क्या है RATS, जिसका अध्यक्ष बना पाकिस्तान? जान लीजिए इसकी पावर
SCO-RATS शंघाई सहयोग संगठन का स्थाई अंग है, जो आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से निपटने के लिए काम करता है. यह सदस्य देशों को इंटेलिजेंस शेयरिंग, जॉइंट एक्सरसाइज और आतंकवाद फंडिंग रोकने में मदद करता है.

आतंकी फंडिंग और दुनियाभर में आतंकी घटनाओं के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान को अब आतंकवाद पर रोकथाम की ही जिम्मेदारी मिली है. यह खबर ठीक वैसे ही है जैसे बंद के हाथ में उस्तरा दे देना. दरअसल, पाकिस्तान को चीन की मदद से शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रीजनल एंटी टेररिस्ट स्ट्रक्चर (RATS) का अध्यक्ष बनाया गया है. एक बैठक में पाकिस्तान को 2025-26 के लिए SCO-RATS का अध्यक्षता सौंपी गई है.
पाकिस्तान को RATS का अध्यक्ष बनाना चीन और अमेरिका जैसे देशों की दोहरी नीति को भी उजागर करता है. एक तरफ दोनों देश आतंकी घटनाओं के विरोध में आवाज उठाते हैं, दूसरी तरह ये देश आतंकवाद परस्त पाकिस्तान को बैक डोर से सपोर्ट भी करते हैं. हालांकि, RATS जैसी पावरफुल बॉडी की अध्यक्षता पाकिस्तान को मिलना भारत के लिए चिंता की वजह बन सकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं RATS क्या है और यह कितना पावरफुल है...
क्या है SCO-RATS?
RATS, शंघाई सहयोग संगठन का एक स्थाई अंग है, जिसे आतंकवाद, अलगावाद और उग्रवाद से लड़ने के लिए बनाया गया है. इसका मुख्यालय ताशकंद, उज्बेकिस्तान में है. 2002 में सेंट पीटर्सबर्ग में SCO बैठक के दौरान इसे औपचारिक रूप दिया गया और 2004 से यह काम कर रहा है. इसका मकसद सदस्य देशों के बीच इंटेलिजेंस शेयरिंग, काउंटर टेररिज्म और कोऑर्डिनेशन और संयुक्त पहल के जरिए सामूहिक सुरक्षा को बढ़ाना है.
कितना पावरफुल है RATS?
SCO-RATS को आतंकवाद से लड़ने वाला सबसे असरदार प्लेटफार्म माना जाता है. इसकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह सदस्य देशों को एक साथ लाकर इंटेलिजेंस शेयरिंग डेटाबेस बनाने और जॉइंट एक्सरसाइज कराने का काम करता है. RATS के पास टेरर ऑर्गेनाइजेशन और उनसे जुड़े लोगों की डिटेल्स मौजूद रहती हैं, जिससे नेटवर्क पकड़ने और उनकी फंडिंग रोकने में मदद मिलती है. यही नहीं बॉर्डर सिक्योरिटी ड्रिल्स ऑनलाइन टेरर प्रोपेगैंडा रोकने और सालाना एंटी टेरर ट्रेनिंग एक्सरसाइज के जरिए यह देश की क्षमता भी बढ़ता है. यूएन और इंटरपोल जैसी एजेंसी के साथ कोऑर्डिनेशन इसकी पावर को और स्ट्रांग बनता है. इसीलिए इसे SCO का सबसे एक्टिव और इंपॉर्टेंट विंग कहा जाता है.
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