Stray Dogs: आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट ने भी जताई चिंता, जानें क्या कहता है कानून
Street Dogs: आवारा कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों के मामले पर स्वत: संज्ञान लेने की मांग की गई है.
Street Dogs: देशभर में लगातार आवारा कुत्तों का कहर बढ़ता जा रहा है, रोजाना कुत्तों के काटने के अलग-अलग और भयावह मामले सामने आ रहे हैं. इसके कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं, इसी बीच मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर चिंता जाहिर की. इस दौरान गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से हुई बच्चे की मौत का भी जिक्र किया गया. जिसके बाद अब इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया जा सकता है, लेकिन इसी बीच आपको आवारा कुत्तों को लेकर नियम और कानून को भी जानना जरूरी है.
कुत्तों के खिलाफ अपराध पर सजा
एक तरफ जहां आवारा कुत्तों को लेकर सख्त नियम और दिशा-निर्देश जारी करने की मांग उठ रही है, वहीं दूसरी तरफ पशु प्रेमी भी हैं, जो लगातार इन आवारा कुत्तों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं. कुत्तों के साथ किसी भी तरह की क्रूरता या फिर दुर्व्यवहार की स्थिति में किसी शख्स को जेल तक की हवा खानी पड़ सकती है.
क्या कहता है कानून?
नियम के मुताबिक आप किसी आवारा कुत्ते को उसकी जगह से नहीं हटा सकते हैं, यानी उसे किसी सोसाइटी या फिर मोहल्ले से ऐसे ही नहीं हटाया जा सकता है. धारा 428 और 429 के तहत आवारा कुत्तों को मारना अपराध है. अगर कोई आवारा कुत्तों को मारने या परेशान करने की कोशिश करता है तो इसकी शिकायत पुलिस में भी की जा सकती है. ऐसे जानवरों को मारने या फिर जहर देने के लिए आपको पांच साल तक की जेल हो सकती है, वहीं क्रूरता के लिए तीन महीने तक जेल में काटने पड़ सकते हैं.
आवारा कुत्तों के मामले में 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी एक फैसला सुनाया था. जिसमें कहा गया था कि जानवरों को कानूनन दया और सम्मान के तहत व्यवहार का अधिकार है. इस दौरान कुत्तों को भोजन के अधिकार की बात भी कही गई थी. हालांकि हाईकोर्ट ने कहा कि इस अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए आसपास के लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.