भारत के इस प्रधानमंत्री को पसंद थी कुल्हड़ वाली चाय, ट्रेन में सफर करते वक्त करते थे खास फरमाइश
भारत में कई ऐसे प्रधानमंत्री हुए जिन्होंने न केवल अपने नेतृत्व और नीतियों से देश को दिशा दी बल्कि उनके शौक अक्सर चर्चा में रहे हैं. चलिए जानें कि किस प्रधानमंत्री को कुल्हड़ में चाय पीने का शौक था.

खाना-पीना सिर्फ भूख मिटाने का जरिया नहीं बल्कि ये परंपराओं और भावनाओं का हिस्सा भी होता है. भारत जैसे देश में जहां हर कोने में अलग स्वाद और संस्कृति मिलती है यहां खाना-पान हर इंसान के जीवन का एक खास हिस्सा है. चाहे वो आम आदमी हो, नेता हो या कोई मशहूर हस्ती खाने-पीने का शौक हर किसी को एक दूसरे से जोड़ता है. हमारे देश मे कई ऐसे प्रधानमंत्री भी हुए जिन्होंने अपने बिजी शेड्यूल के बावजूद कभी भी खाने-पीने में समझौत नहीं किया. लेकिन आज हम बात करेंगे उस प्रधानमंत्री की जिन्हें कुल्हड़ में चाय पीना बहुत पसंद था इतना ही नहीं ट्रेन में सफर करते वक्त भी कुल्हड़ वाली चाय की फरमाइश करते. चलिए जानते हैं इनके बारे में.
इंदिरा गांधी को पसंद थी कुल्हड़ वाली चाय
हम बात कर रहे हैं देश की 'आयरन लेडी' प्रधानमंत्री इंदिरा के बारे में. इंदिरा गांधी को कुल्हड़ वाली चाय का स्वाद बहुत भाता था. कुल्हड़ की चाय उन्हें इतनी पसंद थी कि जब वो ट्रेन से सफर करती थीं, तो उनकी एक खास फरमाइश होती थी. वो चायवाले से कहती थीं कि चाय कुल्हड़ में दी जाए और उसमें इलायची और अदरक का हल्का स्वाद हो. ट्रेन के सफर में वो अक्सर किताबें पढ़ती थीं और चाय की चुस्कियों के साथ देश के मुद्दों पर सोच-विचार करती थीं.
उषा भगत की किताब में जिक्र
इस बात का जिक्र इंदिरा गांधी की सोशल सेक्रेट्री रहीं उषा भगत ने अपनी किताब 'इंदिराजी थ्रू माई आइज' में किया है. उषा ने अपनी किताब में इंदिरा गांधी के खाने-पीने की चीजों का विस्तार से जिक्र किया है. बता दें कि इंदिरा गांधी के खाने और खिलाने का बड़ा शौक था. उनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें कावियर बेहद पसंद था. कावियर एक खास तरह के मछली के अंडे होते हैं.
चुनौतीपूर्ण रहा इंदिरा का कार्यकाल
इंदिरा गांधी का कार्यकाल चुनौतियों से भरा था. 1975 में आपातकाल और 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसे फैसलों ने उन्हें विवादों में भी लाया. 31 अक्टूबर 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों, बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने उनकी हत्या कर दी. इस घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया. इस घटना के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क उठे जिसमें हजारों लोग मारे गए इस घटना ने भारत की राजनीति और समाज में गहरा प्रभाव छोड़ा.
इसे भी पढ़ें-यहां नौकरी पर झपकी लेना माना जाता है सम्मान, लेकिन भारत में क्यों है अपमान?
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















