टेक्नोलॉजी से लेकर थाली तक... भारत में घर-घर तक कैसे पहुंच गए जापानी प्रोडक्ट्स, पीएम मोदी जा रहे इसी देश
जापानी प्रोडक्ट्स जो कभी टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल तक सीमित थे अब भारत के घर-घर तक पहुंच चुके हैं. चाहे वह टेक्नोलॉजी हो या फिर थाली में सुशी का स्वाद. चलिए जानें इन सबने भारत में अपनी जगह कैसे बनाई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29-30 अगस्त 2025 को दो दिवसीय जापान दौरे पर जा रहे हैं. पीएम मोदी की जापान की आठवीं यात्रा होगी. जहां वह 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. यह दौरा न वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगा. ऐसे में चलिए जानते हैं कि जापानी उत्पाद, जो कभी टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल तक सीमित थे अब भारत के घर-घर तक कैसे पहुंच चुके हैं.
ऐतिहासिक शुरुआत और ऑटोमोबाइल क्रांति
1980 के दशक में भारत में जापानी उत्पादों की एंट्री का सबसे बड़ा प्रतीक थी मारुति सुजुकी. 1983 में मारुति 800 के लॉन्च ने भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार को बदल दिया. जापान की सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन और भारत सरकार की साझेदारी ने किफायती और भरोसेमंद कारों को मध्यम वर्ग तक पहुंचाया. आज मारुति सुजुकी भारत में सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है जिसकी बाजार हिस्सेदारी 40% से अधिक है.
टेक्नोलॉजी का जापानी जादू
जापानी टेक्नोलॉजी ने भारत के घरों में गहरी पैठ बनाई है. सोनी, पैनासोनिक, तोशिबा जैसे ब्रांड टीवी, कैमरा और घरेलू उपकरणों के लिए जाने जाते हैं. भारत में स्मार्टफोन बाजार में भी जापानी कंपनियां जैसे सोनी और शार्प अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं.
भारतीय बच्चों के दिल में भी बनाई खास जगह
मशहूर जापानी एनिमेशन सीरीज डोरेमोन, शिनचैन, पोकेमॉन ने भारतीय बच्चों के दिलों में विशेष जगह बनाई है. इन एनिमे की लोकप्रियता इतनी है कि भारत में इनके प्रसारण से टेलीविजन चैनलों की टीआरपी कई गुना बढ़ गई.
जापानी संस्कृति का स्वाद
जापानी खान-पान ने भी भारत में अपनी जगह बनाई है. सुशी, रेमन और टेम्पुरा जैसे व्यंजन अब केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं हैं. भारत में जापानी रेस्तरां और फूड चेन की संख्या बढ़ रही है. इसके पीछे जापानी संस्कृति के प्रति बढ़ता आकर्षण और ग्लोबल फूड ट्रेंड्स का प्रभाव है.
क्यों अहम है ये दौरा
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
























