Pm Security Protocol Rules: किस किताब में लिखे होते हैं प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकॉल, येलोबुक से यह कितनी अलग?
Pm Security Protocol Rules: येलोबुक की तरह से प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए भी पूरा रोडमैप तैयार किया जाता है. जिसमें बारीक से बारीक बात का ध्यान रखा जाता है, जिससे कि पीएम को कोई परेशानी न हो.

Pm Security Protocol Rules: हाल ही में राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ने को लेकर सवाल उठे हैं. सीआरपीएफ ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया है कि मलेशिया ट्रिप के दौरान राहुल गांधी ने येलोबुक प्रोटोकॉल को तोड़ा है. हमारी पिछली खबर में आपने यह तो जान लिया कि आखिर येलोबुक क्या होती है और इसमें कौन से नियम लिखे होते हैं. अब जानते हैं कि आखिर प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकॉल आखिर किस किताब में लिखे होते हैं और यह येलोबुक से कितनी अलग है.
क्या है ब्लू बुक और क्यों जरूरी है?
प्रधानमंत्री की सुरक्षा पूरे देश में सबसे ज्यादा संवेदनशील मानी जाती है. उनकी सुरक्षा के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उन्हें एक खास दस्तावेज़ ‘ब्लू बुक’ कहा जाता है. इसमें साफ-साफ लिखा होता है कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कौन-कौन से कदम उठाए जाएंगे और किन प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है.
कैसे बनती है सुरक्षा योजना?
जब भी प्रधानमंत्री किसी राज्य का दौरा करने वाले होते हैं, तो सबसे पहले उनकी यात्रा से जुड़ी जानकारी राज्य के बड़े अधिकारियों के साथ शेयर की जाती है. इसके बाद एक बड़ी बैठक होती है, जिसमें एसपीजी राज्य के वरिष्ठ अधिकारी और जिले के सबसे बड़े अधिकारी यानी जिलाधिकारी शामिल रहते हैं.
इस बैठक में यह तय होता है कि प्रधानमंत्री किस रास्ते से जाएंगे, कितनी देर रुकेंगे, उनके साथ कौन लोग रहेंगे और किसी इमरजेंसी में क्या विकल्प होंगे. ब्लू बुक के हिसाब से प्रधानमंत्री के लिए हमेशा दो रूट तैयार किए जाते हैं, एक मुख्य रास्ता और दूसरा बैकअप, ताकि अगर अचानक कोई दिक्कत आए तो दूसरा रास्ता तुरंत इस्तेमाल किया जा सके.
यात्रा से पहले क्या होता है?
प्रधानमंत्री के किसी भी कार्यक्रम से लगभग तीन दिन पहले एसपीजी की एक टीम उस जगह भेज दी जाती है. इसे एडवांस सिक्योरिटी लायजन टीम (ASL Team) कहते हैं. इसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो, राज्य पुलिस और जिला प्रशासन के अफसर भी शामिल होते हैं. ये टीम हर छोटे-बड़े पहलू की जांच करती है और सुनिश्चित करती है कि रास्ता और जगह पूरी तरह सुरक्षित हो.
प्रधानमंत्री का काफिला
प्रधानमंत्री के काफिले में भी कई खास इंतजाम रहते हैं. उनकी कार के साथ-साथ दो डमी कारें भी चलती हैं, ताकि किसी को असली कार का पता न चले, साथ ही जैमर लगी गाड़ियां भी होती हैं, जो करीब 100 मीटर दूर से ही बम या किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को निष्क्रिय कर सकती हैं.
हवाई और सड़क यात्रा के क्या हैं नियम
अगर प्रधानमंत्री को हवाई यात्रा करनी हो, तो मौसम साफ होना चाहिए और कम से कम 1000 मीटर की विजिबिलिटी जरूरी है. अगर मौसम खराब हो और यह संभव न हो तो सड़क मार्ग चुना जाता है, लेकिन अगर सड़क मार्ग भी सुरक्षित या संभव न हो, तो ऐसे मामले में पीएम की यात्रा रद्द कर दी जाती है.
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Source: IOCL






















