लगातार कितने दिन तक युद्ध लड़ सकता है इजरायल, जानें उसके पास कितनी मिसाइलें?
ईरान और इजरायल पिछले 10 दिनों से एक दूसरे से लड़ रहे हैं और फिलहाल इस जंग के समाप्त होने की संभावना नहीं है. चलिए, आपको बताते हैं कि ईरान से कितने दिनों तक लड़ सकता है इजरायल.

13 जून को ईरान औरइजरायल के बीच शुरू हुई जंग को आज 10 दिन हो चुके हैं. इन 10 दिनों में दोनों देशों ने एक दूसरे को तबाह करने के लिए अपने हथियारों के सारे जखीरे को खोल दिया है. मिसाइलों से एक दूसरे को निशाना बनाया जा रहा है. ऐसे में हमारे मन में सवाल आता है कि आखिर इजरायल जैसे छोटे देश के पास कितनी ताकत है. उसके युद्धभंडार में कितने हथियार मौजूद हैं, जिससे वह ईरान को लगातार चोट पहुंचा सकता है और इन हथियारों के दम पर वह कितने दिनों तक अकेले लड़ाई लड़ सकता है? अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल हैं तो चलिए इसका उत्तर विस्तार से जानते हैं.
कितने दिनों तक लड़ सकता है इजरायल
ईरान के खिलाफ इजरायल बिना अमेरिका की सहायता के ज्यादा दिनों तक लड़ाई नहीं लड़ सकता है. जिस तरह इजरायल पूरी ताकत के साथ ईरान से भिड़ा है, उसको दो हफ्ते के भीतर इस जंग को रोकना पड़ सकता है. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि इजरायल और ईरान के बीच चल रही इस जंग पर लगातार नजर बनाए विश्लेषकों का मानना है. उनके हिसाब से अगर यह लड़ाई लंबी चलती है तो फिर इजरायल को थकान और रणनीतिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है. मिलिट्री इंटेलिजेंस के पूर्व प्रमुख और आईएनएसएस के सीनियर एनालिस्ट अमोस यादलिन का मानना है कि बगैर अमेरिकी सहायता के इजरायल को 10 से 15 दिनों में के भीतर ठहराव की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. अगर इजरायली मिसाइलों की संख्या की बात करें तो इसके बारे में कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है.
ईरानी प्रॉक्सी ग्रुप्स इजरायल के लिए खतरा
इजरायल इस समय सिर्फ ईरान से ही जंग नहीं लड़ रहा, उसकी लड़ाई ईरान के साथ-साथ उसके प्रॉक्सी ग्रुप्स के साथ भी है. प्रॉक्सी ग्रुप्स ईरान के लिए एक मजबूत स्तंभ के तौर पर काम कर रहे हैं. हिजबुल्लाह, हूती और इराकी मिलिशिया एक साथ मिलकर इजरायल को थका सकते हैं. पश्चिम एशिया में ईरान की विदेश नीति का एक अहम हिस्सा उसके प्रॉक्सी ग्रुप्स हैं, जो इजरायल के लिए लगातार खतरा बनते जा रहे हैं. हिजबुल्लाह (लेबनान), हमास और हूती विद्रोही (यमन) और कई मिलिशिया समूह (सीरिया और इराक) ईरान द्वारा वित्त पोषित और प्रशिक्षित किए जाते हैं. ये समूह न सिर्फ इजरायल की सीमाओं के आसपास सक्रिय हैं, बल्कि कई बार रॉकेट हमलों और ड्रोन अटैक्स के जरिए इजरायल की डिफेंस सिस्टम को चुनौती भी दे चुके हैं. इस्राइली डिफेंस एनलिस्ट भी मानते हैं कि इस युद्ध में ईरान के प्रॉक्सी ग्रुप गोपनीय रूप से पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं. यही कारण है कि 10वें दिन अमेरिका ने भी मोर्चा संभाल लिया है.
इसे भी पढ़ें- उम्र 50 पार, फिर भी इनसे शादी करने वालों की लंबी कतार, जानें कौन हैं देश के मोस्ट एलिजिबल बैचलर्स?
Source: IOCL





















