क्या बार-बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट से 150 साल तक जिंदा रह सकता है इंसान? पुतिन और जिनपिंग की बातचीत में कितना सच
Vladimir Putin and Xi Jinping discussing Organ Transplants: ऑर्गन ट्रांसप्लांट ने लाखों लोगों को नई जिंदगी दी है, लेकिन क्या बार-बार अंग बदलकर इंसान 150 साल तक जी सकता है? चलिए जानें.

बीजिंग की सैन्य परेड के दौरान हुई एक दिलचस्प बातचीत ने दुनिया का ध्यान खींचा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच चर्चा का विषय राजनीति नहीं, बल्कि इंसानी उम्र थी. इस दौरान पुतिन ने दावा किया कि अगर ऑर्गन ट्रांसप्लांट बार-बार किया जाए, तो इंसान न केवल बुढ़ापे को टाल सकता है, बल्कि 150 साल तक जी सकता है. उनकी यह बात शायद मजाक में रही हो, लेकिन इससे सवाल यह उठता है कि क्या ऑर्गन ट्रांसप्लांट के जरिए 150 साल जिंदा रहना हकीकत है या फिर फसाना? आइए समझें.
ऑर्गन ट्रांसप्लांट की उपलब्धियां
ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोई नया कॉन्सेप्ट नहीं है. पिछले दशकों में लाखों लोगों की जान इस तकनीक ने बचाई है. बीबीसी की एक रिपोर्ट की मानें तो एनएचएस ब्लड एंड ट्रांसप्लांट के आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ ब्रिटेन में ही पिछले 30 सालों में 1 लाख से अधिक लोग अंग प्रत्यारोपण से नई जिंदगी पा चुके हैं.
किडनी ट्रांसप्लांट के कुछ उदाहरण ऐसे भी हैं जो 50 साल से अधिक समय तक चलते रहे. जीवित डोनर से मिली किडनी 20-25 साल तक काम कर सकती है, जबकि मृतक डोनर की किडनी आमतौर पर 15-20 साल चलती है. इसी तरह, लिवर करीब 20 साल, दिल औसतन 15 साल और फेफड़े 10 साल तक ट्रांसप्लांट के बाद ठीक से काम कर पाते हैं.
मुश्किलें और सीमाएं
हालांकि, हर ट्रांसप्लांट आसान नहीं होता है. सर्जरी अपने आप में जोखिम भरी होती है और बार-बार ऑपरेशन करवाना किसी जुए से कम नहीं है. ट्रांसप्लांट के बाद मरीज को जीवनभर इम्यूनोसप्रेसेंट दवाएं लेनी पड़ती हैं, ताकि शरीर नया अंग स्वीकार कर सके. इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स गंभीर हो सकते हैं जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, संक्रमण का खतरा और यहां तक कि अंग अस्वीकृति भी हो सकती है. कभी-कभी मरीज का इम्यून सिस्टम ट्रांसप्लांट अंग को बाहरी मानकर उस पर अटैक कर देता है, जिससे मरीज की जान को खतरा हो जाता है.
विज्ञान की अगली दिशा क्या?
वैज्ञानिक केवल ट्रांसप्लांट पर ही नहीं टिके हैं. स्टेम सेल थेरेपी, बायोप्रिंटिंग, प्लाज्मा रिप्लेसमेंट और रीजेनेरेटिव मेडिसिन जैसे क्षेत्रों में रिसर्च तेजी से बढ़ रहा है. ये रिसर्च बेहद उत्साहजनक हैं, लेकिन अभी शुरुआती चरण में हैं. ऐसे में यह कहना फिलहाल असंभव है कि क्या इनसे इंसान की अधिकतम उम्र सचमुच बढ़ाई जा सकेगी. कुल मिलाकर देखा जाए तो ऑर्गन ट्रांसप्लांट इंसान को जिंदगी का दूसरा मौका जरूर देता है, लेकिन अमरत्व या 150 साल की उम्र की गारंटी फिलहाल सिर्फ चर्चा और कल्पना का विषय है.
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