(Source: ECI | ABP NEWS)
ये दिल मांगे मोर... कारगिल में दुश्मन से लोहा लेने वाले विक्रम बत्रा ने क्यों कही थी ये बात?
Captain Vikram Batra Martyr Day: कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा आज ही के दिन शहीद हो गए थे. इस युद्ध में उन्होंने कहा था ये दिल मांगे मोर, आखिर उन्होंने यही क्यों कहा था.

कारगिल युद्ध के दौरान 20 जून 1999 को प्वाइंट 5140 को फतह करने के लिए परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा ने एक लाइन कही थी ये दिल मांगे मोर. यही वो लाइन थी, जिसके बाद उनके साथियों में जोश बढ़ गया था और उन्होंने साथियों समेत दुश्मन पर चढ़ाई कर दी थी. इसी नारे की वजह से उन्होंने दुश्मनों को ढेर कर जीत हासिल की थी. आज भी यह नारा पूरे देश में गूंजा है और साल 2014 में पालमपुर की चुनावी रैली में पीएम मोदी ने भी अपनी रैली के दौरा इस नारे का इस्तेमाल किया था. आज ही वो दिन है, जब कैप्टन विक्रम बत्रा दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. लोग उनके सर्वोच्च बलिदान को बिल्कुल भी भूले नहीं हैं. चलिए जानें कि आखिर उन्होंने यह नारा क्यों दिया था.
विक्रम बत्रा ने क्यों कहा था ये दिल मांगे मोर
कारगिल युद्ध को बीते हुए 26 साल हो चुके हैं, लेकिन जब भी ये दिल मांगे मोर कहा जाता है तो आंखों के सामने कैप्टन विक्रम बत्रा की तस्वीर नजर आती है. लेकिन क्या आपको पता है कि उन्होंने अपने कमांडिंग ऑफिसर कर्नल वाईके जोशी से ये दिल मांगे मोर ही क्यों कहा था. दरअसल इसके पीछे भी कहानी है. कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना की वायरलेस फ्रीक्वेंसी को लगातार इंटरसेप्ट करके प्लान सुनने की कोशिश करती रहती थी. कई बार वे खामोशी भारतीय सेना के प्लान को सुनते थे, तो कभी भारतीय सेना की कम्युनिकेशन में अवरोध पैदा करने की कोशिश करते थे. इसीलिए सेना सीधे तौर पर अपनी रणनीति न तो वायरलेस पर डिस्कस करती थी और न ही अपने आगे के कदम के बारे में कुछ बताती थी.
कोडवर्ड में होती थीं बातें
उस दौरान वायरलेस से इस खतरे को देखते हुए सारी बातें कोडवर्ड में की जाती थीं. जिससे कि कमांड और वॉर जोन के बीच क्या बात हुई है, उसे कोई भी समझ न सके. इसीलिए ये दिल मांगे मोर भी एक कोडवर्ड था, जो यह बता रहा था कि प्वाइंट 5140 को लेकर सेना की आगे की जीत की रणनीति क्या थी. प्वाइंट 5140 पर जीत के बाद कर्नल वाईके जोशी से बातचीत के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा ने तीन कोडवर्ड इस्तेमाल किए थे, पहला था चाणक्य, दूसरा था शेरशाह और तीसरा था ये दिल मांगे मोर.
ये दिल मांगे मोर का मतलब
यहां चाणक्य कर्नल वाईके जोशी का कोड नेम था, कैप्टन विक्रम बत्रा का कोडनेम था शेरशाह वहीं तीसरा कोडवर्ड ये दिल मांगे मोर ऑपरेशन की तत्कालिक स्थिति को दर्शाता था. ये पूरी लाइन कैप्टन विक्रम बत्रा ने यूं कही थी कि चाणक्य…शेरशाह इज रिपोर्टिंग…ये दिल मांगे मोर! इसका मतलब था कि हम प्वाइंट 5140 पर जीत हासिल कर चुके हैं और अब हम आगे के प्वाइंट्स पर हमला करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं.
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