क्या है सलवा जुडूम केस, जिसे लेकर विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर वामपंथी होने का आरोप लगा रही BJP?
विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी पर बीजेपी ने वामपंथी होने का आरोप लगाया है. बीजेपी ने ये आरोप सलवा जुडूम केस के फैसले को लेकर लगाया है. चलिए जानते हैं क्या है ये केस.

देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से उपराष्ट्रपति का पद खाली था. अब इस पद के लिए चुनाव होने हैं जिसकी तारीख का ऐलान भी हो चुका है. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए में NDA ने सीपी राधाकृष्णन और INDIA गठबंधन ने बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर गृहमंत्री अमित शाह ने सलवा जुडूम केस के फैसले को लेकर आरोप लगाया है. चलिए जानते हैं क्या है ये केस जिसे लेकर उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर BJP लगा रही ये आरोप.
क्या है सलवा जुडूम केस
सलवा जुडूम छत्तीसगढ़ में 2005 में शुरू किया गया एक नक्सल विरोधी अभियान था. इसका उद्देश्य बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलवाद का मुकाबला करना और उन्हें रोकना था. इस अभियान के तहत स्थानीय आदिवासियों को संगठित कर उन्हें हथियार और प्रशिक्षण देकर नक्सलियों के खिलाफ खड़ा किया गया. छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र के समर्थन से शुरू हुए इस आंदोलन का नेतृत्व स्थानीय आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा ने किया था. सलवा जुडूम का अर्थ है 'शांति मार्च' और यह अभियान शुरू में नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी साबित हुआ. लेकिन इसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे. मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इस अभियान ने आदिवासियों को जबरन विस्थापित किया, उनके अधिकारों का हनन किया और हिंसा को बढ़ावा दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
भारी खून खराबे को देखते हुए कई संगठनों ने इस अभियान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी की बेंच ने सलवा जुडूम को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया. इस फैसले के बाद सलवा जुडूम पर रोक लग गई. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को ये भी आदेश दिया कि इनके पास मौजूद सभी हथियारों को जब्त कर लिया जाए.
अमित शाह के आरोप
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि रेड्डी का सलवा जुडूम पर फैसला नक्सल विरोधी लड़ाई को कमजोर करने वाला था. बीजेपी ने आरोप लगाया कि रेड्डी की विचारधारा वामपंथी है और वामपंथी दलों के दबाव में कांग्रेस ने एक ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. इतना ही नहीं बीजेपी का दावा है कि अगर सलवा जुडूम पर रोक नहीं लगती, तो नक्सलवाद 2020 तक खत्म हो गया होता.
रेड्डी का जवाब
सुदर्शन रेड्डी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सलवा जुडूम पर फैसला उनका व्यक्तिगत नहीं था बल्कि सुप्रीम कोर्ट का था. उन्होंने कहा कि वह हमेशा संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं और नक्सलवाद का समर्थन करने का आरोप निराधार है. रेड्डी ने यह भी कहा कि अमित शाह को 40 पन्नों के फैसले को पढ़ना चाहिए जिससे स्थिति स्पष्ट हो.
इसे भी पढ़ें-संन्यास लेने से पहले क्रिकेटर्स को किसे देनी होती है सूचना, क्या है इसका नियम?
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
























