क्या अनपढ़ और जाहिल है पाकिस्तान का हर तीसरा इंसान, जानें कितना लाचार हमारा पड़ोसी मुल्क?
Literacy Rate In Pakistan: आज पाकिस्तान भले ही जंग के लिए कितनी भी धमकियां दे ले, लेकिन पढ़ाई-लिखाई के मामले में भारत से उसका कोई मुकाबला नहीं है. चलिए पाकिस्तान की साक्षरता दर के बारे में जानें.

शिक्षा यानि पढ़ाई लिखाई हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है. यह हमारे अंदर ज्ञान, कौशल और समझ का विकास करती है और बेहतर जिंदगी जीने के लिए हमारी मदद करती है. शिक्षा के जरिए हम सही, गलत की समझ विकसित कर पाते हैं और समस्याओं को हल में यह हमें सक्षम बनाती है. अगर कोई इंसान अपनी जिंदगी में शिक्षा से वंचित हो गया तो उसने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ खोया है. यही वजह है कि हमारे देश में ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है और बच्चे उनके विद्या और बुद्धि का वरदान मांगते हैं. तभी तो भारत में साक्षरता की दर 74.04% है. लेकिन बात-बात पर युद्ध और हमले की धमकी देने वाला पाकिस्तान साक्षरता की दौड़ में कहां टिकता है. चलिए जानें.
दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहा पाकिस्तान
भारत और पाकिस्तान दो आजाद मुल्क हैं और दोनों ने एकसाथ आजादी पाई थी. एक तरफ भारत जहां पिछले 78 सालों में भारत ने बहुत डेवलपमेंट पा लिया है, वहीं दूसरी ओर पातिस्तानी शिक्षा की बजाए सिर्फ गोला-बारूद और आतंक पर ध्यान दे रहे हैं. यही वजह है कि पाकिस्तानी नागरिकों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वे दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं. शिक्षा इसकी सबसे बड़ी वजह है. अगर आज हम भारत और पाकिस्तान के बीच साक्षरता की दर की तुलना करने पर आएं तो हैरान करने वाले आंकड़े सामने आएंगे. यह दोनों देशों के विकास स्तर, शिक्षा और सामाजिक प्रणालियों में भिन्नताओं की ओर इशारा करता है.
पाकिस्तान की साक्षरता दर
साल 2024 की एक रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान की साक्षरता दर भारत की तुलना में काफी कम है. पिछले साल पाकिस्तान की साक्षरता दर 58% थी. लेकिन वहां भी क्षेत्र के हिसाब से साक्षरता दर में फर्क है. शहरी इलाकों में लोग ज्यादा पढ़े-लिखे हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में यह संख्या काफी कम है. पड़ोसी मुल्क में शिक्षा की गुणवत्ता और सुलभता को लेकर कई चुनौतियां हैं. वहां की सरकार ने पढ़े पाकिस्तान और बुनियादी शिक्षा परियोजना जैसी पहल शुरू की हैं. लेकिन बढ़ते हुए आतंकवाद, आर्थिक स्थितरता और राजनीतिक उथल-पुथल इसमें बड़ी चुनौती है.
कितनी महिला और कितने पढ़े-लिखे पुरुष
पाकिस्तान में पुरुषों की साक्षरता दर 73-80% के बीच है, तो वहीं महिलाओं में यह 52-60% के बीच में है. साउथ एशिया के अन्य देशों की तुलना में पाकिस्तान अपने मुल्क में शिक्षा पर कम ही खर्चा करता है. रिपोर्ट्स की मानें तो 2019 में भी पाकिस्तान में साक्षरता दर 58% थी. Statista की मानें तो 2019 में पाकिस्तान में 22.8 मिलियन बच्चे स्कूलों से बाहर थे, यह नाइजीरिया के बाद दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आकंड़ा था.
हैरान करती है यूनेस्को की रिपोर्ट
साल 2019 में आई यूनेस्को की एक रिपोर्ट की मानें तो 2030 तक चार में से एक पाकिस्तानी बच्चा अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर पाएगा. पाकिस्तान के डॉन अखबार का कहना था कि उस वक्त तक 50 फीसदी युवा अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी नहीं कर पाए हैं.
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Source: IOCL
























