कौन सा देश परमाणु बम बना रहा कौन सा नहीं, इसका पता कैसे लगता है और कौन करता है निगरानी?
परमाणु हथियार को लेकर दुनिया में काफी बवाल मचा हुआ है. इसका ताजा उदाहरण ईरान और इजरायल के बीच चल रही जंग है. इजरायल को डर है कि अगर ईरान परमाणु बम बना लेता है तो उसके अस्तित्व पर खतरा आ सकता है.

परमाणु बम दुनिया का ऐसा हथियार है, जिसके पास पूरी मानव सभ्यता को नष्ट करने की क्षमता है. यह कितना खतरनाक है अगर इसको देखना है तो आप जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों को देख सकते हैं, जहां इसकी छाप आज भी दिखाई देती है. अमेरिका ने जापान के इन दोनों शहरों पर 1945 में परमाणु बम से हमला किया था, जहां इसका असर आज भी है. यही कारण है कि इजरायल नहीं चाहता कि ईरान के पास परमाणु बम हो.
अगर एक बार ईरान के पास परमाणु बम की क्षमता आ जाती है तो पूरे मिडिल ईस्ट रीजन में इजरायल का दबदबा लगभग खत्म हो जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि दुनिया के बाकी देशों को कैसे पता चलता है कि कौन सा देश परमाणु बम बना रहा है या उसके पास परमाणु बम बनाने का सामान है? अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल हैं तो इनके उत्तर विस्तार से जानते हैं.
कैसे पता चलता है कौन सा देश बना रहा परमाणु बम?
कौन सा देश परमाणु बम बना रहा है, इसको पता करने के तमाम तरीके होते हैं. इसमें पहला काम खुफिया एजेंसियों का है. हर देश में दूसरे देश की खुफिया एजेंसियां काम करती हैं. उनका मुख्य काम उस देश में क्या चल रहा है? हथियारों को लेकर कौन से नए रिसर्च पर काम हो रहा है? क्या-क्या सीक्रेट मिशन उस देश में जारी हैं? ये उसके बारे में डेटा इकठ्ठा करती हैं. इसमें अगर परमाणु हथियारों से जुड़ी कोई जानकारी निकल कर सामने आती है तो इसकी जानकारी इंटरनेशनल लेवल पर शेयर की जाती है, ताकि उस देश के न्यूक्लियर मिशन को रोका जा सके. खुफिया एजेंसियों के अलावा इसकी निगरानी सैटेलाइट के जरिए भी की जाती है. इसका उपयोग परमाणु रिएक्टरों की तस्वीरें लेने और निगरानी करने के लिए किया जाता है. उदाहरण के तौर पर अमेरिका ने जब ईरान न्यूक्लियर प्लांट पर हमला किया तो उसके बाद वहां की सैटेलाइट तस्वीरें निकलकर सामने आईं हैं, जिसमें बम के धमाके से बने गड्ढे दिख रहे हैं.
इसके अलावा इंटरनेशनल परमाणु ऊर्जा एजेंसी भी इसमें अहम रोल निभाती है. इसका काम परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना है. 2011 में IAEA की रिपोर्ट में यह बताया गया था कि ईरान साल 2003 तक ही परमाणु बम बनाने की गतिविधियों के करीब पहुंच गया था. इसके बाद ईरानी यूरेनियम संवर्धन गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया था.
क्या सभी देशों की जानकारी पता चल जाती है?
हालांकि, इतना सब होने के बाद भी कौन सा देश परमाणु बनाने की दिशा में क्या काम कर रहा है इसकी सटीक जानकारी नहीं मिलती है. उदाहरण के तौर पर इजरायल न तो कभी मानता है कि उसके पास परमाणु बम है और न ही इससे इनकार करता है. इतनी खोजबीन के बावजूद सटीक जानकारी नहीं जुटाई जा सकी है.
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Source: IOCL





















