क्या स्पेस में जल सकती है आग, अगर ऐसा हो जाए तो क्या होगा?
Can Fire Burn In Space: क्या आपने कभी सोचा है कि अगर अंतरिक्ष में आग लग जाए तो क्या होगा? जहां हवा ही नहीं है, वहां जलने की बात सोचकर ही दिमाग घूम जाता है. आइए जानें कि यह कितना व्यावहारिक है.

पंचतत्वों में आग भी एक तत्व है, यह बात तो सभी जानते ही हैं. यह बात भी पता होगी कि आग जलने के लिए ऑक्सीजन की बहुत जरूरत होती है. बिना हवा/ऑक्सीजन के आग का जलना संभव नहीं है. आग इंसानी सभ्यता की बहुत बड़ी खोज में से एक है. अगर आज आग की खोज न हुई होती तो पता नहीं मानव सभ्यता कहां तक पहुंचती. अब सोचिए, अगर ये आग धरती नहीं बल्कि अंतरिक्ष यानी स्पेस में लग जाए तो क्या होगा? सुनने में ये किसी साइंस फिक्शन फिल्म की तरह लगता है, मगर असलियत में वैज्ञानिकों ने इस रहस्य पर गहराई से शोध किया है. आइए जानते हैं.
क्या अंतरिक्ष में लग सकती है आग?
धरती पर आग जलने के लिए तीन चीजें जरूरी होती हैं- ऑक्सीजन, ईंधन और ताप. ये तीनों मिलकर दहन की प्रक्रिया को पूरा करते हैं. लेकिन अंतरिक्ष का माहौल पूरी तरह अलग है, क्योंकि वहां ऑक्सीजन नहीं होती. यानी साधारण हालातों में वहां आग लग ही नहीं सकती. फिर भी, जब अंतरिक्ष स्टेशन जैसे बंद सिस्टम में इंसान काम करते हैं, वहां हवा यानी ऑक्सीजन मौजूद रहती है और यहीं से आग का खतरा शुरू होता है.
कैसी होती है अंतरिक्ष में लगने वाली आग?
NASA और अन्य स्पेस एजेंसियों ने कई बार अंतरिक्ष में आग को लेकर प्रयोग किए हैं. एक मिशन के दौरान Flame Extinguishment Experiment (FLEX) में वैज्ञानिकों ने पाया कि स्पेस में जलने वाली आग गोल आकार की होती है, जबकि धरती पर वह लपटों के रूप में ऊपर उठती है. वजह यह है कि स्पेस में ग्रैविटी नहीं होती है, इसलिए गर्म हवा ऊपर नहीं जाती और लपटें फैलने की बजाय एक जगह सीमित रह जाती हैं.
अंतरिक्ष में आग बुझाना बड़ी चुनौती
इसी वजह से अंतरिक्ष में आग बुझाना भी बेहद मुश्किल होता है. वहां फायर एक्सटिंग्विशर में मौजूद गैसें खास तरह से डिजाइन की जाती हैं, ताकि वो बिना हवा के भी काम कर सकें. वैज्ञानिक कहते हैं कि स्पेस में आग की सबसे बड़ी चुनौती है उसका धीरे-धीरे जलना. क्योंकि बिना हवा के आग फैलती नहीं, लेकिन बुझती भी नहीं, वो लंबे समय तक धधकती रहती है.
आईएसएस में दो बार हुए हादसे
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 1997 और 2011 में दो बार ऐसे हादसे हुए जब छोटे-छोटे उपकरणों में आग की चिंगारी उठी थी. हालांकि, त्वरित कंट्रोल सिस्टम और मॉनिटरिंग की वजह से बड़ा नुकसान नहीं हुआ. इसीलिए अंतरिक्ष यात्रियों को फायर सेफ्टी की खास ट्रेनिंग दी जाती है और हर स्टेशन में एयरलॉक सिस्टम रहता है, ताकि जरूरत पड़ने पर प्रभावित हिस्से को तुरंत सील किया जा सके.
यह भी पढ़ें: ऊंचाई पर पहुंचते ही कम हो जाती है ऑक्सीजन, फिर हवाई जहाज के अंदर सांस कैसे ले पाते हैं यात्री?
Source: IOCL






















