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Rajya Sabha: राज्यसभा का असली नाम क्या है, आम भाषा में उसे इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता?

क्या आप जानते हैं कि राज्यसभा में कितनी सीटें होती हैं. आज हम आपको बताएंगे कि राज्य सभा का असली नाम क्या है, आखिर इसे क्यों लोग बोलचाल की भाषा में नहीं बोलते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम पद का कार्यभार संभालने के बाद आज यानी 10 जून के दिन कैबिनेट की पहली बैठक की है. जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों से जुड़े, गरीबों को आवास देने के अलावा कई अन्य फैसलों पर मुहर लगाई है. लेकिन लोकसभा के बाद क्या आप जानते हैं कि राज्यसभा का चुनाव कब होता है और राज्यसभा का असली नाम क्या है? आज हम आपको बताएंगे कि राज्यसभा का असली नाम क्या है और इसे आम बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता है.  

लोकसभा में कितने सांसद?

बता दें कि वर्तमान में लोकसभा में 543 सीटें हैं. जिस पर देश की जनता ने 543 सांसदों को चुनकर लोकसभा भेजा है. बता दें कि राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होता है और राज्यसभा कभी भंग नहीं होता है. राज्यसभा में 250 सदस्य होते हैं. इनमें से 238 सदस्य चुने जाते हैं, जबकि बाकी 12 सदस्यों को राष्ट्रपति नामित करते हैं. किस राज्य से कितने राज्यसभा सदस्य होंगे, ये वहां की आबादी के आधार पर तय होता है.

राज्यसभा

राज्यसभा का इतिहास 1919 के समय का है. ब्रिटिश इंडिया में उस समय एक ऊपरी सदन बनाया गया था. तब इसे काउंसिल ऑफ स्टेट कहा जाता था. वहीं आजादी के बाद 3 अप्रैल 1952 को राज्यसभा का गठन हुआ था. इसके बाद 23 अगस्त 1954 को इसका नाम काउंसिल ऑफ स्टेट से बदलकर राज्यसभा कर दिया गया था. हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी भी इसे उच्च सदन या ऊपरी सदन कहा जाता है. लेकिन आमभाषा में कभी भी लोग इसे उच्च सदन नहीं कहते हैं. अधिकांश लोग इसे राज्यसभा के नाम से ही जानते हैं. 

राज्यों की कितनी सीटें?

राज्यसभा में राज्यों की सीटें अलग-अलग निर्धारित है. बता दें कि आंध्र प्रदेश(कुल सीटों की संख्या – 11), अरुणाचल प्रदेश (कुल सीटों की संख्या – 1), असम (सीटों की कुल संख्या – 7), बिहार (कुल सीटों की संख्या – 16), छत्तीसगढ़ (कुल सीटों की संख्या – 5),गोवा (कुल सीटों की संख्या – 1), गुजरात (कुल सीटों की संख्या – 11),हरियाणा (सीटों की कुल संख्या – 5),हिमाचल प्रदेश (कुल सीटों की संख्या – 3),जम्मू और कश्मीर (सीटों की कुल संख्या – 4),झारखंड (कुल सीटों की संख्या – 6), कर्नाटक (कुल सीटों की संख्या – 12),केरल  (कुल सीटों की संख्या – 9),मध्य प्रदेश (कुल सीटों की संख्या – 11),महाराष्ट्र (कुल सीटों की संख्या – 19), मणिपुर (कुल सीटों की संख्या – 1), मेघालय (कुल सीटों की संख्या – 1),मिजोरम (कुल सीटों की संख्या – 1),नागालैंड (कुल सीटों की संख्या – 1) ,ओडिशा (कुल सीटों की संख्या – 10) ,पंजाब (कुल सीटों की संख्या – 7), राजस्थान (कुल सीटों की संख्या – 10),सिक्किम (कुल सीटों की संख्या – 1),तमिलनाडु (कुल सीटों की संख्या – 18),तेलंगाना (कुल सीटों की संख्या – 7),त्रिपुरा (कुल सीटों की संख्या – 1),उत्तर प्रदेश (कुल सीटों की संख्या – 31) ,उत्तराखंड (कुल सीटों की संख्या – 3),पश्चिम बंगाल (कुल सीटों की संख्या – 16) है. 

ये भी पढ़ें: Parliament: संसद में सत्ता और विपक्ष पक्ष कहां बैठते, कौन सांसद कहां बैठेगा कैसे होता है तय?

गिरिजांश गोपालन को मीडिया इंडस्ट्री में चार साल से ज्यादा का अनुभव है. फिलहाल वह डिजिटल में सक्रिय हैं, लेकिन इनके पास प्रिंट मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है. दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद गिरिजांश ने नवभारत टाइम्स अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की. उन्हें घूमना बेहद पसंद है. पहाड़ों पर चढ़ना, कैंपिंग-हाइकिंग करना और नई जगहों को एक्सप्लोर करना उनकी हॉबी में शुमार है। यही कारण है कि वह तीन साल से पहाड़ों में ज्यादा वक्त बिता रहे हैं. अपने अनुभव और दुनियाभर की खूबसूरत जगहों को अपने लेखन-फोटो के जरिए सोशल मीडिया के रास्ते लोगों तक पहुंचाते हैं.
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