यहां हुई थी इतिहास की सबसे महंगी पार्टी, जिसने इस देश की सत्ता को ही बदल दिया
World Most Expensive Party: क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे महंगी पार्टी कौन सी थी. इसमें करोड़ों रुपये खर्च हुए थे, लेकिन इसके बाद उस देश की सरकार गिर गई थी.

ईरान और इजराइल का युद्ध इस वक्त पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. दोनों देशों को इसमें बहुत नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन फिर भी कोई मानने को तैयार नहीं है. वहीं अमेरिका के भी इस जंग में कूद जाने से माहौल और खराब हो चुका है व जंग के लंबे चलने की आशंका बढ़ गई है. इस युद्ध की वजह से न सिर्फ व्यापार को मोर्चे पर नुकसान होगा, बल्कि कई पश्चिमी एशियाई देशों के साथ भारत के व्यापार पर भी असर देखने को मिल सकता है. ईरान की बात चल रही है, तो चलिए आज हम आपको ईरानी शासक की एक ऐसी पार्टी के बारे में बताते हैं, जिसकी चर्चा आज भी होती है. कहा जाता है कि इस पार्टी के बाद ही ईरान में तख्तापलट हो गया था.
कहां हुई थी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी
साल 1971 की बात है, उस वक्त ईरान की अर्थव्यवस्था बहुत खराब थी. वहां के लोग गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे है. आलम यह था कि लोगों को साफ पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा था, लेकिन उस वक्त सरकार ने इतनी महंगी पार्टी का आयोजन किया, जिसमें करीब 843 रुपये से ज्यादा का खर्चा आया. इस पार्टी में इतनी फिजूलखर्ची हुई कि वहां की जनता भड़क गई. इसका नतीजा यह हुआ कि लोगों में शासन के खिलाफ गुस्सा भड़क गया और इसी वजह से वहां की सरकार भी गिर गई.
65 देशों के प्रतिनिधि भी हुए थे शामिल
उस वक्त ईरान में मोहम्मद रजा पहलवी का शासन था और देश पश्चिमी कल्चर से बहुत प्रभावित था. उस वक्त देश में बहुत खुलेपन का माहौल हुआ करता था. वहां के शासक मोहम्मद रजा पहलवी ने 1971 में पर्सेपोलिस में फारसी साम्राज्य की 2500वीं वर्षगांठ मनाने के लिए इतनी बड़ी पार्टी का आयोजन किया था. यह पार्टी पर्सेपोलिस के रेगिस्तान में हुई थी. यहां पर प्राचीन राजा साइरस द ग्रेट की कब्र थी. इस पार्टी की खासियत थी कि यहां पर 65 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे.
फ्रांस से आया था 18 टन खाना
उस दौर में इस पार्टी के लिए विदेशों से 18 टन खाना मंगाया गया था. इस दौरान 25,000 शराब की बोतलें और 100 विमान मेहमानों को लाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे. सिर्फ पार्टी की तैयारी में एक साल का वक्त लगा था. तेहरान में उस वक्त होटल कम थे, इसलिए रेगिस्तान में तंबुओं का एक अस्थाई शहर बनाया गया था, सड़कें बनीं और शाही महल जैसे तंबू लगाए गए और खाना तो फ्रांस से आया था. रेगिस्तान को हरा-भरा दिखाने की कोशिश के लिए 50 हजार पक्षी लाए गए थे, लेकिन ज्यादातर गर्मी की वजह से मर गए.
क्यों हुआ तख्तापलट
इसी शाही पार्टी में हुई फिजूलखर्ची की वजह से ईरान की जनता में रोष था कि वो लोग साफ पानी तक के लिए तरस रहे थे और उनको लगा कि शाह को जनता की कोई फिक्र ही नहीं है. इस गुस्से ने शाह के पतन को बढ़ावा दिया और 1979 में ईरानी क्रांति हुई. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अयातुल्ला खुमैनी की अगुआई में जनता ने शाह का तख्तपलट कर दिया और पूरे देश को इस्लामिक गणराज्य घोषित कर दिया गया.
यह भी पढ़ें: किन लोगों को बैन करती है सेबी, शेयर मार्केट की सलाह देने के लिए कौन-सा कोर्स करना जरूरी?
Source: IOCL





















