विधानसभा सत्र में शामिल न हो कोई विधायक तो क्या होगा, क्या उस महीने नहीं मिलती है सैलरी?
एक विधायक किसी राज्य के विधानसभा क्षेत्र से चुना हुआ जनप्रतिनिधि होता है. सवाल यह है कि अगर विधायक विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होता तो क्या उसके वेतन में कटौती की जा सकती है? चलिए समझते हैं.

MLA यानी विधानसभा का सदस्य एक ऐसा जनप्रतिनिधि होता है, जो किसी राज्य के विधानसभा क्षेत्र से चुना जाता है. भारत में प्रत्येक राज्य की विधानसभा में विधायकों की संख्या उस राज्य की जनसंख्या और क्षेत्र के आधार पर तय होती है. ये विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं और राज्य सरकार की नीतियों व कानूनों को बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन सवाल ये है कि अगर कोई विधायक विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होता तो क्या होता है? तो क्या उनकी सैलरी काट ली जाती है? चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं.
विधायकों को कितनी सैलरी मिलती है?
भारत में विधायकों की सैलरी और भत्तों का निर्धारण प्रत्येक राज्य की सरकार और विधानसभा के नियमों के अनुसार होता है. विधानसभा सत्र में उपस्थिति को लेकर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नियम हैं. लेकिन सामान्य तौर पर अगर कोई विधायक सत्र में शामिल नहीं होता, तो इसका सीधा असर उनकी मासिक सैलरी पर नहीं पड़ता. हालांकि, कुछ राज्यों में सत्र के दौरान अनुपस्थिति पर दैनिक भत्ते में कटौती हो सकती है. उदाहरण के लिए राजस्थान में विधायकों को सत्र के दौरान प्रति दिन 2,000 रुपये का दैनिक भत्ता मिलता है. अगर विधायक सत्र में उपस्थित नहीं होता तो इस भत्ते का भुगतान नहीं किया जाता. हालांकि, उनकी मूल सैलरी जो कि 40,000 रुपये प्रतिमाह है और अन्य भत्ते जैसे निर्वाचन क्षेत्र भत्ता (70,000 रुपये), आमतौर पर प्रभावित नहीं होते.
क्या होती है कार्रवाई?
तो क्या विधायक बिना किसी नुकसान के सत्र से गैरहाजिर रह सकते हैं? दरअसल, ऐसा नहीं है. कई राज्यों में विधानसभा नियमों के तहत अगर कोई विधायक बिना पूर्व सूचना या उचित कारण के लगातार सत्रों में अनुपस्थित रहता है, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है. इसमें निलंबन या अन्य दंड शामिल हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, कुछ राज्यों में अगर विधायक बिना अनुमति के 60 दिनों से अधिक समय तक सत्र से अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सदस्यता तक रद्द की जा सकती है. यह नियम संविधान के अनुच्छेद 190(4) के तहत लागू होता है.
मिलती हैं ये सुविधाएं
विधायकों को सैलरी के अलावा कई तरह के भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं. विधायक को अपने विधानसभा क्षेत्र के लोककल्याण कार्यों पर खर्च के लिए अलग से एमएलए फंड मिलता है. विधायक अपने राज्य की राजधानी के लिए आवास, दैनिक भत्ता, यात्रा भत्ता, रेल और राज्य सरकारी बस की यात्रा विशेष सुविधा और प्राथमिकता वाहन भत्ता जैसी सुविधाएं मिलती हैं. इसके अलावा उसे निजी सचिव व उसका खर्च साथ ही मेडिकल फैसिलिटी भी मिलती है.
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