हर साल दहेज के लिए मार दी जाती हैं इतनी महिलाएं, आंकड़े देखकर पैरों के नीचे से खिसक जाएगी जमीन
ग्रेटर नोएडा में 28 वर्षीय निक्की भाटी की दहेज के लिए बेरहमी से हत्या ने देश को झकझोर दिया है. यह मामला दहेज प्रथा की जड़ों और सामाजिक दबावों को उजागर करता है जो कानून के बावजूद समाज में है.

भारत में आज भी दहेज प्रथा एक गंभीर समस्या बनी हुई है. यह एक ऐसी बुराई है जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देती है. हालांकि सरकार ने इससे निपटने के लिए कई कानून और योजनाएं बनाई है लेकिन इसके बावजूद इसके मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट्स के आधार पर भारत में हर साल दहेज के कारण हजारों महिलाएं अपनी जान गंवाती हैं. चलिए इन्हीं आंकड़ों के आधार पर समझते हैं कि हर दिन कितनी महिलाएं हो रही हैं दहेज उत्पीड़न का शिकार कितनी महिलाओं की हो जाती है मौत.
क्या है ताजा मामला
ताजा मामला ग्रेटर नोएडा का है जहां 28 वर्षीय निक्की भाटी की बेरहमी से हत्या ने देश को झकझोर दिया है. 21 अगस्त 2025 को निक्की को उनके ससुराल में कथित तौर पर पति विपिन भाटी और सास दया ने ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी जिसके बाद उनकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई. ये मामला चौंकाने वाला है और इसने महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिये हैं. दशकों से इसपर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बने हैं लेकिन फिर भी हर साल सैकड़ों औरतें दहेज की भेंट चढ़ जाती हैं.
क्या कहती है एनसीआरबी की रिपोर्ट
- एक रिपोर्ट के मुताबिक 18 से 49 साल की 29 प्रतिशत महिलाओं को अपने पति से शारीरिक या यौन हिंसा झेलना पड़ा है.
- 21.3 प्रतिशत महिलाओं ने शरीर में कटने और चोट लगने की शिकायत मिली.
- 7.1 प्रतिशत महिलाओं की आंखों में चोट लगने, मोच आने या जला होने की शिकायत मिली.
- 6.5 प्रतिशत महिलाओं को काफी गहरी चोट लगीं जिसमें उनकी टूटी हड्डियां गहरे घव, दांत टूटने या अन्य गंभीर चोट शामिल है.
- 3.4 प्रतिशत महिलाओं के शरीर में गंभीर रूप से जले के निशान पाए गए
- 24 प्रतिशत महिलाओं के शरीर में भी ऐसी ही चोटें पाई गईं.
इस राज्य में सबसे ज्यादा दहेज हत्या
उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्य दहेज हत्याओं के मामले में सबसे आगे हैं. 2022 में, उत्तर प्रदेश में 2,218 मामले दर्ज किए गए जो देश में सबसे अधिक हैं. इसके बाद बिहार (1,057) और मध्य प्रदेश (518) का स्थान है.
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Source: IOCL






















