हर SMS खुद बताता है अपनी पहचान, जानें किस अक्षर से खुल जाता है पूरा मामला?
साइबर फ्रॉड के मामले काफी तेजी के साथ बढ़े हैं. फ्रॉड करने वाले नए-नए तरीकों का इजाद कर रहे हैं, उन्हीं में से एक है मैसेज का गलत इस्तेमाल. चलिए आपको बताते हैं कि कौन सा एसएमएस फ्रॉड है कौन सा नहीं.

Spam messages: साइबर अपराधियों ने अपराध करने के लिए नए-नए तरीकों का इजाद किया है. इसमें डिजिटल अरेस्ट से लेकर स्पैम मैसेज तक आम हो गए हैं. आपको मैसेज मिलता है कि फला कंपनी में आपको इतने रुपये का इनाम मिलेगा, आप इतना रुपया दे दीजिए और लोग दे देते हैं. फ्रॉड के एक दो नहीं हजारों मामले रोज आते हैं और उनका पैटर्न कई बार मिलता जुलता है.
ऐसे में भारत सरकार लोगों को साइबर फ्रॉड की घटनाओं से बचाने के लिए कई कदम उठा रही है. इसमें एक है आपके मोबाइल पर आने वाले मैसेज को पहचानने का तरीका. आपको पता होना चाहिए कि कौन-सा एसएमएस (SMS) फ्रॉड हो सकता है और कौन सा नहीं. इसके लिए आपको सतर्क रहने की जरूरत है. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
एसएमएस(SMS) की पहचान कैसे करें?
- अगर आपके फोन में कोई टेक्स्ट मैसेज आता है और उस मैसेज के लास्ट में G लिखा है तो इसका मतलब वो सरकार के तरफ से आया है.
- अगर किसी मैसेज के लास्ट में P लिखा है तो वो मैसेज प्रमोशनल मैसेज है.
- अगर किसी मैसेज के लास्ट में T लिखा है तो वह बैंक ट्रांजेक्शन से संबंधित मैसेज है.
- अगर किसी मैसेज के लास्ट में S लिखा है तो इसका मतलब है कि वह किसी सर्विस से रिलेटेड मैसेज है.
अगर किसी मैसेज के लास्ट में कुछ भी नहीं लिखा है तो वो स्कैम से संबंधित एसएमएस हो सकता है. ऐसे में आपको अलर्ट रहने की जरूरत है. अब आपके मन में प्रश्न होगा कि सकैमर्स भी तो ऐसे एसएमएस भेज सकता है, जिसके लास्ट में G,P,T और S लिखा हो? ऐसे में आपको बता दें कि यह संभव नहीं है. दरअसल, मैसेज के लास्ट में स्पेशल कैरेक्टर उन्हीं SMS में लगा होता है, जो Telecom Regulatory Authority Of India में रजिस्टर होते हैं. साइबर स्कैमर्स के लिए ऐसा कर पाना संभव ही नहीं है.
मैसेज से होने वाला फ्रॉड
भारत में वाट्सएप से होने वाले फ्रॉड के मामले में काफी तेजी के साथ बढोतरी हुई है. लोकल सर्किल्स के एक सर्वे से इस बात का पता चला है कि 42 प्रतिशत भारतीयों को फर्जी मैसेज से वर्क फ्रॉम होम का अवसर मिला था. हालांकि इसके लिए उनसे पहले एडवांस में पैसों की मांग की गई थी. इसके अलावा इसी सर्वे में 35 प्रतिशत यूजर्स ने बताया कि उनके रिश्तेदार या जानकार के नाम का फर्जी उपयोग करके उनसे पैसे, मोबाइल रिचार्ज या गिफ्ट कार्ड की मांग की गई थी. यह सर्वे देशभर के 312 जिलों में किया गया था, जिसमें 22,000 लोगों ने जवाब दिया था.
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Source: IOCL






















