Rahul Gandhi Yellow Book Protocol: राहुल गांधी ने नहीं माना येलोबुक प्रोटोकॉल, क्या इसके खिलाफ केस दर्ज करवा सकती है CRPF?
Rahul Gandhi Yellow Book Protocol: राहुल गांधी पर आरोप लगा है कि विदेश दौरे के दौरान उन्होंने येलोबुक प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है. चलिए जानें कि क्या इसके लिए CRPF केस दर्ज करा सकती है?

Rahul Gandhi Yellow Book Protocol: कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर सुरक्षा नियमों को तोड़ने का आरोप लगा है. सीआरपीएफ ने मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर इस बारे में बताया है. खबर है कि मलेशिया ट्रिप के दौरान राहुल गांधी ने नियमों का उल्लंघन किया है. ऐसे में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने वाली सीआरपीएफ ने कांग्रेस अध्यक्ष को येलोबुक प्रोटोकॉल तोड़ने की सूचना दी है. सीआरपीएफ का कहना है कि इससे वीवीआईपी की सुरक्षा का खतरा पैदा होता है.
चलिए जानें कि अगर कोई वीवीआईपी येलोबुक प्रोटोकॉल तोड़ता है तो उसके खिलाफ सीआरपीएफ केस दर्ज करा सकती है या नहीं?
क्या है येलोबुक प्रोटोकॉल?
येलोबुक प्रोटोकॉल गृह मंत्रालय के द्वारा जारी कराया जाता है. इसमें वीवीआईपी की सुरक्षा को लेकर अलग-अलग स्तर के अलग-अलग प्रोटोकॉल जारी किए जाते हैं. वीवीआईपी शख्स को इसे फॉलो करना जरूरी होता है. इस बुक में लिखा नियम कहता है कि अगर कोई वीवीआईपी कहीं कोई यात्रा कर रहा है तो उससे पहले सुरक्षा की कमान संभालने वाली एजेंसी को इस बात की जानकारी देनी चाहिए. जिससे कि पहले से ही सुरक्षा का प्रबंध किया जा सके.
इसके तहत कैसे दी जाती है सुरक्षा?
सुरक्षा की गंभीरता को मद्देनजर रखते हुए अलग-अलग लोगों को अलग-अलग स्तर पर Z+, Z, Y और X सुरक्षा प्रदान की जाती है. सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा शाखा राहुल गांधी को जेड प्लस (ASL) सशत्र सुरक्षा प्रदान करती है. इसके अनुसार राहुल गांधी को जब भी कहीं बाहर जाना होता है तो 10-12 के आसपास सीआरपीएफ कमांडो उनको नजदीकी सुरक्षा प्रदान करते हैं. वहीं ASL के एक भाग के रूप में राहुल गांधी द्वारा किए जाने वाले दौरे का प्रारंभिक निरीक्षण करता है.
येलोबुक प्रोटोकॉल के तहत अगर कोई वीवीआईपी विदेश यात्रा करता है तो उसे 15 दिन पहले सुरक्षा एजेंसी को इस बात की सूचना देनी जरूरी होती है. राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने बार-बार इस नियम का उल्लंघन किया है.
क्या सीआरपीएफ दर्ज करा सकती है शिकायत
येलो बुक प्रोटोकॉल की अनदेखी करना केवल अनुशासन का उल्लंघन नहीं बल्कि कई बार सुरक्षा कानूनों के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है. अगर कोई सरकारी आदेश की अवहेलना करता है उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 223, धारा 132 के तहत सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य से रोकना और लोक सेवक के काम में बाधा डालना जैसी धाराएं सीधे तौर पर लागू हो सकती हैं.
CRPF का अधिकार
कानूनन CRPF को सीधे एफआईआर दर्ज करने का अधिकार नहीं होता है. हालांकि अगर सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ा जाता है तो CRPF अधिकारी इसकी लिखित शिकायत स्थानीय पुलिस अथवा संबंधित एजेंसी को भेजते हैं. इसके बाद पुलिस एफआईआर दर्ज करती है और मामले की जांच होती है. यदि उल्लंघन किसी CRPF कर्मी द्वारा ही हुआ हो तो बल अपने स्तर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करता है. अगर कोई नागरिक या अधिकारी इन प्रोटोकॉल का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ पुलिस केस दर्ज होना तय है.
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Source: IOCL
























