Rupee Currency: सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि इन देशों की करेंसी को भी कहा जाता है रुपया, जानें कौन-कौन से देश शामिल?
Rupee Currency: भारत के अलावा कई और देशों में भी आधिकारिक मुद्रा को रुपया ही कहते हैं. आइए जानते हो सभी देशों के बारे में और साथ ही यह भी कैसे यह शब्द भारत की सीमाओं से दूर तक फैला.

Rupee Currency: ज्यादातर लोग रुपये शब्द को सिर्फ भारत से जोड़ते हैं. लेकिन आपको बता दें कि इसका इतिहास कई देशों में फैला हुआ है. इस शब्द को संस्कृत भाषा के 'रौप्या' से लिया गया है. जिसका मतलब होता है चांदी या फिर गढ़ी हुई चांदी. यह शब्द 16वीं सदी में शेर शाह सूरी के द्वारा शुरू की गई एक मानकीकृत मुद्रा का आधार बना. समय के साथ यह शब्द भारत की सीमाओं से बहुत दूर तक फैल गया और कई देशों में आधिकारिक मुद्रा का नाम बन गया. आइए जानते हैं उन्हीं देशों के बारे में.
दूर तक फैली हैं जड़ें
रुपये की यात्रा भारतीय उपमहाद्वीप में शुरू हुई लेकिन मुगल काल के दौरान इसका काफी ज्यादा विस्तार हुआ और ब्रिटिश शासन के तहत यह और भी ज्यादा मजबूत हुआ. कॉलोनियल एडमिनिस्ट्रेशन ने बड़े क्षेत्रों में रुपये का इस्तेमाल किया जिस वजह से यह दक्षिण एशिया और यहां तक की हिंद महासागर क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भी एक जाना पहचाना नाम बन गया. आजादी के बाद कई देशों ने सांस्कृतिक पहचान, प्रशासनिक निरंतर और लंबे समय से स्थापित वित्तीय प्रणाली की वजह से यह नाम बनाए रखा.
किन देशों में रुपया नाम का इस्तेमाल होता है?
भारत अभी भी भारतीय रुपया का इस्तेमाल करता है जिसका प्रतीक ₹ है. पाकिस्तान ने 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तानी रुपया अपनाया और उसी ऐतिहासिक वंश को बनाए रखा. इसी के साथ नेपाल भी नेपाली रुपया का इस्तेमाल करता है. हालांकि करीबी आर्थिक संबंध की वजह से कई जगहों में भारतीय रुपया भी चलता है. इतना ही नहीं बल्कि श्रीलंका में भी श्रीलंका रुपया का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं मॉरीशस में भी मॉरीशस रुपये का इस्तेमाल किया जाता है. यह भारत के साथ मजबूत ऐतिहासिक और आर्थिक संबंधों की विरासत है जो बंधुआ मजदूरी और समुद्री व्यापार की युग से चली आ रही है. इसी तरह सेशेल्स में भी सेशेल्स रुपये का इस्तेमाल किया जाता है.
रुपये शब्द से लिए गए कुछ और मुद्रा शब्द
जिस तरह कुछ देश आधिकारिक तौर पर ही रुपये शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं कुछ ऐसे भी देश है जिनके नाम इस संस्कृत मूल से लिए गए हैं. इंडोनेशिया का रुपिया चांदी आधारित मुद्रा की इस प्राचीन अवधारणा से ही बना है. वहीं मालदीव का रूफिया भी संस्कृत मूल रौप्या से ही निकला है. इन दोनों नाम की वर्तनी अलग है लेकिन उत्पत्ति भारत की पुरानी मौद्रिक परंपरा से ही हुई है.
इसी के साथ आपको बता दें कि भले ही इन करेंसी का नाम और इतिहास एक जैसा हो लेकिन इनकी कीमतें काफी ज्यादा अलग हैं. हर देश का रुपया या फिर उसके भाषाई रूप अपनी आर्थिक स्थिति, महंगाई के स्तर पर मॉनिटरी पॉलिसी को दिखता है.
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