सपना चौधरी के होटल रूम का दरवाजा तोड़ने की कोशिश, ऐसे केस में कितनी मिलती है सजा?
Sapna Chaudhary: महिला से बदतमीजी और गाली गलौच एक संगीन अपराध की श्रेणी में आता है और इस अपराध के अगर आरोप तय हो जाएं तो बीएनएस की संगीन धाराओं में मुकदमा हो सकता है.

हरियाणा की मशहूर सिंगर और डांस सपना चौधरी ने छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक कॉन्सर्ट किया, जिसमें उनके साथ बदतमीजी करने का मामला सामने आया है. दरअसल, 13 अक्टूबर की रात को कोरबा के जश्न रिसॉर्ट में सपना चौधरी के कॉन्सर्ट के दौरान उनसे बदतमीजी हुई. इस दौरान उपद्रवियों ने शराब पीकर उनके कमरे का दरवाजा तोड़ा और आरोप है कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दे डाली. अब ऐसे में पुलिस इस मामले में किन धाराओं के तहत कार्रवाई करती है और ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर कितनी सजा मिल सकती है आइए आपको बताते हैं.
महिला से बदतमीजी और बल प्रयोग पर इस धारा के तहत हो सकती है सजा!
दरअसल, महिला से बदतमीजी और गाली गलौच एक संगीन अपराध की श्रेणी में आता है और इस अपराध के अगर आरोप तय हो जाएं तो बीएनएस की संगीन धाराओं में मुकदमा हो सकता है. सबसे पहले पुलिस जिस धारा का इस्तेमाल कर सकती है वो है बीएनएस- 74. इस धारा के तहत महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से उस पर हमला करना, जान माल की क्षति पहुंचाना और बल प्रयोग करने जैसे अपराधों की सजा दी जाती है. इस धारा के तहत जो कोई स्त्री पर हमला करेगा, आपराधिक बल का प्रयोग करेगा और उसकी लज्जा को भंग करने का प्रयास भी अगर करेगा तो कम से कम एक वर्ष का कारावास और जुर्माना हो सकता है. हालांकि गंभीर मामलों में इसे 5 वर्ष तक भी बढ़ाया जा सकता है. ये एक गैर जमानती अपराध है और इस केस की सुनवाई लचीलापन लाने के लिए किसी भी जज से कराई जा सकती है.
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जान से मारने की धमकी पर लग सकती हैं ये धाराएं
आपको बता दें कि किसी को जान से मारने की धमकी देने या डर और असुरक्षा का माहौल बनाने के लिए बीएनएस की धारा 351 के तहत कार्रवाई हो सकती है. लेकिन सवाल ये उठता है कि ये धारा या फिर BNS 351(1) (2) (3) (4) लागू कब होती है और हो जाए तो सजा कितनी मिलती है. सबसे पहले फरियादी जब एफआईआर कराता है तो बीएनएस के तहत पहले धारा को एफआईआर में मेंशन किया जाता है. इसके बाद अदालत में इन धाराओं के तहत कार्यवाही चलती है जिसमें आरोपी को 7 साल तक की कैद और भारी जुर्माने से दंडित किया जा सकता है.
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शराब पीकर उत्पात मचाने पर इन धाराओं के तहत हो सकती है सजा
नशे में धुत होकर किसी की निजी संपत्ति में घुसना और उत्पात मचाने के लिए बीएनएस की धारा 355 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है. इस धारा के तहत जो कोई व्यक्ति नशे की हालत में किसी निजी संपत्ति या सार्वजनिक स्थान पर जहां जाना मना हो उत्पात मचाता है जिससे वहां रह रहे लोगों को या मौजूद लोगों को समस्या खड़ी होती है तो ऐसे आरापों में बीएनएस की धारा 355 लागू होती है. ऐसे में अगर आरोप सिद्ध हो जाए तो साधारण कारावास हो सकता है जो कम से कम 24 घंटे का होता है. इसके अलावा 10 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
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Source: IOCL























