तीन साल में 255 पैसेंजर्स नो फ्लाई लिस्ट में शामिल, ऐसे लोगों पर क्या होता है एक्शन?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में 82 लोगों को तो 2023 में 110 लोगों को ब्लैक लिस्ट किया गया. इसके अलावा 2022 में 63 पैसेंजर्स को नो फ्लाई लिस्ट में शामिल किया गया.

हवाई जहाज में सफर करते वक्त दुर्व्यवहार, झगड़ा या मारपीट करने वाले पैसेंजर्स को एयरलाइंस नो फ्लाई जोन में शामिल कर देती हैं. क्या आपको पता है कि हर साल कितने मुसाफिरों को नो फ्लाई जोन में डाला जाता है? ऐसे पैसेंजर्स के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है और इससे उन्हें क्या दिक्कत हो सकती है? आइए आपको इससे जुड़े हर नियम से रूबरू कराते हैं.
तीन साल में इतने पैसेंजर्स नो फ्लाई लिस्ट में शामिल
जानकारी के मुताबिक, पिछले तीन साल के दौरान 255 पैसेंजर्स को नो फ्लाई जोन में रखा गया है. यह जानकारी केंद्र सरकार ने सोमवार (10 फरवरी) को संसद में दी. इसमें बताया गया कि पिछले तीन साल में एयरलाइंस ने 255 यात्रियों को अलग-अलग कारणों से 'नो फ्लाई लिस्ट' में रखा गया है. इन कारणों में दुर्व्यवहार, झगड़े और चालक दल के सदस्यों के साथ मारपीट की घटनाएं शामिल हैं.
हर साल इतने लोग हुए ब्लैक लिस्ट
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में कुल 82 लोगों को इस सूची में रखा गया, जबकि 2023 में 110 लोगों को ब्लैक लिस्ट किया गया. इसके अलावा 2022 में 63 पैसेंजर्स को नो फ्लाई लिस्ट में शामिल किया गया. एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा में कहा कि यात्रियों को दुर्व्यवहार, झगड़े और चालक दल के सदस्यों के साथ मारपीट की घटनाओं के कारण 'नो फ्लाई लिस्ट' (उड़ान नहीं भरने देने वाली सूची) में रखा गया था.
पैसेंजर्स को क्या होता है नुकसान?
अगर किसी पैसेंजर का नाम नो फ्लाई लिस्ट में शामिल होता है तो उस पर हवाई यात्रा करने पर प्रतिबंध लग जाता है. यह बैन कुछ वक्त से लेकर आजीवन भी हो सकता है. जानकारी के मुताबिक, इस तरह के बैन के कई लेवल होते हैं. पहले लेवल में मौखिक अनुचित व्यवहार को रखा जाता है. इस तरह के मामलों में तीन महीने का प्रतिबंध लगता है. दूसरे स्तर में शारीरिक अनुचित व्यवहार आता है, जिसके तहत छह महीने का प्रतिबंध लग सकता है. तीसरे स्तर पर जानलेवा धमकी वाले व्यवहार को रखा जाता है. इस तरह के मामलों में कम से कम दो साल और ज्यादा से ज्यादा अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लग सकता है.
कैसे निकल सकते हैं इस लिस्ट से बाहर?
अगर किसी पैसेंजर को नो फ्लाई लिस्ट में डाल दिया गया है तो वह बैन लगने के 60 दिन के अंदर इसके खिलाफ अपील कर सकता है. यह अपील नागर विमानन मंत्रालय की ओर से बनी कमेटी में करनी होती है, जिसमें हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज, पैसेंजर्स असोसिएशन के प्रतिनिधि और एयरलाइंस के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. पैसेंजर की अपील पर सुनवाई के बाद बैन कायम रखने या उसे हटाने पर फैसला लिया जाता है.
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Source: IOCL





















