात के अन्य शहरों को प्रभावित किया है. राजकोट, वडोदरा, जूनागढ़ और अहमदाबाद जैसे शहरों ने भी सार्वजनिक स्थानों पर मांसाहारी भोजन की बिक्री पर रोक लगा दी है. राजकोट में तो आदेश तक जारी कर दिए गए हैं कि खुले में मांस न पकाया जाए और न ही बेचा जाए.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
इस फैसले को लेकर लोगों की राय भी बंटी हुई है. जहां जैन समुदाय इसे अपनी धार्मिक आस्था की बड़ी जीत मान रहा है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह निर्णय भोजन की स्वतंत्रता पर पाबंदी है और इससे पर्यटन और व्यापार पर असर पड़ सकता है. हालांकि कई लोग इस पल को अहिंसा और वेजिटेरियन लाइफस्टाइल को बढ़ावा देने वाला कदम मानते हैं.
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Source: IOCL






















